रूस से हार मानने के तैयार यूक्रेन! जेलेंस्की का नया बयान चौंकाने वाला

ज़ेलेंस्की की टिप्पणियां उनके पहले के रुख से एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे रही हैं. उन्होंने पहले कहा था कि कीव रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेगा जब तक कि यूक्रेन अपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं पर वापस नहीं आ जाता.

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यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति पुतिन.
नई दिल्ली:

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है और अब तनाव में कुछ कमी के आसार दिखने लगे हैं . रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बयान और अमेरिकी चुनाव का असर युद्ध पर दिखने लगा है. रूस की आक्रामकता और जेलेंस्की के रुख में कुछ बदलाव आने वाले दिनों में शांति का रास्ता दिखा सकते हैं . ऐसा लगने लगा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी खूनी संघर्ष को रोका जा सकता है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक बयान में कहा कि वह "शांति प्राप्त करने" के लिए रूसी कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्र से हक छोड़ने को तैयार हैं.  इसका अर्थ साफ है कि रूस जिन इलाकों पर कब्जा कर चुका है उसे यूक्रेन अब छोड़ने को तैयार है. लंदन के द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ेलेंस्की ने कहा कि कीव मास्को के साथ युद्धविराम समझौते पर काम करने को तैयार है,  लेकिन इसके साथ ही जेलेंस्की ने कुछ शर्तों की बात भी कही है. 

शांति बहाली का यूक्रेन पर दबाव

ब्रिटिश अखबार ने ज़ेलेंस्की के स्काई टेलेविजन को दिए इंटरव्यू के हवाले से कहा कि मैं शांति हासिल करने के लिए रूस को यूक्रेनी क्षेत्र छोड़ने को तैयार हूं. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश अपनी कब्ज़ा की गई ज़मीनों को खाली करने और उन्हें रूस को सौंपने के लिए तैयार है. जेलेंस्की का कहना है कि इसके लिए केवल एक शर्त है कि यूक्रेन को'नाटो की छत्रछाया' मिले.

रूसी कब्जे वाले क्षेत्र को छोड़ने के तैयार यूक्रेन

अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज़ेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयास में अपने क्षेत्र को 'अस्थायी रूप से' मास्को को सौंपने का इच्छुक है, जिस पर वर्तमान में रूस का कब्जा है, बशर्ते यह सब काम नाटो के संरक्षण में हो. यह पहली बार है जब ज़ेलेंस्की ने 2022 की शुरुआत में युद्ध शुरू होने के बाद रूस को यूक्रेनी भूमि देने की बात मानी है. यह एक प्रकार से यूक्रेन के रुख में बदलाव को दर्शाता है. 

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रूस की आक्रामता से डरा यूक्रेन

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि वर्तमान में जिस प्रकार से रूस की आक्रामकता बढ़ती जा रही है और अमेरिका में यूक्रेन को समर्थन देने वाली सरकार का कार्यकाल समाप्ति की ओर बढ़ रहा है जेलेंस्की पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की यह चाह रहे हैं कि अमेरिका की बाइडेन सरकार के रहते हुए रूस से कोई बातचीत हो जाए. ट्रंप का यूक्रेन को लेकर रुख पहले ही सबको पता है. वहीं, रूस भी वर्तमान अमेरिकी सरकार की अपेक्षा डोनाल्ड ट्रंप के गद्दी पर आने का इंतजार कर रहा है. इससे साफ है कि यूक्रेन को अब युद्ध में शांति समझौते की जल्दी है जबकि रूस युद्ध को अभी और खींचना चाह रहा है. 

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नाटो के जरिए शांति समझौता चाह रहा यूक्रेन

स्काई चैनल को दिए इंटरव्यू में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा है कि यूक्रेनी क्षेत्र को रूस को सौंपना 'अस्थायी' होगा, और युद्धविराम समझौता होने के बाद यूक्रेन नाटो की मदद से बाद में "कूटनीतिक रूप से" अपने क्षेत्र की वापसी के लिए बातचीत कर सकता है जो वर्तमान में रूस के कब्जे में है. जेलेंस्की ने यह भी कहा कि अभी, युद्ध को समाप्त करना और शांति प्राप्त करना आवश्यक हो गया है. जेलेंस्की का यह बयान दर्शाता है कि यूक्रेन पर किस प्रकार दबाव बढ़ रहा है. जेलेंस्की को भी अपने देश के भीतर भी युद्ध में देश को ले जाने और इतने लंबे अरसे के बाद भी कुछ भी हासिल नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. 

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बदल गया जेलेंस्की का रुख

गौरतलब है कि ज़ेलेंस्की की टिप्पणियां उनके पहले के रुख से एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे रही हैं. उन्होंने पहले कहा था कि कीव रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेगा जब तक कि यूक्रेन अपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं पर वापस नहीं आ जाता, जिसमें क्रीमिया के साथ-साथ 2022 में मॉस्को द्वारा कब्जा किए गए चार क्षेत्र भी शामिल हैं.

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