संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत के राजदूत ने कहा है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में आतंकवाद (Terrorism) का “गंभीर खतरा” लगातार बना हुआ है और युद्धग्रस्त देश की वर्तमान स्थिति का भारत पर सीधा प्रभाव पड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने काबुल (Kabul) में एक “समावेशी सरकार” के आह्वान को दोहराया जो अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली हो. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ‘अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन' (The United Nations Assistance Mission in Afghanistan) (यूएनएएमए) पर बुधवार को सुरक्षा परिषद में आयोजित एक बैठक में कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान और क्षेत्र में आतंकवाद एक गंभीर खतरा बना हुआ है. वास्तव में, अगस्त से कई अवसरों पर इस परिषद ने एक स्वर में धार्मिक स्थलों और अस्पतालों पर हुए आतंकी हमलों की भर्त्सना की है. आतंकी हमले का शिकार हुए स्थलों में वे धार्मिक स्थल भी शामिल हैं जिनका इस्तेमाल धार्मिक अल्पसंख्यक करते हैं.”
भारतीय राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान का निकट पड़ोसी होने और वहां के लोगों का लंबे समय से दोस्त होने की वजह से अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति का सीधा असर भारत पर पड़ेगा. तिरुमूर्ति ने युद्धग्रस्त देश में एक “समावेशी सरकार” के आह्वान को दोहराया जो अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हो.
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उन्होंने कहा ‘‘हमारी तात्कालिक प्राथमिकताओं में वहां से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को निकालना और निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना शामिल है ताकि वहां के लोगों को अफगानिस्तान के अंदर और बाहर आने जाने की अनुमति मिले.''
उन्होंने कहा, “एक व्यापक, समावेशी और प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक स्वीकार्यता और वैधानिकता मिलेगी.” तिरुमूर्ति ने कहा कि आज यह बेहद जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगानिस्तान पर एक स्वर में आवाज उठाए.
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