‘कोरोना चीन के वुहान लैब में बना’- ट्रंप ने फिर अलापा राग, COVID साइट को ही बदल दिए ये 5 ‘सबूत’

अमेरिका में जो सरकारी साइट Covid.gov, कोरोना से जुड़ी जानकारी देती थी अब उसपर इस विवादास्पद कॉन्सपिरेसी थ्योरी को बढ़ावा दिया जा रहा है कि कोरोना का वायरस एक चीन के वुहान के एक लैब से लीक हुआ था और यही जगह इस महामारी का "असली ओरिजिन" है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अमेरिका के कोरोना साइट को पूरी तरह बदल दिया गया है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की डिप्लोमेसी पर उनके आलोचक भले लाख सवाल उठाएं लेकिन वो भी मानेंगे कि ट्रंप को खबरों में लगातार बने रहना तो आता है. अब उनकी सरकार ने एक और ऐसा कदम उठाया है जिसपर सबकी नजर गई है. दरअसल कल तक अमेरिका में जो सरकारी साइट Covid.gov, कोरोना से जुड़ी जानकारी देती थी अब उसपर इस विवादास्पद कॉन्सपिरेसी थ्योरी को बढ़ावा दिया जा रहा है कि कोरोना का वायरस एक चीन के वुहान के एक लैब से लीक हुआ था और यही जगह इस महामारी का "असली ओरिजिन" है. 

Covid.gov वेबसाइट पहले वैक्सीन और टेस्टिंग से जुड़ी जानकारी को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी. लेकिन अब इस वेबसाइट पर जाने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी सी फोटो दिखती है और यह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में लागू की गई महामारी नीतियों (पैंडेमिक पॉलिसी) की आलोचना करती है.

नए रूप में यह साइट बाइडेन के पूर्व मुख्य चिकित्सा सलाहकार एंथोनी फौसी को भी निशाना बनाती है. साइट पर कहा गया है कि फौसी ने अपने "पसंदीदा नैरेटिव कि कोविड-19 स्वाभाविक रूप से उत्पन्न हुआ" को आगे बढ़ाया है.

साइट पर अपने चीनी लैब से कोरोना लीक वाले कॉन्सपिरेसी थ्योरी को मजबूत करने के लिए पांच बुलेट प्वाइंट दिए गए हैं.इसमें कहा गया है कि वुहान में, जहां कोरोना का पहला ज्ञात मामला आया था, चीन की "प्रमुख SARS रिसर्च लैब" भी है और यहां "अपर्याप्त जैव सुरक्षा स्तरों" पर रिसर्च करने का इतिहास रहा है.

बदली कोरोना साइट पर इस मैप को सबूत के तौर पर दिया गया है

पांच प्वाइंट ये रहे:

  1. वायरस में एक जैविक विशेषता पाइ गई है जो प्रकृति में नहीं पाई जाती है.
  2. डेटा से पता चलता है कि सभी COVID-19 मामले मनुष्यों में एक ही इंट्रोडक्शन (पहला केस) से शुरू हुए हैं. यह पिछली महामारियों के विपरीत है जहां कई स्पिलओवर घटनाएं हुई थीं.
  3. वुहान चीन की "प्रमुख SARS रिसर्च लैब" भी है और यहां "अपर्याप्त जैव सुरक्षा स्तरों" पर रिसर्च करने का इतिहास रहा है.
  4. वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) के रिसर्चर वेट मार्केट में COVID ​​​​-19 की खोज से कुछ महीने पहले, साल 2019 की ठंडी में कोरोना ​​​​जैसे लक्षणों से बीमार थे.
  5. "साइंस के लगभग सभी उपायों के अनुसार, अगर प्राकृतिक उत्पत्ति का सबूत होता तो यह (कोरोना) पहले ही सामने आ गया होता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ."

अमेरिका में जोर पकड़ रही कॉन्सपिरेसी थ्योरी

लैब से कोरोना के लीक होने की थ्योरी, जिसे एक बार कॉन्सपिरेसी थ्योरी के रूप में खारिज कर दिया गया था, ने हाल ही में अमेरिका में जोर पकड़ लिया है. भले ही बहस अनसुलझी बनी हुई है लेकिन FBI और ऊर्जा विभाग जैसी अमेरिकी एजेंसियां इस थ्योरी के समर्थन में सामने आई हैं.

इस साल की शुरुआत में, केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) ने वायरस की उत्पत्ति पर अपना आधिकारिक रुख बदलते हुए कहा कि इसके जानवरों से फैलने की तुलना में चीनी लैब से लीक होने की "अधिक संभावना" थी. इसकी चीन ने आलोचना की, जिसने कहा कि यह "बेहद असंभावित" है कि कोविड-19 एक लैब से आया है. 
 

यह भी पढ़ें: सीरिया में अपनी सेना आधी करेगा अमेरिका, वहां इस्लामिक स्टेट साफ हो गया या ट्रंप को कोई मतलब नहीं?

Advertisement
Featured Video Of The Day
Uttarakhand Cloudburst: Dharali में मची तबाही के पीछे क्या है वजह? देखिए NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट