अंतरिक्ष में हथियार रखेंगे… ट्रंप के मिशन ‘गोल्डन डोम’ के खिलाए एक क्यों हुए चीन, नॉर्थ कोरिया और रूस?

US Golden Dome Project: अमेरिका के गोल्डन डोम डिफेंस सिस्टम को तैयार करने में अरबों डॉलर खर्च किए जाएंगे. इसे तैयार होने में तीन साल का समय लग सकता है. अब इसी का विरोध नॉर्थ कोरिया, चीन और रूस कर रहे हैं.

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US Golden Dome Project: अमेरिका के गोल्डन डोम को तैयार करने में अरबों डॉलर खर्च होंगे.

US Golden Dome Project: नॉर्थ कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंड की "गोल्डन डोम" मिसाइल शिल्ड योजना को "बहुत खतरनाक" खतरा बताया है. नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी के KCNA के अनुसार राष्ट्रपति किम जोंग की सरकार का मानना है कि ट्रंप की इस योजना का उद्देश्य अंतरिक्ष को हथियार बनाना है. नॉर्थ कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक ज्ञापन जारी कर इस एयर डिफेंस सिस्टम को "एक बहुत ही खतरनाक 'धमकी देने वाली पहल' कहा है, जिसका उद्देश्य परमाणु हथियार वाले देशों की रणनीतिक सुरक्षा को खतरे में डालना है."

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह मिसाइलों से अमेरिकी आसमान को सुरक्षित करने वाले एयर डिफेंस सिस्टम के लिए नए डिटेल्स और शुरुआती फंडिंग की घोषणा की थी. उन्होंने इसे अमेरिका की सफलता और यहां तक ​​कि अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया.

विश्लेषकों के अनुसार, इस पहल को महत्वपूर्ण तकनीकी और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

नॉर्थ कोरिया ने क्या आरोप लगाए हैं?

KCNA के अनुसार परमाणु हथियार से लैस देश- नॉर्थ कोरिया ने अपने ज्ञापन में अमेरिका पर "बाहरी अंतरिक्ष के सैन्यीकरण के कदमों पर अड़े रहने" का आरोप लगाया गया है.

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इसमें कहा गया है, "एक नई मिसाइल डिफेंस सिस्टम के निर्माण की अमेरिकी योजना परमाणु हथियार वाले देशों की सुरक्षा चिंताओं को उत्तेजित करके और बाहरी अंतरिक्ष को संभावित परमाणु युद्ध क्षेत्र में बदलकर वैश्विक परमाणु और अंतरिक्ष हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देने का मूल कारण है."

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गौरतलब है कि वाशिंगटन नॉर्थ कोरिया के विरोधी साउथ कोरिया का प्रमुख सुरक्षा सहयोगी है. हाल के सालों में अमेरिका ने साउथ कोरिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया है और नॉर्थ कोरिया को रोकने के लिए क्षेत्र में एक विमान वाहक और एक परमाणु-संचालित पनडुब्बी जैसी रणनीतिक अमेरिकी संपत्तियों की उपस्थिति बढ़ा दी है.

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नॉर्थ कोरिया ने बार-बार खुद को परमाणु हथियार संपन्न देश घोषित किया है और अमेरिका-साउथ कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की निंदा करता है. 

चीन और रूस ने भी किया है विरोध

चीन ने इसी तरह वाशिंगटन की गोल्डन डोम योजना के बारे में कड़ी चिंता व्यक्त की है, और अमेरिका पर वैश्विक स्थिरता को कमजोर करने का आरोप लगाया है. वहीं रूसी सरकार ने कहा है कि ट्रंप की पहल के लिए रूस के साथ परामर्श की आवश्यकता होगी, लेकिन इसके अलावा यह अमेरिका के लिए एक "संप्रभु मामला" है. हालांकि इस नर्म बोली से पहले रूस ने भी गोल्डन डोम के इस विचार को वैश्विक स्थिरता को कमजोर करने वाला बताया था.

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ट्रंप गोल्डन डोम क्यों बनाना चाहते हैं?

आपके मन में ख्याल आ सकता है कि ट्रंप गोल्डन डोम क्यों बनाना चाहते हैं. दरअसल इस योजना का नाम इजरायल की आयरन डोम एयरडिफेंस सिस्टम से लिया गया है, जिसने 2011 में परिचालन में आने के बाद से हजारों छोटी दूरी के रॉकेट और अन्य प्रोजेक्टाइल को रोका है.

अमेरिका को अपने विरोधियों से विभिन्न मिसाइल खतरों का सामना करना पड़ता है, लेकिन वे कम दूरी के हथियारों से काफी भिन्न होते हैं जिनका मुकाबला करने के लिए इजरायल के आयरन डोम को डिजाइन किया गया है. इसी लिए ट्रंप आयरन डोम से एक कदम आगे जाकर गोल्डन डोम बनाना चाहते हैं.

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