- ट्रंप ने ईरान के परमाणु ठिकानों की संख्या तीन से अधिक होने की संभावना जताई.
- इजरायल ने 12 दिन तक चली जंग में ईरान को दबाव में रखा, ट्रंप ने कहा.
- ईरान के साथ 60 दिनों तक परमाणु वार्ता हुई, लेकिन ईरान ने एनरिचमेंट जारी रखा.
- ट्रंप का कहना है कि ईरान बम बनाने की कोशिश कर रहा था, जो गंभीर है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को एक खास इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में ट्रंप ने ईरान-इजरायल जंग के अलावा से लेकर मिडिल ईस्ट तक के बारे में कई अहम बातें कही हैं. ट्रंप की मानें तो अमेरिका को मालूम था कि ईरान में कई परमाणु ठिकाने हैं और इनकी संख्या शायद तीन से ज्यादा हो सकती है. लेकिन उनके पास तीन अहम परमाणु अड्डे हैं. ट्रंप ने इस इंटरव्यू में कहा है ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर अब सिर्फ पत्थर ही पत्थर हैं.
पहले लगा ईरान बात करेगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस इंटरव्यू में पूछा गया था कि जिस समय वह मिडिल ईस्ट के दौरे पर गए थे तो क्या उसी समय उन्हें ईरान को लेकर कुछ ख्याल आया था और क्या वह तभी इस बात का मन बना चुके थे कि उन्हें ईरान के संबंध में कुछ करना होगा? ट्रंप कई बार ईरान को लेकर कह चुके थे कि उन्हें बातचीत के लिए टेबल पर आना ही होगा.
ट्रंप ने इस सवाल के जवाब में कहा, 'मामला दिन पर दिन गर्माता जा रहा था और हम जानते थे कि उनके पास बहुत सारी साइटें हैं, शायद तीन से ज्यादा. लेकिन तीन मुख्य साइटें थीं. हम जानते थे कि वे या तो उन्हें छोड़ देंगे या फिर एनरिचमेंट जारी रखेंगे.' ट्रंप की मानें तो उन्हें शुरुआत में लगा था कि शायद ईरान बातचीत की टेबल पर आ जाएं. लेकिन फिर ईरान ने मन बदल दिया और ईरान ने एनरिचमेंट पर जोर दिया.
60 दिनों तक ईरान से हुई वार्ता
ट्रंप ने इस इंटरव्यू में कहा कि एनरिचमेंट एक बेहद बुरा शब्द है. ट्रंप के शब्दों में, 'मैंने कहा, आपके पास इतना तेल है, आपको इसकी क्या जरूरत है? लेकिन ईरान यही कहता रहा कि उसे एनरिचमेंट की जरूरत है. मैं कभी ऐसा नहीं होने दूंगा.' ट्रंप का कहना था कि अगर उन्होंने ईरान को ऐसा करने दिया होता तो शायद दुनिया को पता ही नहीं चलता कि दरअसल एनरिचमेंट क्या है और कितना बुरा है. ट्रंप ने कहा है कि ईरान के साथ परमाणु मसले पर 60 दिनों तक बातचीत चली थी.
ट्रंप ने कहा, 'हम चाहते हैं कि ईरान के लिए सबकुछ ठीक हो. उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ा है. और अगर ईमानदारी से कहें तो इजरायल ने भी बहुत कुछ सहा है. हम इसे '12 दिनों का युद्ध' कहते हैं, यह एक बेहद गंभीर और तीव्र संघर्ष था. उनका कहना था कि शुरुआत में उन्हें लगता था कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता है. लेकिन वो इसे सालों से चाहते हैं और इसे हासिल करने से कुछ ही हफ्तों दूर थे.ट्रंप ने कहा, 'वो एक बम बनाने की कोशिश कर रहे थे और आप इस तरह का बम बनाने की कोशिश इसलिए करते हैं ताकि उसका इस्तेमाल कर सकें.'
ट्रंप ने बी2 बॉम्बर का नाम नहीं लिया लेकिन यह जरूर कहा कि यह दुनिया का सबसे खूबसूरत विमान है जो सबसे सोफेस्टिकेटेड बम से लैस है. उनका कहना था कि बंकर-बस्टर बम हमलों ने फोर्डो को 'सिर्फ हजारों टन चट्टान' में बदल दिया.उन्होंने जोर देकर कहा कि हमले से पहले साइट से अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम को हटाया नहीं गया था, यह दावा इज़रायली अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स से किया था.
उनका कहना था कि ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी मीडिया में आई उन रिपोर्ट्स को भी नकार दिया है जिसमें कहा गया था कि शायद परमाणु ठिकाने पूरी तरह से नष्ट नहीं हुए हैं. ट्रंप ने इन रिपोर्ट्स को फर्जी करार दिया है.
'सब मान चुके थे अमेरिका मर चुका है'
ट्रंप के अनुसार पिछला एक हफ्ता काफी अजीब था जब ईरान पर हमले के बाद उन्हें नाटो सम्मेलन में जाना था. ट्रंप ने इस इंटरव्यू में कहा कि छह महीनों में उन्होंने देश को संभाला है और इसे बदलकर रख दिया है. उन्हें मुझे सऊदी अरब के राजा से लेकर कतर और यूएई के नेता ने बताया कि ट्रंप दुनिया के सबसे आप दुनिया के सबसे 'उबलते' हुए देश की अध्यक्षता कर रहे हैं. ट्र्रंप ने खाड़ी के इन देशों में अमेरिका में 5.1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश वापस लाने का जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट को एक साल पहले लगने लगा था कि अमेरिका अब एक मरा हुआ देश है और कभी वापस नहीं आ सकता. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक बहुत ही खराब राष्ट्रपति करार दिया जिन्होंने बहुत ही अक्षमता से देश को चलाया था. लेकिन ट्रंप को लगता है कि अब उनके देश में कोई महंगाई नहीं है और सभी आंकड़ें अच्छे हैं.