- रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में यूक्रेन ने फ्रांस से 100 राफेल एफ4 लड़ाकू जेट खरीदने की डील की है
- फ्रांस से प्राप्त एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम सहित आठ एसएएमपी/टी वायु रक्षा प्रणालियां भी यूक्रेन को मिलेंगी
- राफेल लड़ाकू जेट बहुउद्देश्यीय और अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जिसकी कीमत प्रति विमान लगभग 100 मिलियन डॉलर है
रूस और यूक्रेन के बीच लगभग 3.5 साल से जंग जारी है और इस समय रूसी सेना ने यूक्रेन को पूरी तरह बैकफुट पर ला दिया है. ऐसे में यूक्रेन के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर आई है. घातक रूसी हमलों से खुद को बचाने की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए यूक्रेन ने फ्रांस के साथ एक बड़ी डिफेंस डील की है. अब यूक्रेन को फ्रांस के 100 राफेल F4 लड़ाकू जेट के साथ-साथ उन्नत वायु रक्षा प्रणालियां (एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम) मिलेंगी.
पेरिस के पास एक हवाई अड्डे पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने इस डील के लिए लेटर ऑफ इंटेंट पर साइन किया गया. इसके बाद जेलेंस्की ने इस कदम को "ऐतिहासिक" बताया. दरअसल यह लेटर साइन करके यूक्रेन ने अपनी शुरुआती प्रतिबद्धता दिखाई है कि वह फ्रांस से रक्षा उपकरणों की एक श्रृंखला खरीदने में रुचि रखता है.
जेलेंस्की ने कहा, "सबसे पहले, यूक्रेन 100 राफेल लड़ाकू जेट और बहुत मजबूत फ्रांसीसी रडार - आठ एयर डिफेंस सिस्टम एसएएमपी/टी, प्रत्येक छह लॉन्चिंग सिस्टम के साथ प्राप्त करने में सक्षम होगा. यह एक रणनीतिक समझौता है जो अगले साल से शुरू होकर 10 साल तक काम करेगा."
वहीं मैक्रों ने फ्रांस-यूक्रेन संबंधों में "एक नए कदम" की तारीफ की. मैक्रो ने कहा कि लेटर ऑफ इंटेंट में ड्रोन और ड्रोन इंटरसेप्टर, गाइडेड बम और अगली पीढ़ी के एसएएमपी/टी जमीन से हवा में मार करने वाले सिस्टम को देना भी शामिल है, जिसकी पहली डिलीवरी अगले तीन वर्षों में होने की उम्मीद है.
तो क्यों खास है राफेल?
राफेल फ्रांस का सबसे एडवांस लड़ाकू जेट है. यह एक हाई टेक्नोलॉजी वाला, डेल्टा-पंख वाला, बहुउद्देश्यीय वॉर प्लेन है जो अपनी तेजी और दक्षता के लिए जाना जाता है. इसे मिडिल ईस्ट और अफ्रीका सहित फ्रांस के विदेशी सैन्य अभियानों में तैनात किया गया है, और प्रति विमान 100 मिलियन डॉलर से अधिक की अनुमानित लागत आती है. भारत इसे खुद फ्रांस के साथ मिलकर बनाता है.
राफेल तीन प्रकारों में आता है: एक सिंगल-सीटर और एक दो-सीटर मॉडल जो लैंड बेस से उड़ाया जाता है. तीसरा है विमान वाहक जहाज से ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया सिंगल-सीटर मॉडल.
राफेल को पहली बार 2004 में फ्रांसीसी नौसेना और दो साल बाद फ्रांसीसी वायु सेना के साथ ऑपरेशन में लाया गया था. इसे कई बार अपग्रेड किया गया है, इसका लेटेस्ट वर्जन, "स्टैंडर्ड F5" 2030 में आएगा. इस फाइटर प्लेन को डसॉल्ट एविएशन बनाती है और उसने 500 से अधिक राफेल बेचे हैं, जिनमें मिस्र, भारत, कतर, ग्रीस, क्रोएशिया, संयुक्त अरब अमीरात, सर्बिया और इंडोनेशिया सहित देशों को निर्यात के लिए 300 से अधिक शामिल हैं.
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