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ब्रिटेन में 'कश्मीर-कश्मीर' रटने वाले पाकिस्तान की आंख के तारे को 'पानी पिलाने' वालीं ये सोनिया कौन हैं?

ब्रिटेन में भारत मूल की सिख समुदाय की सोनिया कुमार ने मार्को लॉन्गी को हराकर डडले सीट पर जीत हासिल की है. सोनिया कुमार डडले सीट का प्रतिनिधित्व करने वालीं पहली महिला सांसद बन गई हैं.

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ब्रिटेन के आम चुनाव में भारत मूल की सोनिया कुमार को डडली सीट पर विजय मिली है.
नई दिल्ली:

पाकिस्तान मूल के ब्रिटेन (Britain) वासी वोटरों को खुश करने के लिए कश्मीर को लेकर अलगाववादी सोच को हवा देने वाले कंजरवेटिव उम्मीदवार मार्को लॉन्गी (Marco Longhi) की चुनाव में 'हवा' निकल गई. डडले (Dudley) सीट पर उनको भारत मूल की सोनिया कुमार (Sonia Kumar) ने पराजित कर दिया. ब्रिटेन के सन 2019 के आम चुनाव में डडले नार्थ सीट पर मार्को लॉन्गी को जीत मिली थी. वे इस बार फिर चुनाव लड़े. उनके खिलाफ लेबर पार्टी की सोनिया कुमार मैदान में उतरी थीं. 

हालांकि नतीजे पिछली बार की तरह लॉन्गी के पक्ष में नहीं गए. इस बार सोनिया कुमार को 12215 वोट मिले और लॉन्गी सिर्फ 10,315 वोट हासिल कर सके. सोनिया की 1900 वोटों से जीत गईं.

डडली की पहली महिला सांसद

सिख समुदाय की सोनिया कुमार ने मार्को लॉन्गी को हराकर डडले सीट से जीत हासिल की है. इस जीत के साथ सोनिया कुमार डडले सीट का प्रतिनिधित्व करने वालीं पहली महिला सांसद बन गई हैं. लॉन्गी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भारत के प्रति नफरत और मुस्लिमों को खुश करने के लिए ‘आजाद कश्मीर' का राग आलापते रहे थे. हालांकि उनकी यह तिकड़म मतदाताओं में सोनिया कुमार की स्वीकार्यता पर बेअसर रही. 

डडली में हिंदू मतदाता सबसे कम

खास बात यह है कि डडले सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या हिंदू और सिख मतदाताओं से अधिक है. इस क्षेत्र में करीब 50 प्रतिशत ईसाई और छह प्रतिशत मुस्लिम लोग हैं. सिख करीब दो फीसदी और हिन्दू सिर्फ एक प्रतिशत के आसपास हैं. इसके बावजूद लॉन्गी की हार से यह साफ हो गया कि हिंदू और सिख मतदाताओं के अलावा अन्य समुदायों के मतदाताओं ने भी भारत में अलगाववाद का समर्थन नहीं किया.  

पत्र लिखकर कश्मीर में अलगाववाद का राग

लॉन्गी ने पिछले माह अपने चुनाव प्रचार के दौरान ब्रिटिश पाकिस्तानी और कश्मीरी समुदायों के वोटरों को एक पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने दावा किया था कि वे कश्मीर के लोगों पर सरकार के अत्याचार को लेकर भारतीयों के खिलाफ बोलने में हमेशा सबसे आगे रहे हैं. 

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लॉन्गी ने पूछा था कि, ''क्या उनकी प्रतिद्वंद्वी सोनिया कुमार संसद में कश्मीर के लिए बोलेंगी? उन्होंने लिखा था कि- मैं यह फैसला आप पर छोड़ता हूं. यदि आप मुझे वोट देंगे तो मैं संसद में कश्मीर के लिए आवाज उठाऊंगा.'' 

लॉन्गी ने पत्र के जरिए समुदायों को बांटने के लिए सोनिया कुमार के उपनाम को बड़े अक्षरों में हाईलाइट किया था ताकि मतदाता उन्हें हिंदू के रूप में पहचानें और उन्हें वोट न दें. लॉन्गी ने प्रचार के दौरान हिन्दू समुदाय, बीजेपी, पीएम मोदी और कश्मीर पर भी जहर उगला था.

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लॉन्गी को झेलनी पड़ी कड़ी आलोचना

लॉन्गी का चुनाव प्रचार का यह पैंतरा उल्टा पड़ गया. उन्हें कड़ी निंदा का सामना करना पड़ा. फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटरनेशनल यूके ने भारत की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने, सामुदायिक सौहार्द बिगाड़ने और धर्म के आधार पर वोटरों को बांटने के लिए लॉन्गी की कड़ी आलोचना की. इसके अलावा कई अन्य संगठनों और नेताओं ने भी लॉन्गी की कड़ी निंदा की.   

सोनिया कुमार ने भी लॉन्गी के पत्र की कड़ी निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि वे अपने कंजरवेटिव प्रतिद्वंद्वी की ओर से ब्रिटिश पाकिस्तानी मतदाताओं को भेजे गए विभाजनकारी पत्र से निराश और स्तब्ध हैं.

सोनिया ने वोटरों के प्रति जताया आभार

सोनिया कुमार ने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- ''नतीजे आ गए हैं. मैं यह बताते हुए गौरवान्वित और सम्मानित हो रही हूं कि मुझे डडली का सांसद चुना गया है. डडली के मतदाताओं को धन्यवाद जिन्होंने मुझ पर अपना भरोसा जताया है ताकि मैं डडली की पहली महिला सांसद बन सकूं. आपने मुझ पर अपना भरोसा जताया है और मैं आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए अथक काम करने की तैयारी कर रही हूं.''

Photo Credit: Image shared by @ShaukatAli

उन्होंने लिखा- ''मुझे हमारी ओर से चलाए गए अभियान पर बहुत गर्व है और मैं इस यात्रा में मेरा समर्थन करने वाले सभी लोगों के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहती हूं. मेरे साथ खड़े होने के लिए मैं तहे दिल से आपका शुक्रिया अदा करती हूं. अब काम में जुटने और कुछ बदलाव लाने का समय आ गया है.''

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