Russia and Iran meet: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) जल्द ही ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन (Iran President Masoud Pezeshkian) से मुलाकात होने वाली है. इस मुलाकात के चलते वैश्विक मंच पर चिंता होना लाज़मी है. मुलाकात शुक्रवार को होने वाली है. ऐसे में कई सवाल उठने लगे हैं. ईरान और इजरायल में तनाव जारी है. ईरान ने इजरायल (Iran Israel conflict) पर 200 मिसाइलों से हमला कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वह इजरायल को अपना दुश्मन मानता है. इस के साथ ही अमेरिका की ओर से खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने बयान दिया और कहा कि वह हर हाल में इजरायल का साथ देंगे. उन्होंने साफ कहा कि अमेरिका इजरायल की हर तरह से मदद करेगा. अमेरिका के बाद ब्रिटेन और कनाडा की ओर से भी इजरायल के समर्थन में बयान आ गया.
रूस का ईरान के प्रति झुकाव
ऐसे में यूरोपीय देशों का इजरायल के प्रति झुकाव और रूस का ईरान के प्रति झुकाव दुनिया में एक नए तरह के गुट का इशारा कर रहा है. खाड़ी देशों में भी तनाव चरम पर पहुंच रहा है. ईरान की ओर से सभी मुस्लिम देशों को एक साथ आने की अपील भी की गई है. इससे पूरी दुनिया में एक बार फिर आर्थिक से लेकर सैन्य ध्रुवीकरण दिखने लगा है. कहा जा सकता है कि इस प्रकार का ध्रुवीकरण विश्व में शांति के खिलाफ है.
महाशक्ति बनने की रूस की चाह
गौरतलब है कि रूस अपने विघटन के बाद से ही लगातार एक बार फिर विश्व की महाशक्ति बनने की ओर से अग्रसर है. उसका एक बार फिर प्रयास है कि रूस दुनिया की महाशक्ति के रूप में जाना जाए. पिछले काफी समय से रूस इस दिशा में कदम उठा रहा है. रूस का यूक्रेन पर हमला भी इसी का एक अंजाम है. यूक्रेन की अमेरिका से करीबी और नाटो संगठन का सदस्य बनने की ओर बढ़ाए गए कदम की वजह से ही रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था जिसे अब ढाई साल से ज्यादा हो गए हैं. इस युद्ध में अमेरिका की ओर से यूक्रेन को हर तरह से मदद दी जा रही है और रूस इस वजह से काफी परेशान है. ढाई साल से जारी युद्ध अभी भी किसी अंजाम तक पहुंचता हुआ नहीं दिख रहा है.
शुक्रवार को अहम मुलाकात
शुक्रवार को ईरान और रूस के राष्ट्रपति की मुलाकात तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में होनी है. रूस की ओर से कहा गया है कि दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और स्पष्ट है कि दोनों देश मिडिल ईस्ट के बढ़े तनाव पर भी चर्चा करेंगे.
गौरतलब है कि ईरान के इजरायल पर हमले के बाद से इजरायल ने लेबनान पर कार्रवाई और तीव्र कर दी है. लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह पर हमले तेज किए गए हैं. उधर, पश्चिम के देशों ने ईरान पर रूस को ड्रोन और मिसाइल की सप्लाई करने का आरोप लगाया है.
रूस की ईरान से बढ़ती करीबी
अब इजरायल के जरिए रूस को अमेरिका को साधने का मौका मिल सकता है. ऐसे में रूस अब ईरान से करीबी बढ़ाकर दुनिया के लिए एक खतरनाक गठबंधन की ओर आगे बढ़ सकता है. अभी तक रूस इजरायल के मामले में तटस्थ भूमिका अपनाए हुए था, लेकिन अब ईरान के साथ बढ़ती करीबी दुनिया के लिए अलग संदेश दे रही है.