दुनिया के सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी हवाई के माउना लोआ से 200 फुट (60 मीटर) ऊंचे लावा के फव्वारे हवा में उड़ते देखे गए, और पिघली चट्टानों की नदियां बह निकली हैं. यह जानकारी भूविज्ञानियों ने दी है.
इस विशाल पहाड़ में अब चार क्रेटर खुल गए हैं, जो पिछले लगभग 40 वर्ष में पहली बार रविवार को फूट पड़े.
विशाल हवाई द्वीप के लगभग आधे हिस्से में फैले इस ज्वालामुखी से भाप और धुएं के विशाल बादल आकाश में उड़ते नज़र आ रहे थे. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने सोमवार को जारी अपडेट में बताया, "लावा के सबसे ऊंचे फव्वारे की अनुमानित ऊंचाई 100-200 फुट रही होगी, लेकिन ज़्यादातर फव्वारे इससे कम ऊंचे रहे... निकलते लावा और उसकी धारा से गैस का एक गुबार निकल रहा है, जो मुख्यतः उत्तर-पश्चिम की ओर उड़ रहा है..."
Another incredible post of the Mauna Loa Eruption by our friend Andrew Richard Hara, follow him on IG @andrewrichardhara
— HawaiiScienceMuseum (@HawaiiScience) November 29, 2022
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भूविज्ञानियो के मुताबिक, फिलहाल ज्वालामुखी के नीचे बसे लोगों या उनकी संपत्ति को किसी प्रकार का खतरा नहीं है. USGS ने मंगलवार को बताया, "सबसे लम्बा और सबसे ऊंचा लावा प्रवाह फिलहाल तीसरी दरार से निकल रहा है..."
"लावा की यह धारा माउना लोआ वेदर ऑब्ज़र्वेटरी रोड से आगे निकल गई है... और धारा का मुहाना सैडल रोड (उत्तरी फ्लैंक के तल पर मुख्य सड़क) से लगभग छह मील (10 किलोमीटर) की दूरी पर स्थित थी..." एजेंसी के मुताबिक, नवीनतम दरार से फूटा लावे का फव्वारा 33 फुट ऊंचा रहा.
USGS के अनुसार, फिलहाल सब कुछ पूर्वोत्तर दरार क्षेत्र में सिमटा हुआ है, लेकिन USGS ने चेताया भी है कि माउना लोआ गतिशील ज्वालामुखी है., इसलिए उसमें "पूर्वोत्तर दरार क्षेत्र के साथ-साथ मौजूदा जगहों के नीचे भी अतिरिक्त दरारें खुल सकती हैं, और लावा की धारा नीचे की ओर बहना जारी रख सकती है..."
USGS ने कहा कि माउना लोआ में दबाव वर्षों से बनता आ रहा था, और यह धमाका 45 मील (72 किलोमीटर) दूर पश्चिमी तटीय शहर कोना में भी देखा जा सका होगा.
यह लावा फिलहाल आबादी के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है, लेकिन विज्ञानियों का कहना है कि हवाएं ज्वालामुखीय गैस और महीन राख को नीचे की ओर ले जा सकती हैं.
हवाई में अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के कोई आदेश जारी नहीं किए हैं, हालांकि पहाड़ की चोटी के इलाके और कई सड़कों को बंद कर दिया गया है, और एहतियात के तौर पर दो शरणस्थल खोल दिए गए हैं.
आकार के हिसाब से माउना लोआ (जिसका शाब्दिक अर्थ 'लम्बा पहाड़' है) पृथ्वी का सबसे बड़ा ज्वालामुखी है, जो हवाई के बाकी द्वीपों के संयुक्त आकार से भी बड़ा है. हवाई द्वीप पर सक्रिय छह ज्वालामुखियों में शुमार होने वाला माउना लोआ 1843 के बाद से 33 बार फूट चुका है. यह आखिरी बार 1984 में फूटा था, और 22 दिन तक चला था. माउना लोआ के दक्षिण-पूर्वी किनारे पर मौजूद ज्वालामुखी किलाउआ 1983 और 2019 के बीच लगभग लगातार फूटता रहा है, और वहां भी कई महीनों से एक साधारण विस्फोट जारी है.