"मैंने भारत की कोविशील्ड वैक्सीन ली है": संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद बोले

शाहिद ने शुक्रवार को अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मैंने भारत से आई कोविशील्ड ली है, मैंने दोनों डोज ली है. मैं नहीं जानता हूं कि कितने देश कहेंगे कि कोविशील्ड स्वीकार्य है या नहीं लेकिन देशों के पास इसका बड़ा हिस्सा है.

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जनवरी में भारत से कोविशील्ड की एक लाख वैक्सीन डोज माले भेजी गई थी. 
संयुक्त राष्ट्र:

संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद (Abdullah Shahid) ने कहा है कि उन्होंने भारत (India) में बनी कोविडशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की दोनों डोज ली है. दुनिया के दूसरे देशों में उसका बड़ा हिस्सा है. कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटिश-स्वीडिश दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका (Astrazeneca) ने विकसित किया और इसका निर्माण भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) द्वारा किया जा रहा है. 

शाहिद ने शुक्रवार को अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "आपने मुझसे वैक्सीनेशन को लेकर जो सवाल मुझसे पूछा है वह बेहद तकनीकी सवाल है. मैंने भारत से आई कोविशील्ड ली है, मैंने दोनों डोज ली है. मैं नहीं जानता हूं कि कितने देश कहेंगे कि कोविशील्ड स्वीकार्य है या नहीं लेकिन देशों के पास इसका बड़ा हिस्सा है."

शाहिद ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या किसी कोविड वैक्सीन को मान्यता दी जानी चाहिए और उन पर विचार किया जाना चाहिए या जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन या किसी अन्य समूह द्वारा मान्य किया गया है. 

उन्होंने हंसते हुए कहा, "और मैं बच गया, लेकिन किसी और को, एक चिकित्सा व्यक्ति को वह करने दो, मुझे नहीं."

भारत ने अनुदान, वाणिज्यिक शिपमेंट और कोवाक्स सुविधा के माध्यम से दुनिया के करीब 100 देशों को 6.6 करोेड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक का निर्यात किया है. शाहिद मालदीव के हैं. जनवरी में भारत में निर्मित वैक्सीन प्राप्त करने वाले पहले देशों में मालदीव शामिल था. उस वक्त कोविशील्ड की एक लाख वैक्सीन डोज माले भेजी गई थी. 

कुल मिलाकर, मालदीव को अनुदान, वाणिज्यिक शिपमेंट और कोविाक्स सुविधा के माध्यम से मेड-इन-इंडिया कोविड वैक्सीन की कुल 3.12 लाख खुराक मिली.

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ब्रिटेन ने शुरुआत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड को मान्यता देने से इनकार कर दिया था. हालांकि भारत की कड़ी आलोचना के बाद यूके ने 22 सितंबर को अपने नए दिशानिर्देशों में संशोधन किया और वैक्सीन को शामिल किया. 

हालांकि, इस कदम से उन भारतीय यात्रियों जिन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराक ले ली हैं, उन्हें क्वारंटाइन नियमों से कोई राहत नहीं मिली. बाद में ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटेन को भारत की वैक्सीन प्रमाणन प्रक्रिया के साथ समस्या है, न कि कोविशील्ड वैक्सीन के साथ. सोमवार से लागू हो रहे नए ब्रिटिश नियमों के तहत वैक्सीन लगवाने के बाद भी भारतीयों को 10 दिन के क्वारंटाइन से गुजरना होगा. 

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