- अमेरिका में छह वर्षों के बाद पहली बार सरकार ने शटडाउन लागू किया है जो फंडिंग बिल को मंजूरी नहीं मिलने से हुआ
- डोनाल्ड ट्रंप सरकार के फंडिंग बिल को विपक्षी डेमोक्रेट सांसदों ने रोक दिया जिससे शटडाउन शुरू हो गया
- शटडाउन के चलते आवश्यक सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों और सैन्यकर्मियों को अभी वेतन नहीं मिलेगा
अमेरिका में फेडरल सरकार यानी ट्रंप सरकार का आधिकारिक तौर पर शटडाउन हो गया है. ट्रंप सरकार के फंड पर ही ताला लग गया है क्योंकि संसद से उसे जरूरी मंजूरी नहीं मिल पाई है. सरकार अपने स्पेडिंग बिल को संसद से पास कराने में विफल हो गई है. इसके बाद आधी रात होते ही सरकारी फंडिंग समाप्त हो गई है, और कैपिटल के अंदर कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा. यह पिछले 6 सालों में पहला सरकारी शटडाउन है.
शटडाउन मतलब अमेरिका भर में सरकारी एजेंसियां अस्थायी रूप से बंद हो जाएंगी. सरकारी शटडाउन के तहत, गैर-आवश्यक माने जाने वाले फेडरल (केंद्रीय) कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर रखा जाएगा. सैन्य कर्मियों सहित आवश्यक कर्मचारियों को बिना वेतन के काम करना होगा.
शटडाउन का क्या असर होगा?
दरअसल अमेरिका में 1 अक्तूबर से नया वित्त वर्ष लागू होता है. लेकि इस बार ट्रंप सरकार का स्पेंडिंग बिल पास नहीं हुआ है और रात 12.01 बजे शटडाउन शुरू हो गया. इस बार कुल सरकारी कर्मचारियों में से 40 फीसदी यानी लगभग 8 लाख कर्मियों को बिना वेतन टेंपरेरी लीव पर भेजा जा सकता है. हालांकि कानून व्यवस्था, सीमा सुरक्षा, मेडिकल और हवाई सेवाओं जैसी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी. फूड सहायता प्रोग्राम, खान-पाने के निरीक्षण, केंद्र संचालित स्कूल, स्टूडेंट लोन जैसी सेवाओं को भी सीमित या बंद किया जा सकता है.
इसके अलावा शटडाउन का असर ट्रांसपोर्ट सेवाओं पर दिखेगा. कई एयरलाइंस ने सेवाओं पर असर की आशंका जताई है. उड़ानें लेट हो सकती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि शटडाउन जितना लंबा चलेगा, उसका दुष्प्रभाव उतना ही ज्यादा होगा. एक्सपर्ट्स आशंका जता रहे हैं कि शटडाउन लंबा चला तो बाजारों पर असर दिख सकता है, अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
शटडाउन रोकने की आखिरी कोशिश भी हुई है फेल
अमेरिका में शटडाउन टालने की अंतिम कोशिश के रूप में ट्रंप सरकार की फंडिंग को सात सप्ताह बढ़ाने के सीनेट में मंगलवार को एक बिल लाया गया था. इसके पक्ष में 55 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 45 वोट पड़े. इस बिल को पास कराने के लिए कम से कम 60 वोट चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं कर रही है और ऐसे में वो स्पेंडिंग बिल को मंजूरी न देकर सरकार के फंड पर ही ताला लगा रही है.
सीनेट ने सरकारी फंडिंग बढ़ाए बिना दिन भर के लिए स्थगित सदन कर दिया, जिसका मतलब है कि बुधवार को रात के 12:01 बजे (स्थानीय समयानुसार) शटडाउन हो गया.
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