Sri Lanka Crisis: हिंसा पर UNHRC की नज़र, प्रदर्शनकारियों पर हमलों को लेकर कही ये बड़ी बात...

श्रीलंका (Sri Lanka) अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहा है. इससे निपटने में सरकार की विफलता को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच 76 वर्षीय महिंदा (Ex PM Mahinda Rajpakshe) को सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है. इस बीच विपक्षी दल उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.

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श्रीलंका (Sri Lanka) में बढ़ती हिंसा (Violence) की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार (UNHRC) प्रमुख मिशेल बैश्लेट ने सरकार के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सत्ताधारी दल के सदस्यों द्वारा किए गए हमलों की व्यापक और निष्पक्ष जांच की मांग की. संरा मानवाधिकार उच्चायुक्त बैश्लेट ने श्रीलंका में अधिकारियों से हिंसा रोकने का आह्वान करते हुए अनुरोध किया कि वे संयम बरतें तथा देश में भीषण आर्थिक संकट के बीच लोगों की शिकायतों को सार्थक बातचीत से हल करें. 

उन्होंने मंगलवार को कहा, “कल 9 मई को कोलंबो में पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थकों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला किए जाने और उसके बाद सत्ताधारी दल के सदस्यों के खिलाफ भीड़ द्वारा की गई हिंसा के बाद श्रीलंका में बढ़ती हिंसा से मैं बहुत व्यथित हूं.”

श्रीलंका में कैसे बिगड़ा माहौल?

श्रीलंका में सोमवार को उस समय झड़पें हुईं जब सरकार समर्थकों ने कोलंबो और अन्य जगहों पर शांतिपूर्ण तरीके से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हो गए.

बैश्लेट ने जिनेवा में एक बयान में कहा, “मैं हिंसा की निंदा करती हूं और अधिकारियों से सभी हमलों की स्वतंत्र, व्यापक और पारदर्शी तरीके से जांच करने की मांग करती हूं।। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हिंसा भड़काने वालों सहित जिम्मेदार पाए जाने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए।”

उन्होंने अधिकारियों से हिंसा को और भड़कने से रोकने और शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने के अधिकार की रक्षा करने का आह्वान किया।

बैश्लेट ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय देश की स्थिति पर करीब से नजर रखेगा और जानकारी लेता रहेगा.

सुरक्षा घेरे में पूर्व प्रधानमंत्री 

 श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahida Rajpakshe) को त्रिंकोमाली स्थित नौसेना अड्डे पर ले जाया गया है जहां वह सुरक्षा घेरे में हैं. रक्षा मंत्रालय के सचिव कमल गुणरत्ने ने बुधवार को यह जानकारी दी.

श्रीलंका अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इससे निपटने में सरकार की विफलता को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच 76 वर्षीय महिंदा को सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है. इस बीच विपक्षी दल उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.

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श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) नेता महिंदा 2005 से 2015 तक देश के राष्ट्रपति थे और उस दौरान उन्होंने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के खिलाफ क्रूर सैन्य अभियान चलाया था.

गुणरत्ने ने एक डिजिटल ब्रीफिंग में संवाददाताओं को बताया कि महिंदा राजपक्षे को सुरक्षित तरीके से निकाल कर त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे पर ले जाया गया है.

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उन्होंने कहा कि महिंदा राजपक्षे को कोलंबो में उनके ‘टेंपल ट्रीज' आवास से सुरक्षित निकालकर त्रिंकोमाली स्थित नौसेना अड्डे ले जाया गया है.

गुणरत्ने ने कहा, ‘‘हमने देखा कि कैसे उन्होंने (प्रदर्शनकारियों) उस रात ‘टेंपल ट्रीज' के अंदर घुसने की कोशिश की थी और हमने उन्हें रोका था.''

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उन्होंने कहा कि महिंदा राजपक्षे को वहां तब तक रखा जायेगा, जब तक स्थिति में सुधार नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह जहां जाना चाहेंगे, वहां जा सकते हैं.