रूस को उम्मीद, ईरान संग परमाणु समझौते में फिर लौटेगा US, अमेरिकी राजदूत ने बताया क्या है प्राथमिकता

अमेरिका ने 2018 में ईरान के साथ परमाणु डील को एकतरफा रूप से वापस ले लिया और ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था. 

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अमेरिका-ईरान के बीच वियना में परमाणु समझौते को दोबारा लागू करने पर कई दौर की वार्ता हुई थी
मॉस्को:

रूस (Russia) ने उम्मीद जतायी है कि अमेरिका (US) संयुक्त व्यापक कार्य योजना ( JCPOA) को पुनर्जीवित करने और पिछली गलतियों को ठीक करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और अधिक प्रदर्शित कर सकता है. रूस राजनयिक स्रोत के एक उच्च अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. ईरान इंटरनेशनल की खबर के अनुसार, ईरान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रॉबर्ट मैले (Robert Mally) ने कहा कि परमाणु समझौते पर बातचीत अमेरिका की प्राथमिकता नहीं है, बल्कि अमेरिका ईरान की तरफ से रूस को बड़े पैमाने पर किए जा रहे हथियारों के निर्यात और ईरान के लोगों के मूलभूत अधिकारों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा.

सूत्रों ने कहा , “इसके लिए हमारे अमेरिकी सहयोगियों में इस मामले पर एक समझौते पर पहुंचने के लिए अंतिम कदम उठाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है. हमें उम्मीद है कि वे परमाणु समझौते के पुनरुद्धार का पालन करेंगे.”
परमाणु समझौते को 2015 में चीन, फ्रांस, जर्मनी, ईरान, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय संघ द्वारा सील कर दिया गया था. अमेरिका ने 2018 में ईरान के साथ परमाणु डील को एकतरफा रूप से वापस ले लिया और ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था.  वियना ने अप्रैल 2021 से अमेरिका-ईरान के बीच इसे लेकर कई दौर की वार्ता की मेजबानी की थी.

सूत्रों ने कहा कि विदेशों में समय-समय पर ऐसे बयान दिए जा रहे हैं जो अमेरिका को जेसीपीओए में वापस लाने के अपने वादों के प्रति वर्तमान अमेरिकी प्रशासन की प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा करते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 का पालन और जेसीपीओए का समर्थन करना चाहिए और संकल्प के अपने स्वयं के उल्लंघन को ठीक करना चाहिए.


 

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