पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ का कहर, सिंध के 50 से ज्यादा गांव बाढ़ में डूबे

बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ियों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सैकड़ों लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं.
सिंध:

Pakistan flood: बलूचिस्तान (Balochistan) से अचानक आई बाढ़ के बाद पाकिस्तान के सिंध (Sindh) प्रांत में 30 गांव जलमग्न हो गए हैं, जिससे पहाड़ी क्षेत्र में डूबे गांवों की कुल संख्या 50 हो गई है. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी है. एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान में मूसलाधार बारिश जारी रहने और अचानक बाढ़ आई. इसके कारण निकटवर्ती कंबार-शाहदादकोट और दादू जिले के कछो के पहाड़ी क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया जिससे इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ.

सूत्रों के मुताबिक, "कछो और लिंक रोड में 30 गांव पानी में डूब गए हैं. इसके साथ पहाड़ी क्षेत्र में बाढ़ से डूबे गांवों की कुल संख्या 50 तक पहुंच गई है."

एआरवाई न्यूज के मुताबिक, स्थानीय सूत्रों ने कहा कि प्रभावित इलाकों के लोग अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ियों और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए हैं. बाढ़ प्रभावित एक गांव में 70 साल की एक बुजुर्ग और बीमार महिला को चिकित्सकीय मदद नहीं मिली जिससे उसकी मृत्यु हो गई.

पाकिस्तान में विशेष रूप से बलूचिस्तान में इस साल मानसून के मौसम में अप्रत्याशित रूप से भारी बारिश हुई है. पाकिस्तान के आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि भारी बारिश और बाढ़ में 19 और लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं.

एक स्थानीय मीडिया ने पीडीएमए (Provincial Disaster Management Authority) के हवाले से बताया कि पिछले 24 घंटों में बलूचिस्तान में बाढ़ में बह जाने के बाद एक परिवार के नौ सदस्य डूब गए. डॉन की खबर के मुताबिक मृतकों में सात बच्चे और एक महिला शामिल है. 

पीडीएमए द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा में बाढ़ और छत गिरने की घटनाओं में कम से कम 10 लोग मारे गए और 17 घायल हो गए. इसमें कहा गया है कि पिछले 36 घंटों में बाढ़ में लगभग 100 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. लोग कमर तक भरे पानी में खुले आकाश के नीचे फंसे हुए हैं.

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पीडीएमए की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि पेशावर, स्वाबी, चारसद्दा, शांगला, खैबर, डेरा इस्माइल खान और बाजौर सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके हैं. बलूचिस्तान में भारी बारिश के कहर को देखते हुए अधिकारियों ने प्रांत में धारा 144 लागू कर दी है. 

मुख्य सचिव अब्दुल अजीज उकैली ने शुक्रवार को कहा कि, "प्रांत में धारा 144 लागू कर दी गई है और नागरिकों को 10 दिनों तक अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है." उन्होंने कहा कि एक जून से अब तक बारिश ने 124 लोगों की जान ले ली है और सूबे में 10,000 घरों को नुकसान पहुंचा है. बाढ़ से लगभग 565 किलोमीटर लंबी सड़कों और 197,930 एकड़ कृषि भूमि को नुकसान हुआ है. इसके अलावा 712 पशु मारे गए हैं.

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विनाशकारी साबित हो रही मानसूनी बारिश ने बलूचिस्तान में पहाड़ों की टोबा काकर रेंज में दो बांध, जारा और तबीना को ढहा दिया है. बांधों के ढहने के बाद बाढ़ के पानी ने प्रभावित क्षेत्रों में मवेशियों की जान ले ली और फसलों को नष्ट कर दिया. 

इस बीच, बलूचिस्तान और सिंध के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है क्योंकि एक पुल और दोनों प्रांतों को जोड़ने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हो गई हैं. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बड़े पुलों के ढहने और हाई-वे के बड़े हिस्से के बह जाने के कारण क्वेटा-कराची राजमार्ग पर यातायात अभी भी बंद है.

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शनिवार को अपने नए पूर्वानुमान में पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) ने अगले 24 घंटों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश होने की भविष्यवाणी की है. मेट ने यात्रियों और पर्यटकों को इस दौरान अधिक सतर्क रहने की सलाह दी है.

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