अमेरिकी सरकार भारत में वीजा संबंधी विलंब से वाकिफ है : व्हाइट हाउस

प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं कहना चाहूंगी कि बाइडेन प्रशासन इससे अवगत है. ज्यां-पियरे से भारत में अमेरिकी मिशन में वीजा आवदेन पर 1000 से अधिक दिन का समय लगने पर सवाल किया गया था.

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भारत में वीजा संबंधी देरी से वाकिफ है अमेरिका...

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन भारत में वीजा आवेदन प्रक्रिया में हो रही देरी से वाकिफ है और वह इन वीजा सेवाओं संबंधी मांग को पूरा करने के लिए काम कर रहा है. प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं कहना चाहूंगी कि बाइडेन प्रशासन इससे अवगत है. ज्यां-पियरे से भारत में अमेरिकी मिशन में वीजा आवदेन पर 1000 से अधिक दिन का समय लगने पर सवाल किया गया था.

ज्यां-पियरे ने कहा, ‘‘हालांकि इसमें काफी सुधार हुआ है, जैसा कि आप जानते हैं क्योंकि आप इस पर काफी खबरें दे रहे हैं. वैश्विक महामारी से संबंधित पाबंदियों और कर्मचारियों की कमी संबंधी चुनौतियों से उबर रहे हैं. हम अब भी इन वीज़ा सेवाओं की बढ़ती दरकार को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस पर काम करना जारी रखेंगे. हम वीजा साक्षात्कार में लगने वाले समय को कम कर रहे हैं. हमने इस महत्वपूर्ण काम को अंजाम देने के लिए अमेरिकी विदेश सेवा कर्मियों की भर्ती को दोगुना कर दिया है. वीजा प्रक्रिया में उम्मीद से अधिक प्रगति है और हमें उम्मीद है कि यह इस साल वैश्विक महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच जाएगी."

इस सप्ताह की शुरुआत में राष्ट्रपति द्वारा गठित एक आयोग ने राष्ट्रपति जो बाइडन को भारत जैसे देशों में वीजा आवेदनों में प्रतीक्षा अवधि के समय को अधिकतम दो से चार सप्ताह तक करने को लेकर विदेश मंत्रालय को एक ज्ञापन जारी करने पर विचार करने की सिफारिश की थी. गैर-आप्रवासी वीजा, आगंतुक वीजा (बी1/बी2), छात्र वीजा (एफ1/एफ2) और अस्थायी कर्मचारी वीजा (एच, एल, ओ, पी, क्यू) के आवेदन भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल सहित कई एशियाई देशों व प्रशांत द्वीपों के दूतावासों में काफी समय से लंबित हैं. भारत में तो वीजा आवेदन प्रक्रिया पूरी होने में 1000 से अधिक दिन तक का समय लग रहा है, जिससे अमेरिका और विदेशों में एशियाई अमेरिकी व प्रशांत द्वीप वासी (एएपीआई) के परिवारों के साथ ही छात्रों, उद्योगपतियों और आगंतुकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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