चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को कहा कि बीजिंग द्विपक्षीय संबंधों को 'स्थिर और मजबूत' करने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां 2020 से तनाव है. चीन के विदेश मंत्री ने 2022 में अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां और चीन के विदेशी संबंधों पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर संपर्क बरकरार रखा है.
विदेश मंत्री ने कहा, "चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर संपर्क बरकरार रखा है. दोनों ही देश सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम चीन-भारत संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार हैं."
वांग यी को हाल में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के अधिवेशन के दौरान उच्चाधिकार प्राप्त राजनीतिक ब्यूरो में पदोन्नत किया गया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए गठित तंत्र में विशेष प्रतिनिधि हैं. यह तंत्र सीमा पर गतिरोध के मौजूदा दौर में निष्क्रिय बना हुआ है.
दोनों देशों ने गतिरोध दूर करने के लिए अब तक 17 दौर की वार्ता की है. वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 17वीं दौर की बैठक 20 दिसंबर को हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने करीबी संपर्क बनाये रखने और सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई है.
वांग यी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान के साथ चीन के संबंधों का भी संक्षिप्त रूप से जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करना जारी रखे हुए हैं, सदाबहार रणनीतिक साझेदारी को बरकरार रखा है और मित्रता को मजबूत किया है.
चीन-अमेरिका के संबंधों पर वांग यी ने कहा, "हमने चीन के प्रति अमेरिका की त्रुटिपूर्ण नीति को दृढ़ता से खारिज कर दिया है और दोनों देशों को एक-दूसरे के नजदीक लाने की सही राह तलाश रहे हैं. अमेरिका ने चीन को अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखना जारी रखा है और वह चीन को घेरने, दबाने तथा उकसाने में शामिल है, ऐसे में चीन-अमेरिका संबंध गंभीर कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है."
ताइवान के मुद्दे पर वांग यी ने कहा कि अमेरिका की दादागीरी से चीन भयभीत नहीं है. उन्होंने कहा, "हम किसी भी शक्तिशाली देश या उसकी दादागीरी से भयभीत नहीं हैं और चीन के मूल हितों और राष्ट्रीय गौरव की रक्षा के लिए दृढ़ता से काम किया है."
हालांकि, यूक्रेन पर रूसी हमले के बावजूद उन्होंने चीन-रूस संबंधों के विकास के बारे में खुलकर बात की. वांग यी ने कहा,"हमने रूस के साथ अच्छे-पड़ोसी देश के रूप में, मित्रता और सहयोग को गहरा किया है तथा चीन और रूस के बीच समन्वय की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक परिपक्व और लचीला बनाया है."
उन्होंने कहा, "पिछले एक साल में, चीन और रूस ने अपने-अपने मूल हितों को बरकरार रखने में एक-दूसरे का मजबूती से समर्थन किया है, और इस दौरान हमारा आपसी राजनीतिक एवं रणनीतिक विश्वास और मजबूत हुआ है."