कई लोग नाराज, उनको लगता है कि US प्रेसिडेंट बनने के लिए मेरी उम्र अभी कम: विवेक रामास्वामी

विवेक रामास्वामी ने थॉमस जेफरसन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने यूएस डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस लिखी थी तब उनकी उम्र सिर्फ 33 साल थी. उस भावना को फिर से जगाने की जरूरत है. 

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अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार विवेक रामस्वामी

अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने को है. भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं. 38 साल के विवेक रामास्वामी अलग-अलग मुद्दों पर अपने बयानों की वजह से चर्चा में बने हुए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रविवार को उन्होंने कहा कि उनके राष्ट्रपति की दावेदारी से कई लोग बहुत ही नाराज हैं क्यो कि उनको लगता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के लिए उनकी उम्र अभी बहुत कम है हालांकि रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदार के तौर पर हुई फर्स्ट डिबेट में विवेक रामास्वामी का प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा था. अलग-अलग सर्वेक्षणों में उनकी लोकप्रियता बढ़ने का खुलासा हुआ है. नए सर्वे से पता चला है कि अगस्त से लेकर उनकी लोकप्रियता अब तक 12 पॉइंट बढ़ी है. इसके साथ ही विरोधियों के बीच उनकी आलोचना भी तेजी से हो रही है.

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मैं खुली बहस के लिए तैयार-विवेक रामास्वामी

फॉक्स न्यूज से बातचीत में रिब्लिकन उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से जब से उन्होंने दूसरी डिबेट में अच्छा परफॉर्म किया है तब से उनकी आलोचना काफी तेज हो गई है. उन्होंने कहा कि यह प्रोसेस का हिस्सा है इसीलिए वह खुली बहस के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि उनकी राष्ट्रपति उम्मीदवारी से बहुत से लोग नाराज हैं. लोगों को लगात है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के लिए उनकी उम्र अभी बहुत कम है. हालांकि विवेक ने थॉमस जेफरसन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने यूएस डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस लिखी थी तब उनकी उम्र सिर्फ 33 साल थी. विवेक रामास्वामी ने कहा कि उस भावना को फिर से जगाने की जरूरत है. 

'मैं बाइडेन के कट्टरपंथी एजेंडे का आलोचक नहीं'

विवेक रामास्वामी ने कहा कि वह मानते हैं कि अच्छी लाइफ के बारे में सोचने वाले लोगों को देश के और अच्छे दिन आने के बारे में सोचना होगा. उन्होंने विश्वास जताया कि अमेरिका के और भी अच्छे दिन आने अभी बाकी हैं लेकिन हम किसी भी चीज से भाग नहीं सकते. उन्होंने कहा कि वह अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति बाइडेन के कट्टरपंथी एजेंडे की ज्यादा आलोचना नहीं करते हैं क्यों कि उनको ऐसा लगता है कि यह आलोचना गलत जगह पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से है. हालांकि आलोचना करने के लिए और भी बहुत कुछ है.लेकिन फिर भी हमको अपना अलग दृष्टिकोण रखना होगा. हमको देखने होगा कि हम किस तरफ भाग रहे हैं. विवेक ने कहा कि योग्यतातंत्र को पुनर्जीवित करना, उत्कृष्टता की खोज, आर्थिक विकास, स्वतंत्र भाषण, खुली बहस, ये बुनियादी मूल्य हैं जिनसे ज्यादातर अमेरिकी अभी भी सहमत हैं.\

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'लोगों को लगता है कि मेरी उम्र कम है'

विवेक रामास्वामी ने कहा कि वह किसी के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं बल्कि देश के लिए लड़ रहे हैं और यही उनका मिशन है. उन्होंने देश को एकजुट करने का विश्वास जताया और कहा कि ऐसा करने के लिए वह राष्ट्रपति पद के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ वही लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं जिनको उनके आने से खतरा है. बता दें कि भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने रिपब्लिकन की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए 23 अगस्त को पहली डिबेट में हि्स्सा लिया था, जिसके बाद से वह लोगों की नजर में हैं. डिबेट के बाद आए पहले सर्वे में 504 उत्तरदाताओं में से 28 प्रतिशत ने रामास्वामी के प्रदर्शन को सबसे अच्छा माना.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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