अमेरिकी कांग्रेस के छह सदस्यों ने बाइडेन प्रशासन के न्याय विभाग द्वारा अदाणी ग्रुप पर की गई कार्रवाई के खिलाफ जांच की मांग की है. अमेरिकी कांग्रेस कॉकस ने USA के अटॉर्नी जनरल एजी बॉन्डी को 10 फरवरी को एक पत्र लिखा है. लांस गुडेन, पैट फॉलन, माइक हरिडोपोलोस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर टिममन्स IV, ब्रायन बाबिन, डी.डी.एस नाम के इन सदस्यों ने भारत को अमेरिका का अहम साझेदार बताते हुए कहा है कि बाइडेन प्रशासन के डीओजे की कार्रवाई से अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचा है.
बाइडेन प्रशासन के खिलाफ 6 सांसदों की चिट्ठी-खास बातें
- अदाणी ग्रुप के खिलाफ जांच का कोई आधार नहीं था
- इस मामले में अमेरिका का कोई अहित नहीं हुआ था
- वामपंथियों के प्रभाव में जांच का फैसला हुआ
- विदेशी ताकतों के प्रभाव में जांच के आदेश दिए गए
- जांच से भारत-अमेरिका रिश्तों को खतरे में डाला गया
- भारत से रिश्ते बिगड़ने का सीधा फायदा चीन को
- ट्रंप-मोदी सरकारों के बीच अच्छा सहयोग रहा है
- ट्रंप के सत्ता में आने से पहले जांच के आदेश क्यों?
- अमेरिका में निवेश करने वालों को हतोत्साहित किया गया
- बाइडेन DOJ की जांच से हो सकते हैं खुलासे
- क्या बाइडेन प्रशासन की विदेशियों से साठगांठ थी?
- बाइडेन का DOJ बेवजह कुछ मामलों के पीछे पड़ा
- बाइडेन प्रशासन ने कुछ मामलों पर ध्यान नहीं दिया
'अदाणी ग्रुप के खिलाफ मुकदमे की जांच हो'
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने अदाणी की कंपनी के खिलाफ हुई जांच पर सवाल उठाए हैं. इन सासंदों ने नए सिरे से इस कार्रवाई की जांच की मांग उठाई है. उन्होंने अमेरिका की पिछली सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (डीओजे) के कुछ फैसलों को संदिग्ध बताया है. इन सांसदों का कहना है कि डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के कुछ फैसलों में कुछ चुनिंदा मामलों को आगे बढ़ाया, जबकि कुछ को छोड़ दिया. इस वजह से घरेलू स्तर पर और विदेश में न सिर्फ अमेरिका के हित, बल्कि भारत जैसे करीबी सहयोगियों के साथ हमारे रिश्ते भी खतरे में पड़ गए हैं.
DOJ को 6 अमेरिकी सांसदों ने लिखी चिट्ठी
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने अपने पत्र में कहा कि भारत दशकों से अमेरिका का एक अहम सहयोगी रहा है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के नाते उसके साथ हमारे रिश्ते काफी गहरे हैं. दोनों देशों के संबंध आर्थिक, व्यापार और राजनीति से भी काफी ऊपर हैं. लेकिन यह ऐतिहासिक साझेदारी बाइडेन प्रशासन के कुछ अविवेकपूर्ण फैसलों की वजह से खतरे में पड़ गई हैं.
बाइडेन प्रशासन के फैसले पर उठे सवाल
उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन की तरफ से लिए गए ऐसे ही एक फैसले में अदाणी ग्रुप से जुड़ा एक फैसले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस कंपनी के अधिकारी भारत में मौजूद हैं. हालांकि यह मामला पूरी तरह से आरोपों पर टिका है. बाइडेन न्यायिक विभाग ने बिना किसी वास्तविकता के इस मामले में कंपनी के अधिकारियों को दोषी ठहराने का फैसला किया जो कि अमेरिका के हितों पर चोट जैसा है. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले को आगे बढ़ाने का कोई जरूरी कारण नहीं था.
सांसदों ने अपने पत्र में कहा है कि अमेरिका और भारत परस्पर सम्मान और प्रशंसा की भावना साझा करते हैं. राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी इसका अनुसरण करते हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने हमेशा अमेरिका और भारत जैसी दो आर्थिक और सैन्य महाशक्तियों के बीच मजबूत और फायदेमंद संबंधों की वास्तविक क्षमता को पहचाना है. ट्रंप ने इन दो महान देशों में मजबूत संबंध बनाने के लिए मोदी सरकार के साथ मिलकर काम किया है. पत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन से बढ़ते खतरे के खिलाफ, भारत को अमेरिका का एक बहुमूल्य सहयोगी साबित कर इन प्रयासों को और आगे बढ़ाया है.
इन सांसदों ने अपने पत्र में कहा है, ''हम आपसे बाइडेन प्रशासन के डीओजे के आचरण की जांच कराने की मांग करते हैं. सच्चाई को सामने लाने के साझा प्रयास के लिए इस मामले से संबंधित सभी कागजात हमारे साथ साझा कर पर हम आपकी सराहना करेंगे.''
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