अमेरिकी एयरपोर्ट पर अब नहीं उतारने होंगे जूते, 20 साल पहले कैसे एक 'शू बॉम्बर' ने किया था मजबूर?

आपको पता है कि 20 साल पहले अमेरिका के सभी एयरपोर्ट पर जूते उतारकर जांच करने का नियम क्यों शुरू किया गया था? दरअसल इसके पीछे वजह था रिचर्ड रीड जिसका निकनेम था "शू बॉम्बर".

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
'शू बॉम्बर' रिचर्ड रीड और उसकी द्वारा पहना गया विस्फोटक वाला जूता
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • अमेरिका के एयरपोर्ट पर अब यात्रियों को सुरक्षा जांच के दौरान जूते उतारने की आवश्यकता नहीं होगी, यह नियम 20 साल बाद वापस लिया गया है.
  • यह नियम 2006 में शुरू हुआ था, जब रिचर्ड रीड नामक आतंकवादी ने अपने जूतों में विस्फोटक छिपाकर हमला करने की कोशिश की थी.
  • रिचर्ड रीड को 2001 में गिरफ्तार किया गया था, और वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, क्योंकि उसने विमान में विस्फोटक फ्यूज जलाने की कोशिश की थी.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

अब अमेरिका के एयरपोर्ट पर सुरक्षा से गुजरने के लिए पैंसेजर्स के जूते नहीं उतारे जाएंंगें. नियम बनने के 20 साल बाद मंगलवार, 8 जुलाई को एक नई पॉलिसी घोषित करके इसे वापस ले लिया गया. होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने वाशिंगटन के रोनाल्ड रीगन नेशनल एयरपोर्ट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परिवहन सुरक्षा प्रशासन (TSA) के नियमों में बदलाव की घोषणा की. वैसे आपको पता है कि 20 साल पहले अमेरिका के सभी एयरपोर्ट पर जूते उतारकर जांच करने का नियम क्यों शुरू किया गया था? दरअसल इसके पीछे वजह था रिचर्ड रीड जिसका निकनेम था "शू बॉम्बर".

जब "शू बॉम्बर" ने अमेरिका को डराया

अमेरिका में 2001 में रिचर्ड रीड को गिरफ्तार किया गया था जिसे "शू बॉम्बर" के नाम से जाना गया. उसने अपने जूते में विस्फोटक छिपाए थे. उसकी गिरफ्तारी के पांच साल बाद, 2006 से अमेरिका के सभी एयरपोर्ट पर यात्रियों को स्क्रीनिंग के दौरान जूते उतारने का नियम शुरू हो गया.

गिरफ्तार रिचर्ड रीड (फोटो- FBI)

अल-कायदा के मेंबर रीड को दिसंबर 2001 में पेरिस से मियामी जा रही अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट में अपने जूतों में छिपे विस्फोटक के फ्यूज जलाने की कोशिश करने पर अन्य यात्रियों ने पकड़ लिया था. रीड को आतंकवाद और अन्य आरोपों में दोषी ठहराया गया और वह कोलोराडो की अधिकतम सुरक्षा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

Advertisement

रिचर्ड रीड ने इसी जूते में विस्फोटक छिपाए थे (फोटो- FBI)

अब तक जहाजों से जुड़े हमलों में से कई सफल रहे हैं और कईयों को विफल भी कर दिया गया है. इन हमलों ने हाल के दशकों में एयरपोर्ट पर सुरक्षा के नए उपायों को जन्म दिया है, खासकर 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद, जिसमें आतंकियों ने न्यूयॉर्क में ट्विन टावर्स के साथ-साथ पेंटागन में यात्री जेट क्रैश कर दिए थे.

2006 में, ब्रिटिश अधिकारियों ने घोषणा की कि उन्होंने एक आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है जिसका उद्देश्य तरल विस्फोटकों के साथ एक साथ कई विमानों को हवा में उड़ा देना था. तब से, टूथपेस्ट जैसे तरल पदार्थ और जेल को भी फ्लाइट में ले जाने पर सख्त प्रतिबंध लागू हो गए हैं.

Advertisement

ऐसे हमलों से बचने के लिए अतिरिक्त  इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रीनिंग भी की जाती है. उदाहरण के लिए, यात्रियों को अपने बैग से लैपटॉप निकालने की आवश्यकता होती है.

Advertisement
अमेरिका में क्या नियम बदल गए हैं?

क्रिस्टी नोएम ने कहा, "उस पॉलिसी के लागू होने के बाद से इन 20 सालों में, हमारी सुरक्षा तकनीक बहुत बदल गई है. यह विकसित हो गई है. टीएसए बदल गया है. हमारे पास अब सुरक्षा के लिए मल्टी-लेयर संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण है."

Advertisement

उन्होंने कहा, "हमें पूरा विश्वास है कि हम यात्रियों और अपनी मातृभूमि के लिए सुरक्षा के समान मानक बनाए रखते हुए लोगों, अमेरिकी यात्रियों और हमारे देश में आने वाले लोगों को आतिथ्य प्रदान करना जारी रख सकते हैं."

टीएसए ने जूते से जुड़े नियम में बदलाव पर एक बयान में कहा कि अन्य सुरक्षा उपाय पहले की तरह ही रहेंगे. इसमें कहा गया है, "टीएसए के स्तरीय सुरक्षा दृष्टिकोण के अन्य पहलू अभी भी टीएसए चेकपॉइंट प्रक्रिया के दौरान लागू होंगे. उदाहरण के लिए, यात्रियों को अभी भी पहचान सत्यापन, सुरक्षित उड़ान जांच और अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा."
 

Featured Video Of The Day
Sahakar Samvad में महिलाओं ने बताईं अपनी समस्याएं Amit Shah ने दिया जवाब? | NDTV India
Topics mentioned in this article