अमेरिका (US) की तरफ से प्रतिबंधित एक जहाज़ तुर्की (Turkey) की बोसफोरस खाड़ी के ज़रिए सीरिया (Syria) से होते पिछले महीने हुए रूस पहुंचा. ब्लूमबर्ग के अनुसार, स्पार्टा 2 को ट्रैक करने वाले यूरोप के खुफिया अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि उसमें सैन्य वाहन थे जो राष्ट्रपति पुतिन (Putin) की यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) में मदद करने के काम आएंगे. इससे यह पता चलता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के 6 महीने बाद रूस युद्धक्षेत्र में सप्लाई लाइन दबाव में है .
यूक्रेन को एक तरफ जहां अमेरिका और यूरोप से कई बिलियन डॉलर के हथियार मिले हैं वहीं रूस केवल अपने संसाधनों पर आश्रित है. अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि रूस व्यापारिक जहाजों का प्रयोग कर सैन्य सामान काले सागर के ज़रिए ला रहा है. खुफिया अधिकारी ने ब्लूमबर्ग को 17-25 जुलाई की सैटेलाइट तस्वीरें दिखा कर कहा कि स्पार्टा -2 में अवश्य ही सैन्य वाहन थे.
मैरीटाइम ट्रैकिंग डाटा के अनुसार इस जहाज को नाटो सदस्य तुर्की ने बिना किसी दखलअंदाजी के जाने दिया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जब इस बारे में तुर्की सरकार से बात की तो उन्होंने बताया कि किसी व्यापारिक जहाज की छान-बीन तभी होती है जब उस पर कुछ गलत करने का संदेह हो. अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों का कहना है कि रूस को यूक्रेन में भारी नुकसान हुआ है और इस कारण अब रूस को अपने T-62 tanks जैसे पुराने उपकरणों को फिर से निकालना पड़ रहा है. ऐसे भी संकेत हैं कि रूस अतिरिक्त संसाधनों के लिए दूसरी जगह भी देख रहा है.
सीआईए डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने अमेरिकी सुरक्षा फोरम में पिछले महीने बताया था कि रूस हथियार बंद ड्रोन खरीदने के लिए ईरान का रुख कर रहा है. उन्होंने कहा, "यह रूस की डिफेंस इंडस्ट्री की कमियों और आज की उनकी चुनौतियों और नुकसान के बारे में बताता है."
नॉर्थ कोरिया भी रूस के लिए हथियारों का नया स्त्रोत बन सकता है. नॉर्थ कोरिया ने पिछले महीने पूर्वी यूरोप में रूस के कब्जे वाले दोनेत्सक और लुहांस्क पीपल्स रिपब्लिक को स्वतंत्र देशों के तौर पर मान्यता दी थी.
अमेरिका के डिफेंस पॉलिसी के उपसचिव कोलिन काहल (Colin Kahl ) ने सोमवार को पेंटागन में बताया कि कम से कम 80,000 रूसी सैनिक युद्ध में मारे गए हैं या घायल हुए हैं. साथ ही रूस को इस युद्ध में लगभग 4000 टैंकों और दूसरे युद्धक वाहनों का भी नुकसान हुआ है.
पुतिन ने अब तक अपने सेना के लिए बड़े पैमाने पर खरीद इश वजह से नहीं की है क्योंकि इसके कारण रूसी जनता को युद्ध की कीमत पर सवाल करने का मौक मिल जाएगा. लेकिन क्षेत्रीय अधिकारियों ने लोगों को पैसे का फायदा दिखा कर लोगों को युद्ध में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है जबकि रूसी संसद के निचले सदन ने मई में सैन्य सेवाओं के लिए उपरी उम्र की सीमा भी हटा दी है."