रूस (Russia) ने उन यूक्रेनियों (Ukrainian) की पहचान कर ली है जिन्हें यूक्रेन पर हमले की सूरत में या तो "मारा जाना है या कैंपों में भेजा जाना है" (To be killed or sent to camps). अमेरिका (US) ने संयुक्त राष्ट्र (UN) को चेतावनी देते हुए यह दावा किया है. अमेरिका का कहा है कि उसे विश्वस्नीय सूत्रों से यह सूचना मिली है. अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख को भेजे पत्र में यह रूस पर यह गंभीर आरोप लगाया है. समाचार एजेंसी AFP को रविवार को इस पत्र की एक प्रति प्राप्त हुई.
इसके अनुसार यह पत्र, जिसमें रूस की तरफ से यूक्रेन बॉर्डर पर रूसी सेना के जमावाड़े का हमला देते हुए बड़े हमले की चेतवानी दी गई है, उसमें लिखा है कि अमेरिका "बेहद चिंतित" है और साथ ही यह पत्र "मानवाधिकारों की त्रासदी" से भी आगाह करता है.
अमेरिका के इस पत्र में लिखा है," अमेरिका के पास विश्वस्नीय सूत्रों से मिली जानकारी है जो यह संकेत देती है कि रूसी सेनाओं ने उन यूक्रेनी नागरिकों की सूची बना ली है जिन्हें सैन्य कब्जे के बाद "मारा जाना है या कैंपों में भेजा जाना है".
संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों की उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट (Michelle Bachelet) को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है, " हमें यह भी विश्वस्नीय जानकारी है कि रूसी सेनाएं शांतिपूर्ण विरोधप्रदर्शनों को तितरबितर करने के लिए घातक तरीकों का प्रयोग करेंगी या फिर शांतिपूर्ण कार्रवाई को नागरिकों की तरफ से रूकावट माना जाएगा."
इस संदेश पर संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा दफ्तर में अमेरिकी राजदूत बाथशीबा नेल क्रोकर (Bathsheba Nell Crocker) के हस्ताक्षर हैं. यह पत्र कहता है कि रूसी हमले के दौरान अपहरण, शोषण हो सकते हैं और राजनैतिक , धार्मिक असहमति रखने वालों और जातीय अल्पसंख्यकों को भी निशाना बनाया जा सकता है.
अमेरिका और पश्चिमी सहयोगी देशों के अनुसार रूस ने यूक्रेन की सीमा पर पिछले कुछ हफ्तों में 150,000 से अधिक सैनिक तैनात किए हैं.