Queen Elizabeth के अंतिम संस्कार में जिन्हें बुलाया गया और वो जिन्हें छोड़ दिया गया...

कई देशों के राष्ट्रप्रमुखों और बहुत से देशों के शाही परिवारों ने दुनिया में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली शासक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) के अंतिम संस्कार में पहुंचने की पुष्टि की है.  

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कई देशों को महारानी एलिज़ाबेथ के अंतिम संस्कार (Queen Elizabeth Funeral) में नहीं बुलाया गया है
लंदन:

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) के अंतिम संस्कार में सैकडों विदेशी राजघरानों के प्रमुखों और नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. सोमवार को लंदन (London) में होने जा रहे इस अंतिम संस्कार समारोह में कई दशकों का सबसे बड़ा कूटनीतिक जमावाड़ा होगा. वेस्टमिंस्टर एबे (Westminster Abbey) में करीब 2000 लोगों की जगह है. इस कारण केवल राष्ट्रप्रमुखों और एक या दो मेहमानों को ब्रिटेन (UK) में 6 दशकों बाद होने जा रहे इस पहले राष्ट्रीय अंतिम संस्कार में बुलाया गया है.  

लेकिन कुछ देशों को इस बीच राजनैतिक वजहों से अंतिम संस्कार में नहीं बुलाया गया है, जिसके कारण एक मामले में गुस्सा भी जाहिर किया गया है.  

ये है उन लोगों की सूची जिन्हें बुलाया गया है और जिनके नाम इसमें शामिल नहीं हैं.  

दुनिया के शाही परिवार 

यूरोप और कई देशों के शाही परिवारों ने दुनिया में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली शासक के अंतिम संस्कार में पहुंचने की पुष्टि की है.  जापान के महाराज नारुहीतो और महारानी मसाको इसमें शामिल होंगे. यह 2019 में सत्ता संभालने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा होगी. यह जापानी परंपरा से हटकर होगा जिसमें शासक शायद ही कभी किसी अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं. 

यूरोप के शाही परिवार ब्रिटिश शाही परिवार से काफी करीब से जुड़े हैं और कई परिवारों के बीच खून का रिश्ता भी है.  इस कारण यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि कई शासक महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे.  

डच राजा विलियम एलेक्ज़ेंडर, महारानी मैक्सिमा और क्राउन प्रिंसेस बेट्रिक्स, बेल्जियम के किंग फिलिपे नॉर्वे के किंग हैराल्ड पंचम और मोनाको के प्रिंस अल्बर्ट द्वितीय भी इसमें शामिल होंगे.  

डेनमार्क की महारानी मार्ग्रेट, जिन्होंने महारानी के निधन के बाद अपनी 50वीं सत्ता की सालगिरह के सारे आयोजन रद्द कर दिए, वह भी इस समारोह में पहुंचेंगी. वह महारानी एलिज़ाबेथ की दूर की बहन भी हैं. 

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स्पेन के राजा फिलिपे  VI भी वहां होंगे, और उनके साथ उनके पिता और पूर्व राजा जुआन कार्लोस- I भी वहां पहुंचेंगे. वह 2014 में एक विवाद के बाद अब यूएई में स्वनिर्वासन पर रह रहे हैं.  

वैश्विक नेता 

अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नि जिल बाइडेन डिप्लोमैटिक गेस्ट लिस्ट में हैं. बाकी नेताओं को जहां ब्रिटिश सरकार ने अपने द्वारा इंतजाम किए गए कोच प्रयोग करने को कहा है, कथित तौर पर बाइडेन को अपने बख्तरबंद वाहन - द बीस्ट का प्रयोग करने की अनुमति दी गई है.  

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां भी इस आयोजन में शामिल होंगे. उन्हें भी अपना वाहन प्रयोग करने की अनुमति दी गई है.  

तुर्की के नेता रेसेप तैयैप एर्दोगान और ब्राजील के नेता ज़ायर बोलसोनारो भी महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंच रहे हैं.  

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यूरोपियन यूनियन से ब्रेग्ज़िट के बाद निकलने के बाद भी यूरोपियन कमीशन की चीफ उर्सुला वोन डेर लिएन और यूरोपियन काउंसिल के प्रमुख चार्ल्स माइकल भी महारानी के अंतिम संस्कार के दौरान इकठ्ठा होंगें.  


इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मातारेला, जर्मनी से फ्रैंक-वॉल्टर, इजरायल से आइसैक हरज़ोग और कोरिया से यून सुक येओल शामिल होंगे.  

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आयरलैंड के ताओइसेक, प्रधानमंत्री माइकल मार्टिन भी शामिल होंगे. महारानी की 2011 की यात्रा के बाद दोनों के तनाव में कभी आई थी. 

कॉमनवेल्थ देशों के नेता 

महारानी एलिज़ाबेथ के अंतिम संस्कार में 56 कॉमनवेल्थ देशों के कई नेता और उनके शासक पधार रहे हैं.  

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटनी अल्बानीज़ और न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डेन महारानी के अंतिम संस्कार में पहुंचेंगे. इन देशों में राज्य प्रमुख ब्रिटिश शासक होते हैं.   

कॉमनवेल्थ देश मुख्यतौर पर पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश देश हैं. यहां से दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बेनीमारामा शामिल हैं. भारत की राष्ट्रपति मूर्मू भी पहुंच रही हैं.     

जिन्हें नहीं दिया गया निमंत्रण 

ब्रिटिश सरकार के सूत्रों ने बताया है कि  रूस और बेलारूस उन देशों में शामिल हैं जिन्हें यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद महारानी के अंतिम संस्कार में नहीं बुलाया गया है.  

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ब्रिटेन में प्रतिबंधों के कारण नहीं पहुंच रहे हैं. लेकिन मॉस्को के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूसी प्रतिनिधि को महारानी के अंतिम संस्कार में ना बुलाना "महारानी द्वितीय की यादों के साथ खास तौर से ईश्वर के खिलाफ अपराध जैसा" है और "घोर अनैतिक" है.

ब्रिटिश सूत्रों ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि  पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश रहे सैन्य शासन वाले म्यांमार के नेता को नहीं बुलाया गया है और नॉर्थ कोरिया के शासक को भी निमंत्रण नहीं है.  

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