तालिबान (Taliban) का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर नई अफगान सरकार की स्थापना पर समूह के साथी सदस्यों और अन्य राजनेताओं के साथ बातचीत के लिए शनिवार को काबुल पहुंचा. तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "वह एक समावेशी सरकार के गठन के लिए जिहादी नेताओं और राजनेताओं से मिलने के लिए काबुल में रहेंगे."
साल 2010 में पाकिस्तान के कराची में गिरफ्तार, बरादर को तब तक वहां हिरासत में रखा गया जब तक कि संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव में उसे 2018 में मुक्त नहीं कर दिया गया. इसके बाद उसे कतर स्थानांतरित कर दिया गया.
इसके बाद बरादर को दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया, जहां उसने अमेरिकियों के साथ विदेशी सेना की वापसी समझौते पर हस्ताक्षर किए. बरादर मंगलवार को कतर से अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार - तालिबान के आध्यात्मिक जन्मस्थान पहुंचा था. बरादर की वापसी के कुछ ही घंटों के भीतर समूह ने घोषणा की कि इस बार उनका नियम "अलग" होगा.
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कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
यह तालिबान का उप नेता है और सबसे पॉपुलर चेहरा है. बरादर तालिबान की पॉलिटिकल यूनिट का मुखिया है.अफगानिस्तान का राष्ट्रपति बनने की दौड़ में सबसे बड़ा दावेदार है. यह मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडर्स में एक रहा है. साल 2010 में ISI ने करांची से इसे गिरफ्तार किया था लेकिन डील के बाद इसे पाकिस्तान ने 2018 में छोड़ दिया था. इसका जन्म उरुजगान प्रांत में 1968 में हुआ था. बरादर ने 1980 के दशक में सोवियत सेना के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन में लड़ाई लड़ी थी.