मस्क ने निकाल दिया 'मंगल का मुहूर्त'! कब जाएगा स्टारशिप, इंसानी कदम कब पड़ेंगे, जानें सबकुछ

2029 में क्या इंसान के कदम मंगल पर पड़ जाएंगे? एलन मस्क ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ड्रीम प्रोजेक्ट पर बड़ा ऐलान किया. जानिए हर एक बात...

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

अंतरिक्ष में अमेरिका किस यकीन के साथ क्या कुछ कर गुजरने की तैयारी कर रहा है यह आज की दो घटनाएं बताती हैं. आज पहले एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) का रॉकेट फाल्कन 9 सुनीता विलियम्स की 'घरवापसी' के लिए निकला और कुछ घंटे बाद मस्क ने मंगल पर रोबॉटिक और इंसानी मिशन की तारीख तय कर दी. अंतरिक्ष में 9 महीने से फंसे अपने यात्रियों को वापस लाने के पेचीदा मिशन के बीच मस्क का ऐलान अमेरिका के जबरा आत्मविश्वास को दिखाता है. मतलब- यह तो होना ही है. बड़ा टारगेट यह है.     

मस्क ने शनिवार को ऐलान किया कि स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट 2026 के आखिर तक टेस्ला के मानव रोबॉट ऑप्टिमस के साथ मंगल के लिए रवाना होगा. मस्क के मुताबिक सब ठीक रहा तो मंगल पर इंसान के कदम 2029 के शुरुआत तक पड़ सकते हैं, हालांकि 2031 की संभावना अधिक है.  मस्क ने सोशल नेटवर्क एक्स एक्स  पर लिखा, 'स्टारशिप अगले साल (2026) के आखिर में ऑप्टिमस को लेकर मंगल ग्रह के लिए रवाना होगा. यदि लैंडिंग सफल रही, तो मानव लैंडिंग 2029 की शुरुआत में शुरू हो सकती है. हालांकि 2031 की संभावना अधिक है.' 

अगले साल इंसानी भावनाओं और दिमाग वाले रोबॉट को लेकर मंगल पर जाएगा स्टारशिप

क्या है टेस्ला का इंसानी रोबॉट ऑप्टिमस

टेस्ला के CEO मस्क ने पिछले साल एक प्रोग्राम में कंपनी के ऑप्टिमस रोबॉट दिखाए थे. बकौल मस्क ठुमक ठुमक कर चलने वाले ये रोबॉट एक दिन छोटे-मोटे काम कर पाएंगे. इनमें इंसानों जैसी भावनाएं भरी होंगी. मस्क ने रोबॉट्स को 20 हजार से 30  हजार डॉलर में बाजार में बेचने का प्लान भी बनाया है.  

Advertisement

स्टारशिप क्या है?

स्पेसएक्स (SpaceX) के स्टारशिप (Starship) का आप फिल्मी भाषा में अभी तक के सभी रॉकेटों का बाप कह सकते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट होगा. यह मस्क के इंसानी मंगल मिशन का ड्रीम रॉकेट है. ऐसा रॉकेट जो मंगल पर इंसान को उतारेगा. 

Advertisement

स्टारशिप में क्या खास

स्टारशिप कितना विशाल होगा, इसकी कल्पना आप इससे कर सकते हैं कि यह अमेरिका के स्टैचू ऑफ लिबर्टी से भी 100 फीट लंबा होगा. इसकी कुल लंबाई  403 फीट यानी करीब  123 मीटर होगी. स्टैचू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई करीब 305 फीट है. स्टारशिप रॉकेट को ऐसा डिजाइन किया गया है कि इसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा. 

Advertisement

अमेरिका की स्टैचू ऑफ लिबर्टी से ऊंचा होगा स्टारशिप

नासा भी चांद पर अपने आर्टेमिस मिशन के लिए स्टारशिप के मॉडिफाइड वर्जन का इंतजार कर रहा है. इसका मकसद इस दशक में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा से वापस लाना होगा. स्पेसएक्स को इन मिशनों से पहले बहुत सारी चीजें साबित करनी होगीं. मसलन- उसका स्पेस रॉकेट कितना भरोसेमंद है. अंतरिक्ष यात्रियों के लिए वह कितना सुरक्षित है. और क्या वह सफर के दौरान फ्यूल (in-orbit refueling) भरने में सक्षम रहेगा. 

Advertisement

सबसे बड़ा रॉकेट होगा स्टारशिप

सफलता, असफलता और चुनौती

मस्क की कंपनी को मिशन मंगल के लिए अभी बड़ा सफर तय करना है. स्पेसएक्स को इस साल तब बड़ा झटका लगा था जब स्टारशिप प्रोटोटाइप की टेस्ट फ्लाइट एक धमाके के साथ खत्म हो गई थी. लिफ्टऑफ और बूस्टर अलग होने के कुछ मिनट बाद, रॉकेट के ऊपरी स्टेज एक धमाके के साथ आग के गोले में तब्दील हो गया था. स्टारशिप का यह आठवां मानवरहित ऑर्टिबल टेस्ट था.इन असफलताओं के बावजूद स्पेसएक्स 'Fail fast, Learn fast' के साथ मिशन मंगल की तैयारी पर जुटा है. 
 

Featured Video Of The Day
MP BREAKING News: Madhya Pradesh के Gwalior में जयारोग्य अस्पताल समूह में आग | AC फटने से लगी आग
Topics mentioned in this article