ऑपरेशन स्पाइडरवेब: AI वीडियो से समझिए कैसे यूक्रेन की ‘ड्रोन जाल’ ने रूसी एयरबेस पर कहर बरपाया

Ukraine's Operation Spiders Web: यूक्रेन ने रूस के खिलाफ ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब’ चलाया है. यूक्रेन के ड्रोन रूस के अंदर साइबेरिया तक घुस आए और उन्होंने रूस के 4 सैन्य हवाई अड्डों पर हमला किया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

NDTV द्वारा बनाया गया एक AI वीडियो दर्शाता है कि कैसे यूक्रेन ने असंभव को संभव बना दिया

Operation Spiders Web: जंग को शुरू हुए 3 साल से अधिक हो गए थे और शांति का रास्ता खोजा जा रहा था. लेकिन शांति वार्ता से पहले ही यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक गुप्त अभियान शुरू किया. इसे यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने "इतिहास की किताबों" में से एक बताया है. ऑपरेशन का कोडनेम "स्पाइडर वेब" था जिसमें सस्ते में बनाए गए ड्रोन शामिल थे जो रूसी क्षेत्र में गहराई तक घुस गए थे और उसके सैन्य हवाई क्षेत्रों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए गए थे.

एनडीटीवी ने एक AI वीडियो बनाया है जिसमें दिख रहा है कि कैसे यूक्रेन ने चौंकाते हुए रूसी को घर में घुसकर चोट पहुंचाया है और कम खर्चे में असंभव को संभव बना दिया.

117 यूक्रेनी ड्रोनों से भरे सेमी-ट्रेलर ट्रक - हर ड्रोन की कीमत केवल 1,200 डॉलर- अज्ञात ड्राइवरों द्वारा रूसी क्षेत्र में चलाकर लाए गए थे. वहां से ड्रोन ने रूस के बॉम्बर्स पर हमला करने के लिए उड़ान भरी. वीडियो में ट्रक में लकड़ी के कंटेनर के अंदर छिपाए गए विस्फोटक से भरे ड्रोन दिखाई दे रहे हैं. कंटेनरों की छत के पैनल को दूर से रिमोट कंट्रोल के जरिए हटाया गया, जिससे ड्रोन बाहर उड़ सके और अपना हमला शुरू कर सके.

यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) के अनुसार इस एयर स्ट्राइक में कुछ घंटों के अंतराल में ही 40 से अधिक रूसी युद्धक विमान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 7 बिलियन डॉलर थी.

Advertisement

सबसे बड़ा लक्ष्य यूक्रेन से 4,000 किलोमीटर दूर इरकुत्स्क के साइबेरियाई क्षेत्र में बेलाया हवाई अड्डा था. यह यूक्रेन के पास मौजूद लंबी दूरी के मारक ड्रोन या बैलिस्टिक मिसाइलों की सीमा से बाहर है, यानी यहां तक यूक्रेन के मारक ड्रोन या बैलिस्टिक मिसाइल नहीं पहुंच सकते थे. इसलिए ड्रोन को उनके लक्ष्य के काफी करीब लाने के लिए एक विशेष योजना की आवश्यकता थी.

Advertisement

ऑपरेशन स्पाइडरवेब की प्लानिंग में डेढ़ साल से अधिक का समय लगा. इसे एक कार्यालय से निर्देशित किया गया था जो रूसी सुरक्षा सेवा, FSB के कार्यालय के बगल में था. जेलेंस्की ने यह दावा किया, लेकिन बिना यह बताए कि यह रूस में कहां था. जेलेंस्की ने कहा, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से ऑपरेशन की निगरानी की थी, भाग लेने वाले सभी ऑपरेटरों को ऑपरेशन से पहले ही रूस से बाहर लाया गया था.

Advertisement

यह भी पढ़ें: रूस के खिलाफ यूक्रेन का स्पाइडर वेब ड्रोन हमला, भारत सीख सकता है ये 5 बातें

Topics mentioned in this article