माली में अलकायदा से जुड़े आतंकी संगठन की गिरफ्त में 3 भारतीय...जानें क्‍या कर रहे थे वहां  

राजस्‍थान, ओडिशा और तेलंगाना के रहने वाले तीन भारतीयों को पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में अगवा कर लिया गया है. एक जुलाई को इस घटना को अंजाम दिया गया है.

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  • राजस्थान, ओडिशा और तेलंगाना के तीन भारतीयों को माली के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री से एक जुलाई को आतंकियों ने अगवा किया है.
  • अपहरण की जिम्मेदारी अल कायदा से जुड़े जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुसलमीन संगठन पर लगाई जा रही है, जिसने पहले भी क्षेत्र में कई हमले किए हैं.
  • अपहृत व्यक्तियों में जयपुर के प्रकाश चंद जोशी, तेलंगाना के अमरलिंगेश्वर राव और ओडिशा के पी. वेंकटरमन शामिल हैं, जो माली में काम कर रहे थे.
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नई दिल्‍ली:

राजस्‍थान, ओडिशा और तेलंगाना के रहने वाले तीन भारतीयों को पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में अगवा कर लिया गया है. एक जुलाई को इस घटना को अंजाम दिया गया है. बताया जा रहा है कि अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जमात नुसरत अल-इस्‍लाम वल-मुसलमीन (JNIM) ने  इन तीनों का अपहरण किया है. यह घटना पश्चिमी माली मे स्थित डायमंड सीमेंट फैक्‍ट्री में हुई है. इन तीनों को एक आतंकी हमले में अगवा किया गया है. माना जा रहा है कि हमले को JNIM ने ही अंजाम दिया है.

सीमेंट की फैक्‍ट्री में कर रहे थे काम  

अभी तक इस संगठन ने सार्वजनिक तौर पर इसकी जिम्‍मेदारी नहीं ली है लेकिन इस हमले को जेएनआईएम द्वारा हाल ही में किए गए अभियानों से जोड़ा जा रहा है. यह आतंकी संगठन पहले भी माली, नाइजर और बुर्किना फासो में विदेशी कर्मचारियों, सरकारी प्रतिष्‍ठानों और मिलिट्री पोस्‍ट्स को निशाना बना चुका है. पीड़ितों में से एक की पहचान जयपुर निवासी प्रकाश चंद जोशी के रूप में हुई है.

दूसरे की पहचान तेलंगाना के मिरयालगुडा निवासी 45 वर्षीय अमरलिंगेश्वर राव के रूप में हुई है जो साल 2015 से माली में काम कर रहे थे. तीसरे व्यक्ति का नाम पी. वेंकटरमन बताया जा रहा है और उनकी उम्र 28 साल है. वह ओडिशा के गंजम जिले के रहने वाले हैं और मुंबई स्थित ब्लू स्टार प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत थे. करीब छह महीने से पी वेंकटरमन डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में काम कर रहे थे. 

मामले पर क्‍या बोला विदेश मंत्रालय 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपहृत व्यक्तियों की पहचान की पुष्टि की है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह माली के अधिकारियों, स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों और संबंधित परिवारों के साथ नियमित संपर्क में है. जयपुर से बात करते हुए, प्रकाश चंद जोशी की पत्नी सुमन जोशी ने बताया कि उनके पति को सीमेंट फैक्ट्री परिसर से 'हथियारबंद लोगों ने जबरन उठा लिया. उन्होंने बताया कि अपहरण के बाद से उनसे कोई सीधा संपर्क नहीं हो पाया है. परिवार ने विदेश मंत्रालय से मदद मांगी है और भारत सरकार से उनकी जल्द से जल्द रिहाई की अपील की है. 

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घरवाले परेशान, मां का बुरा हाल 

मिर्यालगुडा में, अमरलिंगेश्वर राव की पत्नी वेंकटरमण ने कहा कि जिस कंपनी में वे काम करते थे वहां से उन्हें अपहरण के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, 'मैंने उनसे आखिरी बार 30 जून की रात को बात की थी. उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ है. हमें अभी तक सरकार से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.' दंपति के तीन बच्चे हैं और परिवार ने सार्वजनिक तौर पर हस्तक्षेप की अपील की है.

ओडिशा में, वेंकटरमण की मां पी. नरसम्मा ने बताया कि उन्हें 4 जुलाई को कंपनी के एक अधिकारी का फोन आया था जिसमें बताया गया था कि उनका बेटा 'पुलिस हिरासत में' है, लेकिन बाद में उन्हें अपुष्ट खबरें सुनने को मिलीं कि उनका बेटा शायद अपहरण कर लिया गया है. उन्होंने परेशान होते हुए कहा, 'पहले उन्होंने कहा कि वह हिरासत में है, अब हम सुन रहे हैं कि वह बंधक है.' 

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कंपनी ने साधी चुप्‍पी 

जिस डायमंड सीमेंट फैक्‍ट्री में अपहरण की घटना हुई है उसे प्रसादित्य ग्रुप की तरफ से संचालित किया जाता है. यह एक भारतीय बिजनेस ग्रुप है और जिसके कई अफ्रीकी देशों में व्यावसायिक हित हैं. इसमें भारतीय नागरिकों समेत विदेशी कर्मी भी काम करते हैं. कंपनी की तरफ से 14 जुलाई तक कोई भी सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया गया है. दूसरी तरफ माली की राजधानी बामाको में भारतीय दूतावास घटना के बाद से स्थानीय अधिकारियों और कानूनी एजेंसियों के साथ 'निरंतर और करीबी संपर्क 'में है. 

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माली के साहेल क्षेत्र में माली, नाइजर और बुर्किना फासो शामिल हैं. वहां पर साल 2012 से हिंसा में लगातार इजाफा हो रहा है. उस समय विद्रोह की शुरुआत उत्‍तरी माली से हुई थी. इस साल आए ग्‍लोबल टेाररिस्‍ट इंडेक्‍स (GTI) ने इस क्षेत्र को ग्‍लोबल टेररिजम का एपिक सेंटर बताया था. जीटीआई ने कहा था कि यह वह क्षेत्र बन गया है जहां दुनिया भर में आतंकवाद से जुड़ी भी मौतों में से आधे से ज्‍यादा मौतें यही होती हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार करीब 400 भारतीय इस समय माली में रहते और काम करते हैं. इनमें से कई कंस्‍ट्रक्‍शन, माइनिंग और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर में काम करते हैं. 

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