आव्रजन प्रणाली में बदलाव नहीं हुआ तो 8 माह में छोड़ना पड़ेगा देश : भारतीय-अमेरिकी ‘ड्रीमर’ की सांसदों से गुहार

नीति संबंधी एक दस्तावेज के अनुसार, अमेरिका में बिना पर्याप्त दस्तावेज वाले लगभग 1.1 करोड़ प्रवासी हैं, जिनमें से 5,00,000 से अधिक भारतीय हैं.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
आव्रजन प्रणाली में बदलाव नहीं हुआ तो 8 माह में छोड़ना पड़ेगा देश : भारतीय-अमेरिकी ‘ड्रीमर’ की सांसदों से गुहार
23 वर्षीय अतुल्य ने आव्रजन मामलों की सीनेट न्यायिक उपसमिति के सदस्यों के समक्ष अपनी पीड़ा बयां की
वॉशिंगटन:

अमेरिका में एक भारतीय अमेरिकी ‘ड्रीमर' ने सांसदों से कहा कि आव्रजन प्रणाली में यदि कोई सार्थक विधायी सुधार नहीं किया गया, तो उन्हें 8 महीने में वह देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जहां वह चार साल की आयु से रह रही है.‘ड्रीमर' मूल रूप से उन प्रवासियों को कहा जाता है, जिनके पास अमेरिका में रहने के लिए पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं और जो बचपन में अपने माता-पिता के साथ यहां आए थे.नीति संबंधी एक दस्तावेज के अनुसार, अमेरिका में बिना पर्याप्त दस्तावेज वाले लगभग 1.1 करोड़ प्रवासी हैं, जिनमें से 5,00,000 से अधिक भारतीय हैं.

‘मूडी कॉलेज ऑफ कम्युनिकेशन' से हाल में स्नातक करने वाली 23 वर्षीय अतुल्य राजकुमार ने मंगलवार को आव्रजन, नागरिकता एवं सीमा सुरक्षा पर सीनेट न्यायिक उपसमिति के सदस्यों से कहा, ‘‘ अगर आठ महीने में कोई बदलाव नहीं किया गया, तो मुझे मजबूरन देश छोड़ना पड़ेगा, जो 20 साल से मेरा घर है...''‘कानूनी प्रवास के लिए बाधाओं को दूर करने' के विषय पर सुनवाई के दौरान उपसमिति के सामने गवाही देते हुए, भारतीय-अमेरिकी ने सांसदों से कहा कि हर साल पांच हजार से अधिक ‘ड्रीमर' इससे प्रभावित होते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘नर्सिंग में स्नातक करने वाली एक छात्रा एरिन को वैश्विक महामारी के बीच मजबूरन देश छोड़ना पड़ा था.एक डेटा विश्लेषक छात्र को दो महीने पहले देश छोड़ना पड़ा.समर को भी चार महीने में देश छोड़ना होगा, जबकि उनका परिवार उनके जन्म के समय से ही कानूनी तौर पर यहां रह रहा है.''पत्रकार अतुल्य राजकुमार वॉशिंगटन की निवासी हैं. उन्होंने अपने परिवार के संघर्ष और इस दौरान हुए उनके भाई के निधन की कहानी को साझा किया.सांसद एलेक्स पेडिला ने कहा, ‘‘ मैं, इस खराब व्यवस्था से हताश हूं जिसका सामना आपको, आपके भाई और हज़ारों ‘ड्रीमर' को करना पड़ा. हमने आज यह सुनवाई इसलिए की, क्योंकि हम कांग्रेस की निष्क्रियता को इस पीड़ा का कारण बने रहने नहीं दे सकते.''पेडिला, आव्रजन, नागरिकता एवं सीमा सुरक्षा पर सीनेट की न्यायिक उपसमिति के प्रमुख हैं.

Advertisement

- ये भी पढ़ें -

* '"कांग्रेस का 'जी-23' समूह सड़ा हुआ आम है", सामना के संपादकीय में जबरदस्त खिंचाई
* "कांग्रेस अध्यक्ष की इच्छा पर छोड़ा पद": नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया PPCC चीफ पद से इस्तीफा
* "लखीमपुर केस : आशीष मिश्रा व UP सरकार को SC का नोटिस, सभी गवाहों को सुरक्षा देने का आदेश

Advertisement

"क्‍यों न रद्द कर दी जाए जमानत?": लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Lucknow Bus Fire BREAKING News: लखनऊ में 15 मई को जली बस का ड्राइवर गिरफ्तार | NDTV India