एपस्टीन फाइल्स की कहानी! यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन मरकर भी क्यों बना ट्रंप के गले की फांस?

Epstein Files Controversy Explained: ट्रंप प्रशासन ने यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन की फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया है और कहा है कि जेफरी एपस्टीन ने अपने नामी क्लाइंटों की कोई लिस्ट नहीं बनाई थी, वो पावरफुल लोगों को ब्लैकमेल नहीं कर रहा था.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जेफरी एपस्टीन की फाइल फोटो
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  • जेफरी एपस्टीन एक कुख्यात यौन अपराधी और अरबपति था, जिसे पहली बार 2005 में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
  • एपस्टीन का प्राइवेट आइलैंड लिटिल सेंट जेम्स यौन तस्करी और शोषण का मुख्य केंद्र था, जहां कई पावरफुल लोग आते थे.
  • अमेरिकी न्याय विभाग ने एपस्टीन फाइलों की जांच के बाद कहा कि कोई क्लाइंट लिस्ट नहीं मिली और उसकी मौत आत्महत्या थी, हत्या नहीं,
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Epstein Files Controversy Explained: एपस्टीन फाइलें... अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह गले की वो फांस बन गई है जो न उगलते बन रही हैं और न निगलते. डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' (MAGA) वाला वोट बैंक उनपर बिफरा पड़ा है क्योंकि उनके प्रशासन ने अमेरिका के कुख्यात यौन अपराधी रहे जेफरी एपस्टीन की फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया है, उससे जुड़ीं तमाम कॉन्सपिरेसी थ्योरी को प्रभावी ढंग से गलत करार देते हुए कहा है कि जेफरी एपस्टीन ने अपने नामी क्लाइंटों की कोई लिस्ट नहीं बनाई थी, वो नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक, पावरफुल लोगों को ब्लैकमेल नहीं कर रहा था.

अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि ये जेफरी एपस्टीन था कौन, उससे जुड़ीं ये फाइलें कौन सी है जिसपर इतना बवाल मचा हुआ है. और आखिर राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन ने उन फाइलों की जांच के बाद क्या नतीजा निकाला है जिसने उनके खुद के समर्थकों को नाराज कर दिया है. इस एक्सप्लेनर में हम आपको सभी सवालों का जवाब आसान भाषा में देंगे.

कौन था जेफरी एपस्टीन?

मशहूर हस्तियों, राजनेताओं, अरबपतियों और एकेडमिक जगत के बड़े नामों के साथ संबंध रखने के लिए जाने जाने वाले मिलिनेयर और यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन को 2005 में पाम बीच, फ्लोरिडा में गिरफ्तार किया गया था. तब उसपर 14 साल की लड़की को सेक्स के लिए पैसे देने का आरोप लगाया गया था. जब पुलिस ने उसकी प्रॉपर्टी की तलाशी ली थी तो पूरे घर में लड़कियों की तस्वीरें मिली थीं.

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तब पाम बीच के पुलिस प्रमुख माइकल रेइटर ने अखबार को बताया था कि उसने 50 से भी ज्यादा लड़कियों का यौन शोषण किया था और लगभग सबने एपस्टीन के खिलाफ एक तरह की ही बात बताई थी. उसपर न सिर्फ खुद लड़कियों का यौन शोषण किया, बल्कि उसने अपने अमीर और फेमस क्लाइंट के लिए लड़कियों की तस्करी भी की.

साल 2008 में एप्सटीन का कुख्यात साम्राज्य तब ढहना शुरू हुआ जब उसने फ्लोरिडा में चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूशन (बाल वेश्यावृत्ति) के आरोपों को स्वीकार कर लिया और उसे 13 महीने की सजा दी गई. इसके बाद, कई कम उम्र की लड़कियां सामने आईं, जिन्होंने इसी तरह के यौन शोषण की शिकायत की, जिसके कारण उसे 2008 में एक नाबालिग सर्वाइवर से जुड़े गंभीर आरोप में दोषी ठहराया गया.

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एपस्टीन ने अपने इस घिनौने कामों के लिए अपना खुद का आइलैंड ले रखा था- लिटिल सेंट जेम्स. यह यूएस वर्जिन द्वीप समूह में स्थित है. आम तौर पर इसे "पीडोफाइल आइलैंड" के रूप में जाना जाता है. यह उसके अपराधों के लिए एक केंद्रीय स्थान था, जहां बड़े मेहमानों को उसके प्राइवेट जेट पर ले जाया जाता था, जिसे अक्सर "लोलिता एक्सप्रेस" कहा जाता था. अदालती डॉक्यूमेंट और गवाहों की गवाही के अनुसार, इस आइलैंड पर लड़कियों को तस्करी करके लाया जाता था और उनका यौन शोषण किया जाता था.

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एपस्टीन को जुलाई 2019 में यौन तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 10 अगस्त, 2019 को एपस्टीन हाई सिक्योरिटी वाली न्यूयॉर्क जेल में मरा पाया गया. दावा किया गया कि उसने सुसाइड कर लिया लेकिन कई लोगों का मानना है कि उसकी हत्या कर दी गई ताकि उसके अमीर और नामी क्लाइंटों का नाम बाहर न आए.

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एपस्टीन फाइल्स में क्या है?

एपस्टीन फाइल्स जेफरी एपस्टीन के जीवन से संबंधित दस्तावेजों, अदालती दाखिलों, उससे जुड़ी फ्लाइटों के लॉग, उसके कॉन्टैक्ट डेटाबेस, सर्वाइवर लड़कियों की गवाही और अन्य सबूतों का एक विशाल भंडार हैं. लोगों का दावा है कि एपस्टीन फाइल्स में कई मशहूर हस्तियों, राजनेताओं और व्यापारियों का उल्लेख है जिनका एपस्टीन या उसके सेक्स रैकेट से किसी न किसी तरह का संबंध है. हालांकि अब एफबीआई और अमेरिका के न्याय विभाग ने किसी कॉन्सपिरेसी थ्योरी को खारिज करते हुए सोमवार, 7 जुलाई को कहा कि जेफरी एपस्टीन की हत्या नहीं की गई थी, उसने प्रमुख हस्तियों को ब्लैकमेल नहीं किया था और उसके फाइल में कोई "क्लाइंट लिस्ट" नहीं थी.

एपस्टीन के साथ कौन-कौन सी बड़ी हस्तियां दिखीं थी?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, अमेरिका की पूर्व फर्स्ट लेडी हिलेरी क्लिंटन, प्रसिद्ध थ्योरेटिकल फिजिसिस्ट स्टीफन हॉकिंग, हॉलीवुड स्टार लियोनार्डो डिकैप्रियो उन 100 से अधिक हाई-प्रोफाइल लोगों में शामिल हैं, जिनका नाम जेफरी एपस्टीन से जुड़े अदालती दस्तावेजों में है. यहां तक की ग्रेट ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के दूसरे बेटे प्रिंस एंड्रयू भी एपस्टीन के साथ घूमते दिखे थे और उनका नाम अदालती दस्तावेज में था. पॉप स्टार माइकल जैक्सन से लेकर इजरायल के पूर्व पीएम एहुद बराक तक, एक से बड़कर एक नाम अदालती दस्तावेज में आए थे.

ट्रंप प्रशासन ने क्या दावा किया है?

अमेरिका के न्याय विभाग ने निष्कर्ष निकाला है कि जेफरी एपस्टीन की मौत और उसके कथित ग्राहकों की लिस्ट के बारे में  लंबे समय से चली आ रही कॉन्सपिरेसी थ्योरी का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है. सोमवार को जारी एपस्टीन पर न्याय विभाग के मेमो में निष्कर्ष बताया गया कि 300 गीगाबाइट से अधिक डेटा की समीक्षा करने के बाद कोई क्लाइंट लिस्ट नहीं मिली है और न ही कोई सबूत था कि एपस्टीन ने नामी लोगों को ब्लैकमेल किया हो.

मेमो में यह भी कहा गया है कि एपस्टीन की हत्या नहीं हुई बल्कि उसने सुसाइड ही किया था.

ट्रंप से क्यों नाराज हैं लोग?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का न्याय विभाग अब एपस्टीन फाइलों से जुड़ें सवालों का जवाब देने में उलझा दिख रहा है. लौरा लूमर से लेकर एलोन मस्क तक रूढ़िवादी इन्फ्लुएंसर्स ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी और FBI के डायरेक्टर काश पटेल की आलोचना की है. बॉन्डी ने कुछ महिने पहले ही एपस्टीन के बारे में बड़े खुलासे करने की कसम खाई थी और कहा था कि फाइल में "बहुत सारे नाम" और "बहुत सारे फ्लाइट लॉग" शामिल हैं.

ट्रंप के यार से ‘दुश्मन' बने एलन मस्क ने घोषणा की है कि जेफरी एपस्टीन फाइलों को उजागर करना उनकी नई 'अमेरिका पार्टी' के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. मस्क ने सबसे पहले सवाल किया कि अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फाइलें जारी नहीं करते हैं तो लोगों से उन पर विश्वास की उम्मीद कैसे की जा सकती है. 

ट्रंप ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने कभी पीडोफाइल आइलैंड का दौरा किया था. ट्रंप ने अपने चुनाव से पहले कहा कि उन्हें मामले से संबंधित फाइलें जारी करने में "कोई समस्या नहीं" होगी. लेकिन अब उनके वोटर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. पिछले महीने जब ट्रंप-मस्क विवाद बढ़ा तो मस्क ने आरोप लगाया था कि एप्सटीन फाइलों में ट्रंप का नाम था.

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