रूसी सेना में भर्ती करने के लिए ठगे गए कई भारतीय, जल्द रिहाई की कर रहे कोशिश : केंद्र

22 फरवरी को एक मीडिया रिपोर्ट में पहली बार भारतीयों को धोखा देकर यूक्रेन जंग में भेजने की बात सामने आई थी. इसके बाद 29 फरवरी को विदेश मंत्रालय ने बताया था कि रूस में फिलहाल 20 भारतीय नागरिक फंसे हैं. इन्हें निकालने की कोशिश जारी है.

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रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से जंग चल रही है.
नई दिल्ली:

भारत सरकार (Indian Government) ने शुक्रवार को कहा कि कई भारतीयों को रूसी सेना (Russian Army) में भर्ती करने के लिए एजेंट की ओर से धोखा दिया गया है. सरकार ने ऐसे नागरिकों की जल्द रिहाई के लिए रूसी सरकार के साथ इस मामले को मजबूती से उठाया है. करीब 12 पीड़ित परिवारों के इसी तरह के दावे के बाद सरकार ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि कुछ भारतीय रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukrain War) में फंसे हुए हैं. सरकार ने इससे पहले एडवाइजरी जारी करते हुए रूस में फंसे भारतीयों को जंग से दूर रहने का आग्रह किया था.

इन परिवारों ने दावा किया था कि उनके सदस्यों को एजेंटों ने रूस में नौकरी देने का वादा किया. जब वो वहां पहुंचे, तो उन्हें धोखे से किसी कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करा लिया गया. ये कॉन्ट्रैक्ट रूस की प्राइवेट आर्मी में भर्ती होने के बारे में थे. अब इन भारतीयों को यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. 

रूस के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हैं 20 भारतीय, सभी दूतावास के संपर्क में हैं - विदेश मंत्रालय

22 फरवरी को एक मीडिया रिपोर्ट में पहली बार भारतीयों को धोखा देकर यूक्रेन जंग में भेजने की बात सामने आई थी. इसके बाद 29 फरवरी को विदेश मंत्रालय ने बताया था कि रूस में फिलहाल 20 भारतीय नागरिक फंसे हैं. इन्हें निकालने की कोशिश जारी है. 

रूस में अब तक 2 भारतीय नागरिकों की मौत
रूस में अब तक 2 भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है. एक दिन पहले ही हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद अफसान की मौत की खबर सामने आई थी, जिसे धोखे से रूस की सेना में भर्ती कराया गया था. इसके एक हफ्ते पहले ही गुजरात के सूरत के रहने वाले हामिल मंगूकिया की रूस-यूक्रेन जंग में मौत हो गई थी.

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नवंबर 2023 में एजेंट्स से मिले थे पीड़ित
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई पीड़ित पहली बार नवंबर 2023 में एजेंट्स से मिले थे. एजेंट्स ने हेल्पर की नौकरी के लिए लाखों की सैलरी बताई थी. इसके बाद दिसंबर 2023 में भारतीयों को विजिटर वीजा पर रूस ले जाया गया. सभी ने चेन्नई एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी. एक परिजन ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंट्स ने भारतीयों से 3 लाख रुपये भी लिए.

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CBI ने मानव तस्करी से जुड़े नेटवर्क का किया भंडाफोड़
इस बीच सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CBI) ने मानव तस्करी से जुड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. ये नेटवर्क विदेश में नौकरी दिलाने की आड़ में भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में ले जाता था. यहां उन्हें रूस की तरफ से जंग लड़ने को मजबूर किया जाता है. CBI की टीम ने गुरुवार को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, अंबाला, चंडीगढ़ और मदुरै में की छापेमारी की. एजेंसी ने इन 7 शहरों मे करीब 10 ठिकानों में रेड मारी थी. कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. साथ ही 50 लाख रुपये जब्त किए हैं.

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35 भारतीयों को धोखे से भेजा रूस 
CBI की जांच में सामने आया कि इन फर्मों ने 35 भारतीयों को अच्छी नौकरियों का झांसा देकर रूस और यूक्रेन भेजा है. वहां उन्हें जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने को भेजा गया है. हालांकि, इनमें से कितनों को जंग में लड़ने को तैनात किया गया है, ये आंकड़ा अभी साफ नहीं है.

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