भारत और सिंगापुर ने 'ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर' के लिए मिलाया हाथ

सोनोवाल सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. वह समुद्री सप्ताह में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें दुनिया भर से 20,000 प्रतिनिधियों और प्रदर्शकों के शामिल होने की उम्मीद है.

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तीन दिन के सिंगापुर दौरे पर सर्बानंद सोनोवाल
सिंगापुर:

सिंगापुर और भारत ने ग्रीन डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (जीडीएससी) के लिए मंगलवार को एक आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए, जिसमें डिजिटलीकरण और कार्बन मुक्त परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है. सिंगापुर के समुद्री और बंदरगाह प्राधिकरण और बंदरगाह, पोत परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त विज्ञप्ति के अनुसार, सिंगापुर-भारत जीडीएससी से दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा तथा शून्य या लगभग शून्य जीएचजी उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों के विकास, इस्तेमाल तथा डिजिटल समाधानों को अपनाने में तेजी लाने में मदद मिलेगी.

तीन दिन के सिंगापुर दौरे पर सर्बानंद सोनोवाल

बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि समुद्री क्षेत्र के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ उनकी सिंगापुर यात्रा से दीर्घकालिक संबंध मजबूत होंगे. उन्होंने कहा कि "व्यापक रणनीतिक साझेदारी" दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा और व्यापक बनाएगी. सोनोवाल सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. वह समुद्री सप्ताह में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें दुनिया भर से 20,000 प्रतिनिधियों और प्रदर्शकों के शामिल होने की उम्मीद है.

आशय पत्र के तहत, दोनों पक्ष समुद्री डिजिटलीकरण और कार्बन मुक्त परियोजनाओं पर सहयोग करेंगे. इसमें उन प्रासंगिक हितधारकों की पहचान करना शामिल है जो इस प्रयास में योगदान दे सकते हैं. साथ ही सिंगापुर-भारत जीडीएससी पर समझौता ज्ञापन के जरिये साझेदारी को औपचारिक रूप देने की दिशा में काम करेंगे.

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आशय पत्र पर हस्ताक्षर

आशय पत्र पर जल और जलमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव आर. लक्ष्मणन और सिंगापुर समुद्री और बंदरगाह प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी तेओ इंग दिन्ह ने हस्ताक्षर किए. सिंगापुर के वरिष्ठ स्थायित्व और पर्यावरण राज्य मंत्री एमी खोर तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल यहां आशय पत्र पर हस्ताक्षर के समय उपस्थित रहे. बता दें कि समुद्री सप्ताह 24 से 28 मार्च 2025 तक आयोजित किया जा रहा है.

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विज्ञप्ति में कहा गया कि "भारत सूचना प्रौद्योगिकी में अग्रणी है, जिसमें हरित समुद्री ईंधन का प्रमुख उत्पादक तथा निर्यातक बनने की क्षमता है" साथ ही प्रमुख ‘ट्रांस-शिपमेंट' और ‘बंकरिंग' केंद्र के रूप में सिंगापुर एक गतिशील अनुसंधान व नवाचार परिवेश का समर्थन करता है.
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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