तीसरी बार स्पेस में फंस गई हैं सुनीता विलियम्स, स्पेसक्राफ्ट में हो रहा लीकेज, 45 दिन आगे बढ़ सकता है मिशन

सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर ले जाने वाला स्पेसक्राफ्ट 5 जून को लॉन्च किया गया था. सुनीता विलियम्स स्पेसक्राफ्ट की पायलट हैं और बुश विलमोर मिशन कमांडर. 25 घंटे के सफर के बाद दोनों इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे. इतने कम समय में ISS पहुंचने का ये एक रिकॉर्ड भी है.

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सुनीता विलियम्स और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं, जो एटलस वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर गए.
वॉशिंगटन:

सुनीता विलियम्स और मिशन कमांडर बुश विलमोर (Butch Wilmore) को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद 13 जून को धरती पर वापस लौटना था. लेकिन उनके स्पेसक्राफ्ट में टेक्निकल फॉल्ट हो गया. हीलियम गैस के रिसाव के चलते अब तक दोनों धरती पर नहीं लौट पाए हैं. Mint की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनीता विलियम्स और विलमोर के अलावा स्पेसक्राफ्ट में करीब 345 किलो का सामान भी है.

सुनीता विलियम्स का स्पेस मिशन
सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर ले जाने वाला स्पेसक्राफ्ट 5 जून को लॉन्च किया गया था. बीते महीनों में कई कारणों से स्टारलाइनर की लॉन्चिंग टाली जा चुकी है. आखिरकार 5 जून को इसकी लॉन्चिंग हुई. सुनीता विलियम्स स्पेसक्राफ्ट की पायलट हैं और बुश विलमोर मिशन कमांडर. 25 घंटे के सफर के बाद दोनों इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे. इतने कम समय में ISS पहुंचने का ये एक रिकॉर्ड भी है. 

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सुनीता विलियम्स और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं, जो एटलस वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर गए. इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली उड़ाना था.

9 बार टाली जा चुकी है वापसी
मिशन की लॉन्चिंग में देरी के अलावा 9 बार स्पेसक्राफ्ट की धरती पर वापसी भी टाली जा चुकी है. स्पेसक्राफ्ट को 13 जून को लौटना था. सबसे पहले 9 जून को स्पेसक्राफ्ट की वापसी टाली गई थी. इसमें बताया गया था कि लैंडिंग को 18 जून तक आगे बढ़ाया जा रहा है. फिर वापसी की तारीख 22 जून कर दी गई. इसके बाद 26 जून हो गई. हाल ही में NASA ने कहा था कि दोनों एस्ट्रोनॉट को धरती पर वापस आने में वक्त लग सकता है. बीते दिनों सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर के स्पेस में फंसने की खबर आई. NASA ने उनके मिशन से लौटने की कोई तारीख नहीं बताई है.

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सुनीता विलियम्स के मिशन को लेकर NASA का क्या है अपडेट?
NASA के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोइंग स्टारलाइनर के क्रू मॉड्यूल बैटरियों की लाइफ और उनकी परफॉर्मेंस के बारे में अपडेट दिया है. 

स्टीव स्टिच ने कहा, "हम स्टारलाइनर पर क्रू मॉड्यूल बैटरियों की 45 दिनों की लिमिट पर बात कर रहे हैं. हम इस लिमिट को अपग्रेट करने की प्रोसेस में हैं. हमारी टीम उन बैटरियों की लाइफ और उनकी परफॉर्मेंस बढ़ाने के काम पर लगी हुई है." 

मिशन में 45 से 90 दिनों की हो सकती है देरी
इस बीच न्यूज एजेंसी ANI ने अमेरिकी मीडिया CNN के हवाले से बताया कि बोइंग स्टारलाइनर के मिशन में 45 दिनों से लेकर 90 दिनों तक की देरी हो सकती है. ANI ने NASA के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम मैनेजर स्टीव स्टिच के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ने अधिकारियों ने बार-बार संकेत दिया है कि स्टारलाइनर मिशन से एस्ट्रोनॉट्स धरती पर सुरक्षित वापस आएंगे. 

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CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते शुक्रवार को स्टिच ने कहा कि NASA स्टारलाइनर के मिशन की अधिकतम अवधि को 45 दिनों से बढ़ाकर 90 दिनों तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है. हालांकि, स्पेसक्राफ्ट के अभी धरती पर लौटने की कंफर्म डेट नहीं बताई गई है. 

स्पेसक्राफ्ट के पास है कितना फ्यूल?
स्पेसक्राफ्ट के पास कितना फ्यूल है, ये चिंता का विषय है. दरअसल,  स्टारलाइनर स्पेस स्टेशन के हार्मनी नाम के जिस मॉड्यूल से जुड़ा है, उसकी फ्यूल कैपेसिटी सीमित होती है. Mint की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट के पास सिर्फ 24 दिन का फ्यूल बचा हुआ है.

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फ्यूल खत्म हो गया तो क्या होगा?
जाहिर तौर पर स्पेसक्राफ्ट में फ्यूल खत्म हो जाने के बाद इसे ISS में डॉक नहीं किया जा सकता है. इस केस में NASA को सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर को वापस लाने के लिए कोई और इंतजाम करना होगा. 

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एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाने के लिए और क्या है ऑप्शन?
NASA का कोई दूसरा स्पेसक्राफ्ट एस्ट्रोनॉट्स को लाने जा सकता है. या अमेरिका में एलन मस्क की प्राइवेट स्पेस कंपनी 'स्पेसएक्स' का कोई स्पेसक्राफ्ट उन्हें लाने जा सकता है. इन स्पेसक्राफ्ट को खास तरीके से बनाया गया है, ताकि ये डेडलाइन पर स्पेस भेजे जा सके.

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