श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से हालात बद से बदतर हो चुके हैं. ऐसे में देश के नागरिकों के बीच असतोष बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि आर्थिक और राजनीतिक संकट से निपटने के लिए 5 वित्त समितियां और 10 निरीक्षण समितियां नियुक्त की जाएंगी. विक्रमसिंघे ने कहा कि सार्वजनिक वित्त समिति, लेखा समिति और सार्वजनिक उद्यम समिति का गठन किया जाएगा.
नए श्रीलंकाई पीएम ने एक विशेष बयान में कहा, नीतियों पर संसद को रिपोर्ट करने वाली दस निरीक्षण समितियां नियुक्त की जाएंगी. संसद को इन समितियों की सिफारिशों पर कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा, "युवा मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की मांग कर रहे हैं. वे मौजूदा मुद्दों को भी जानना चाहते हैं. इसलिए, मैं इन 15 समितियों में से प्रत्येक में चार युवा प्रतिनिधियों को नियुक्त करने का प्रस्ताव रखता हूं."
विक्रमसिंघे ने संसद के ढांचे को बदलने की जरूरत पर भी जोर दिया. आधिकारिक बयान में, उन्होंने राष्ट्रपति और कैबिनेट को संसद के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए संविधान में 21वें संशोधन का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "हम एक राष्ट्रीय परिषद का प्रस्ताव करते हैं. अध्यक्ष, प्रधान मंत्री, विपक्ष के नेता और प्रमुख दलों के नेताओं की एक समिति को राष्ट्रीय परिषद कहा जाता है.
कैबिनेट के फैसलों के बारे में, ”श्रीलंकाई पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय परिषद देश की नीतियों के बारे में भी बात कर सकती है. इस समय श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को हटाने के लिए देशभर में महीनों से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
ये भी पढ़ें: नेपाल में खराब मौसम लापता प्लेन की तलाश में रोड़ा बना, मुंबई के एक परिवार सहित 22 यात्री सवार थे
ये भी पढ़ें: इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले जरदारी से संपर्क करना चाहा था : कथित ऑडियो क्लिप से खुलासा
VIDEO: आज सुबह की सुर्खियां : 30 मई, 2022