Ukraine के लिए Russia के सामने डटी NATO सेना, 'युद्ध की तैयारी' में यूरोप के कई देश

NATO के सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, " मैं NATO में सहयोगियों की तरफ से अतिरिक्त बलों की तैनाती का स्वागत करता हूं. NATO अपने सभी सहयोगियों की सुरक्षा और बचाव के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाएगा."

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यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका के चलते नाटो ने पूर्वी यूरोप में अपनी तैनाती बढ़ाई (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ब्रुसेल्स:

यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए अब  नाटो (NATO) पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) में अतिरिक्त जहाज़ों (Ships) और लड़ाकू विमानों (Fighter Planes) की तैनाती कर रहा है.  यूक्रेन को बॉर्डर पर रूसी सेना का बढ़ता जमावाड़ा देखते हुए अमेरिका की अगुवाई में नाटो (North Atlantic Treaty Organisation) यूक्रेन और यूरोप की सुरक्षा के लिए यह तैनाती कर रहा है. NATO की तरफ से जारी हुए बयान में बताया गया है कि गठबंधन सेना का साथ देते हुए डेनमार्क (Denmark) अपना एक बेड़ा बाल्टिक सागर में भेज रहा है और लिथुआनिया में अपने चार F-16 फाइटर जेट भी तैनात कर रहा है. स्पेन (Spain) भी NATO नौसेना में शामिल होने के लिए अपने जहाज़ भेज रहा है और अपने फाइटर जेट बुल्गारिया भेजने पर विचार कर रहा है.    

इस बयान में आगे बताया गया है कि फ्रांस (France) ने भी NATO कमांड में अपनी सेना को रोमानिया में तैनात करने की इच्छा ज़ाहिर की है.  नीदरलैंड्स भी नाटो की हवाई-सुरक्षा गतिविधियों के लिए अपने दो  F-35 लड़ाकू विमान अप्रेल से  बुल्गारिया भेज रहा है साथ ही NATO की रेस्पांस यूनिट के लिए अपने जहाज और थल सेना को तैयार रखे हुए है.  अमेरिका ने यह साफ कर दिया है कि वह नाटो के पूर्वी क्षेत्रों में अपनी सेना की तैनाती बढ़ाने के बारे में विचार कर रहा है.   

NATO के सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, " मैं NATO में सहयोगियों की तरफ से अतिरिक्त बलों की तैनाती का स्वागत करता हूं. NATO अपने सभी सहयोगियों की सुरक्षा और बचाव के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाएगा. हमारे सुरक्षा के वातावरण को खराब करने की किसी भी कोशिश का हम जवाब देंगे. हमारी संयुक्त सुरक्षा को भी मजबूत किया जाएगा."  . यूक्रेन NATO का सदस्य बनना चाहता है लेकिन रूस इसका विरोध कर रहा है. 

NATO ने कहा है कि 2014 में रूस द्वारा गैरकानूनी तरीके से यूक्रेन से क्रीमिया को छीन लेने की प्रतिक्रिया के तौर पर नाटो ने पूर्वी क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी थी.  इसमें एस्टोनिया(Estonia) , लाटविया (Latvia) , लिथुआनिया (Lithuania) और पोलैंड(Poland) में चार बहुराष्ट्रीय सेनाओं की तैनाती की गई थी. क्रमश:  ब्रिटेन(UK) , कनाडा(Canada) , जर्मनी (Germany) और अमेरिका (US) की अगुवाई में यह दल युद्ध के लिए तैयार हैं. इनकी तैनाती ही यह साफ करती है कि किसी एक सहयोगी पर हमला पूरे NATO पर हमला समझा जाएगा. 2014 से पहले पूर्वी NATO देशों में कोई  NATO सेना तैनात नहीं थी.  

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