एशिया में सबसे विशाल माने जाने वाले 69 वर्षीय चर्चित भारतीय हाथी की सोमवार को मृत्यु हो जाने पर श्रीलंका में शोक है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने निर्देश दिया है कि हाथी के शव को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाए और इसे राष्ट्रीय संपत्ति के तौर पर नामित किया जाए.भारत के मैसूर में पैदा हुआ नादुंगमुवे राजा नामक यह हाथी लगातार 11 वर्षों से हर साल अगस्त में कैंडी में प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर के वार्षिक उत्सव में भगवान बुद्ध के दांत के अवशेष के मुख्य बक्से को ले जाता था. हाथी की मृत्यु देश के गंपाहा जिले में हुई. राष्ट्रपति राजपक्षे ने हाथी राजा की मृत्यु पर शोक जताया है. राजपक्षे ने ट्वीट किया, ‘‘आपने टेंपल ऑफ टूथ के अवशेष वाले बक्से को ले जाने के अपने सराहनीय कार्य के लिए स्थानीय और विदेशी जनता दोनों का दिल जीता. आपने पवित्र बक्से की यात्रा से पुण्य कमाया है. ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे.''
कोलंबो पेज न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, राजा को एशिया का सबसे बड़ा हाथी माना जाता था. हाथी के मालिक डॉ हर्ष धर्मविजय ने कहा कि हाथी के अंतिम संस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हाथी 10.5 फुट लंबा था.राष्ट्रपति राजपक्षे के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने निर्देश दिया है कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए हाथी के शरीर को संरक्षित किया जाए और इसे राष्ट्रीय संपत्ति का नाम दिया जाए. स्थानीय लोककथा के अनुसार मैसूर के महाराज ने अपने एक रिश्तेदार की लंबी बीमारी का इलाज करने के लिए यहां पास में एक स्थानीय भिक्षु को उपहार में हाथी के दो बच्चे दिए थे और राजा उन्हीं में से एक था.
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंका को उपहार में दिए गए दूसरे हाथी के बच्चे नवम राजा की 2011 में मृत्यु हो गई थी. नवम राजा कोलंबो में गंगारामया मंदिर के जुलूस में पवित्र अवशेष ले जाया करता था.
- ये भी पढ़ें -
* यूक्रेन के कुछ शहरों में रूस ने किया सीज़फायर, यूक्रेनियों को निकलने के लिए देगा वक्त
* "हम आपके गुलाम हैं क्या?" पश्चिमी देशों के 22 राजदूतों की संयुक्त चिट्ठी पर भड़के पाक PM इमरान खान
* UP Election 2022: सपा के गढ़ आजमगढ़ में क्या BJP बढ़ा पाएगी अपनी सीटें, क्या हैं सियासी समीकरण?
VIDEO: बच्चे भी झेल रहे युद्ध की विभीषिका, 11 साल का बच्चा 1000 किमी का सफर कर पहुंचा स्लोवाकिया