अपना घर ही महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक! 2024 में हर 10 मिनट में एक महिला की उसके किसी करीबी ने हत्या की

UN report on femicide: दुनिया भर में मारी गईं 60 फीसदी महिलाओं की हत्या उनके पार्टनर या रिश्तेदारों जैसे पिता, चाचा, मां और भाई ने की थी. जबकि केवल पुरुषों की हुई कुल हत्या में से केवल 11 प्रतिशत में मारने वाला कोई करीबी था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में करीब 50000 महिलाओं को उनके करीबी लोगों ने मारा गया था
  • विश्व में मारी गईं महिलाओं में 60 प्रतिशत से अधिक की हत्या उनके पार्टनर या परिवार के सदस्यों ने की थी
  • 117 देशों के आंकड़ों के आधार पर हर दस मिनट में एक महिला की हत्या होने की दर दर्ज की गई है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

जब दुनिया भर में महिलाओं यह तर्क देकर एक दायरे में बांधा जाता है कि बाहर ज्यादा मत निकलो सेफ नहीं है, तब संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट आंखों को खोलने वाला खुलासा कर रही है. संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल हर 10 मिनट में दुनिया में कहीं न कहीं एक महिला की उसके करीबी व्यक्ति द्वारा हत्या कर दी गई. यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में स्त्री-हत्या के खिलाफ लड़ाई में जो भी प्रगति हुई है, वो जरूरत से कहीं कम है.

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर सोमवार, 24 नवंबर को जारी एक रिपोर्ट में ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और संयुक्त राष्ट्र महिला ने कहा कि 2024 में लगभग 50,000 महिलाओं और लड़कियों को उनके करीबी सहयोगियों या परिवार के सदस्यों द्वारा मार दिया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में मारी गईं 60 फीसदी महिलाओं की हत्या उनके पार्टनर या रिश्तेदारों जैसे पिता, चाचा, मां और भाई ने की थी. जबकि केवल पुरुषों की हुई कुल हत्या में से केवल 11 प्रतिशत में मारने वाला कोई करीबी था.

रिपोर्ट में 117 देशों के आंकड़ा लिया गया है. साल की यह 50,000 हत्याओं का मतलब है प्रति दिन लगभग 137 या हर 10 मिनट में लगभग एक महिला की हत्या. रिपोर्ट के अनुसार, यह कुल 2023 में रिपोर्ट किए गए आंकड़े से थोड़ा कम है. लेकिन यह वास्तविक कमी का संकेत नहीं देता है, क्योंकि यह बड़े पैमाने पर देश-दर-देश डेटा उपलब्धता में अंतर से उत्पन्न होता है.

स्टडी में कहा गया है कि स्त्री-हत्या के कारण हर साल हजारों महिलाओं और लड़कियों की जान जा रही है, लेकिन सुधार का कोई संकेत नहीं दिख रहा है और "हत्या के जोखिम के मामले में घर महिलाओं और लड़कियों के लिए सबसे खतरनाक जगह बनी हुई है." रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया का कोई भी क्षेत्र स्त्री-हत्या के मामलों के बिना नहीं रहा, लेकिन पिछले साल लगभग 22,000 के साथ अफ्रीका में फिर से सबसे बड़ी संख्या थी.

यह भी पढ़ें: मुस्लिम ब्रदरहुड क्या है? 97 साल पहले एक कट्टरपंथी टीचर ने रखी नींव, अब ट्रंप के निशाने पर आया इस्लामिक संगठन

Featured Video Of The Day
Maulana Arshad Madani Vs Himanta Biswa Sarma: 'बदबूदार किरदार' हिमंता पर ज़हरीला वार! | Assam News
Topics mentioned in this article