अगर आप हैं मर्द, तभी खेल सकते हैं ये 400 किस्म के खेल! तालिबान का वादा

1996 से 2001 के तालिबान के क्रूर और दमनकारी शासन के दौरान महिलाओं के किसी भी खेल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था जबकि पुरुषों के खेलों पर भी कड़ा नियंत्रण रखा जाता था

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
तालिबान ने पुरुषों के लिए 400 खेलों की अनुमति दी

तैराकी से लेकर फुटबॉल तक, दौड़ से लेकर घुड़सवारी तक, अफगानिस्तान (Afghanistan) के नए खेल प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि तालिबान 400 खेलों की अनुमति दी, लेकिन महिलाओं के खेलने से जुड़े सवाल पर जवाब देने से इंकार कर दिया. बशीर अहमद रुस्तमजई ने एएफपी से कहा कि कृपया महिलाओं के बारे में सवाल न करें. काली-सफेद दाड़ी वाले रुस्तमजई पूर्व कुंग फू और रेसलिंग चैंपियन रहे हैं जिन्हें इस इस्लामिक ग्रुप द्वारा अफगानिस्तान में खेल और फिजिकल एजुकेशन के लिए डायरेक्टर जनरल नियुक्त किया गया है. जब कुश्ती महासंघ के प्रमुख तालिबान की पिछली सरकार में थे तो उनके सत्ता से जाने से पहले भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर उन्होंने पश्चिम समर्थित सरकार के साथ काम किया था. तालिबान की खास तरह की काली पगड़ी पहने रुस्तमजई ने महिलाओं के खेलने से जुड़े सवालों को बार-बार टाल दिया.

बता दें कि 1996 से 2001 के तालिबान के क्रूर और दमनकारी शासन के दौरान महिलाओं के किसी भी खेल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था जबकि पुरुषों के खेलों पर भी कड़ा नियंत्रण रखा जाता था. महिलाओं का शिक्षा और काम पर भी काफी हद तक प्रतिबंध लगा दिया गया है. यही नहीं सार्वजनिक तौर पर फांसी देने के लिए स्पोर्ट्स स्टेडियमों का इस्तेमाल इनके द्वारा खूब किया गया. रुस्तमजई ने कहा कि हम किसी भी खेल पर तब तक प्रतिबंध नहीं लगाएंगे जब तक कि वह शरिया कानून का उल्लंघन नहीं करता. 400 प्रकार खेलों की अनुमति दी गई है. कुछ समय बाद ही उन्होंने युवा अफगानी पुरुषों का प्रदर्शन देखा जिसमें से कुछ रोलर ब्लेड पर घूमते हुए और सफेद तालिबानी झंडे को लहरा रहे थे.

रुस्तमजई ने कहा कि इस्लामी कानून का पालन करने का मतलब अन्य देशों की तुलना में व्यवहार में थोड़ा बदलाव है. ये भी ज्यादा नहीं है. उदाहरण के लिए फुटबॉल खिलाड़ियों या मॉय थाई मुक्केबाजों को थोड़े लंबे शॉर्ट्स पहनने होंगे, जो घुटने से नीचे होंगे. महिलाओं की भागीदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अभी भी शीर्ष तालिबान नेतृत्व के आदेश का इंतजार है.

Advertisement

उनके एक सलाहकार ने कहा कि महिलाओं को खेलने की अनुमति देना, हम विश्वविद्यालयों की तरह कल्पना कर सकते हैं. पुरुषों से बिल्कुल अलग. लेकिन रुस्तमजई ने सीधे तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की. नए नियमों के मुताबिक- महिलाओं को विश्वविद्यालयों में पढ़ाई की अनुमति दी गई है, लेकिन उन्हें पुरुषों से अलग रखा जाता है. साथ ही खास तरह का परिधान अबाया उन्हें पहनना होता है. यही नहीं पढ़ाई का सलेबस भी उनके हिसाब से ही होता है. अभी तक जो संकेत मिले हैं महिलाओं के लिए कुछ भी साफ नहीं है. पिछले हफ्ते, तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वासीक ने कहा कि महिलाओं के लिए खेल खेलना "जरूरी नहीं" है.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Parsvottanasana l Pyramid Pose l रीढ़ की हड्डी की हर समस्या के लिए 'Best' हैं यह योगभ्यास