कतर: 1939 में तेल की खोज ने बदली किस्‍मत, जानिए एक चौथाई भारतीयों की आबादी वाले देश में क्‍या है खास

कतर 1920 तक एक गरीब देश ही था. हालांकि 1939 के बाद मानों जैसे उसकी किस्मत ही बदल गई. 1939 में कतर के अंदर तेल की खोज हुई और देश की अर्थव्‍यवस्‍था में बड़ा बदलाव आया. उसके बाद से कतर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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कतर कभी रेगिस्‍तान था, लेकिन आज यह दुनिया के सबसे अमीर देशों में शुमार है.
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  • कतर का आर्थिक विकास मुख्य रूप से 1939 में दुखन में तेल की खोज के बाद शुरू हुआ. आज यह अमीर देशों में शुमार है.
  • 1971 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद कतर ने तेजी से आधुनिकीकरण और आर्थिक प्रगति की दिशा अपनाई.
  • कतर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस निर्यातक देश है और तेल-गैस निर्यात से इसकी अर्थव्यवस्था मजबूत है.
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दुनिया के नक्‍शे पर कभी सिर्फ रेगिस्‍तान के रूप में पहचाना गया एक इलाका अब बड़ी-बड़ी और आसमान छूती इमारतों के लिए जाना जाता है. ये रेगिस्तानी इलाका अब दुनिया के उन अमीर देशों मे शुमार होता है, जहां जाना हर किसी की ख्‍वाहिश है. यह एक ऐसे इस्लामिक मुल्क की कहानी है, जिसके बारे में 100 साल पहले तक कोई सोच भी नहीं सकता था कि वो 2025 में दुनिया के अमीर देशों में शुमार होगा और तेल-गैस एक्सपोर्ट करने वाला देश बन जाएगा. आइए जानते हैं हमारी ख़ास पेशकश में कतर के बारे में.

कतर का इतिहास बहुत पुराना है और यह कई महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा पड़ा है. 1868 में मोहम्मद बिन थानी ने अंग्रेजों के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसने कतर की अलग स्थिति को मान्यता दी.

दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडारों में से एक

कतर 1920 तक एक गरीब देश ही था. हालांकि 1939 के बाद मानों जैसे उसकी किस्मत ही बदल गई. 1939 में कतर के अंदर तेल की खोज हुई और देश की अर्थव्‍यवस्‍था में बड़ा बदलाव आया. द्वितीय विश्व युद्ध के कारण 1949 तक विकास धीमा रहा, लेकिन तेल की खोज ने कतर को दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडारों में से एक बना दिया.

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"ब्लैक गोल्ड" के रूप में जाना जाने वाला यह तेल देश के लिए कमाई का मुख्‍य जरिया बन गया और महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत बन गया, जिससे आर्थिक सुधार और आधुनिकीकरण हुआ.

1939 में कतर के दुखन में तेल की खोज

1939 में कतर में तेल की खोज ने देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया. 1939 में दुखन में तेल की खोज हुई और इसके बाद कतर को दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडारों में से एक माना जाने लगा. द्वितीय विश्व युद्ध के कारण 1949 तक विकास धीमा रहा, लेकिन तेल की खोज ने कतर को एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति बना दिया.

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1950 के दशक में, कतर ने तेल निर्यात से प्राप्त राजस्व का उपयोग अपने आधुनिकीकरण के लिए किया. इस दौरान, देश में पहला स्कूल, अस्पताल, बिजली संयंत्र और टेलीफोन एक्सचेंज खोले गए. 1951 में कतर ने प्रतिदिन 46,500 बैरल तेल का उत्पादन किया, जिससे 4.2 मिलियन डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ. शेल कंपनी द्वारा तेल क्षेत्रों की खोज और विकास के बाद कतर का उत्पादन बढ़कर 2,33,000 बैरल प्रति दिन हो गया. तेल निर्यात से प्राप्त होने वाले राजस्व ने शासक परिवार को अमीर बना दिया और कतर में तेजी से आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई.

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1971 में मिली ब्रिटेन से आजादी

1971 में कतर ने ब्रिटेन से आजादी पा ली. इसके बाद कतर ने तेजी से आर्थिक विकास किया और आज यह दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है. कतर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और प्राकृतिक गैस के निर्यात पर आधारित है. इसके अलावा कतर ने पर्यटन और वित्तीय सेवाओं में भी निवेश किया है. कतर की संस्कृति अरब और इस्लामी परंपराओं पर आधारित है और यहां की आधिकारिक भाषा अरबी है, लेकिन अंग्रेजी भी व्यापक रूप से बोली जाती है.

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आज, कतर एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय शक्ति है और मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता के लिए इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है.

कतर की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत ही मजबूत है और यह मध्य पूर्व में सबसे अमीर देशों में से एक है. इसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और प्राकृतिक गैस के निर्यात पर आधारित है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 70% हिस्सा है.

दूसरा सबसे बड़ा गैस निर्यातक देश

कतर में प्राकृतिक गैस के भंडार बहुत बड़े हैं और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गैस निर्यातक देश है. इसके अलावा, कतर में तेल के भंडार भी बहुत बड़े हैं. साथ ही कतर की अर्थव्यवस्था बहुत विकसित है और यहां पर जीवन स्तर बहुत उच्च है. कतर की राजधानी दोहा में कई बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, होटल और अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं.

कतर में भारतीयों की संख्या बहुत अधिक है और यहां पर करीब 8 लाख भारतीय रहते हैं. ये भारतीय कतर की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं.

कतर और भारत के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • भारत-कतर स्टार्ट अप ब्रिज: यह समझौता भारत और कतर के बीच स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए हुआ है.
  • ऊर्जा सुरक्षा: कतर भारत को एलएनजी का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है और यह दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता है.
  • व्यापार और निवेश: कतर और भारत के बीच व्यापार और निवेश के लिए कई समझौते हुए हैं, जिनमें व्यापार संतुलन और निवेश बढ़ाने के लिए समझौते प्रमुख हैं. 

कतर की प्रमुख जगहें:

  • दोहा: सौक वाकिफ (Souq Waqif), म्यूजियम ऑफ इस्लामिक आर्ट, कॉर्निश (Doha Corniche), पर्ल-कतर (The Pearl-Qatar).
  • अल ज़ुबारा: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, पुराना किला.
  • सीलाइन बीच: रेगिस्तानी साहसिक गतिविधियों के लिए.
  • कटारा कल्चरल विलेज: कला, संस्कृति और समुद्र तट.
  • अस्पायर पार्क और टावर: परिवारों के लिए लोकप्रिय.

पाबंदियां

  • पहनावा: सार्वजनिक स्थानों पर कंधे और घुटने ढकने चाहिए. महिलाओं के लिए हिजाब पहनना जरूरी नहीं, लेकिन शालीन कपड़े अपेक्षित हैं.
  • शराब: सार्वजनिक रूप से शराब पीना या नशे में दिखना गैरकानूनी है.
  • रमजान: दिन में सार्वजनिक रूप से खाना, पीना या धूम्रपान निषेध है.
  • ड्रग्स: नशीले पदार्थों पर सख्त सजा, जैसे लंबी जेल.
  • विवाहेत्तर संबंध: गैरकानूनी, सजा का प्रावधान.
  • फोटोग्राफी: सरकारी इमारतों या लोगों की बिना अनुमति तस्वीरें लेना मना.

भारतीय आबादी और जीवन

  • आबादी: करीब 8 लाख भारतीय (2025 तक), कुल आबादी का 25%. ज्यादातर प्रवासी मजदूर, आईटी, स्वास्थ्य और वित्त क्षेत्र में.
  • जीवन यापन: जीवन यापन नौकरी और वेतन पर निर्भर. कुशल पेशेवर (जैसे इंजीनियर, डॉक्टर) अच्छा जीवन जीते हैं. मजदूरों को कम वेतन (1,000-3,000 कतर रियाल प्रतिमाह) और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. भारतीय समुदाय के लिए स्कूल, सांस्कृतिक केंद्र (जैसे ICC) और भारतीय किराना स्टोर उपलब्ध हैं.

पहनावा और हिजाब:

  • पुरुष: कतर के पुरुष थोब (लंबा सफेद कुर्ता) और केफियाह (हेडस्कार्फ) पहनते हैं.
  • महिलाएं: कतर की महिलाएं अबाया (लंबा काला गाउन) और शायला/हिजाब पहनती हैं. विदेशी महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य नहीं, लेकिन शालीन कपड़े जरूरी हैं.
  • विशेष अवसरों पर: बेदौइन महिलाएं दारा (कढ़ाईदार गाउन) या थोब अल-नशाल पहनती हैं.
  • महिलाएं और ड्राइविंग: हां, महिलाएं गाड़ी चला सकती हैं
  • धूम्रपान: सार्वजनिक स्थानों (जैसे मॉल, रेस्तरां, पार्क) में धूम्रपान निषेध. होटल, बार, या निजी स्थानों में अनुमति हो सकती है. रमजान में दिन के समय सार्वजनिक धूम्रपान पर प्रतिबंध. जुर्माना लग सकता है.

पुरानी जगहें:

  • अल ज़ुबारा किला: यूनेस्को विश्व धरोहर, 18वीं सदी का किला.
  • बरजान टावर: ऐतिहासिक निगरानी टावर.
  • सौक वाकिफ: पुराने बाजार का आधुनिक रूप, कतर की संस्कृति को दर्शाता है.
  • उम्म सलाल मोहम्मद: पुराने किलों और मस्जिदों के लिए

भारतीयों के प्रति व्यवहार: कतर के लोग आमतौर पर मैत्रीपूर्ण और सहनशील होते हैं. भारतीयों की बड़ी आबादी के कारण समुदाय अच्छी तरह स्थापित. कुशल पेशेवरों को सम्मान है, लेकिन मजदूरों को कभी-कभी भेदभाव या कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.

महंगाई और मुद्रा:

महंगाई: कतर में रहना भारत से महंगा.
मुद्रा: 1 QAR = 22.5 INR (अगस्त 2025 तक). यानी भारत के 100 रुपये = 4.44 कतर रियाल

खाना, ट्रांसपोर्ट, त्योहार

खाना: कतरी व्यंजन जैसे मचबूस (मसालेदार चावल और मांस), हरिस, और शावरमा लोकप्रिय. भारतीयों के लिए सरवाना भवन, बिरयानी एक्सप्रेस, और लुलु हाइपरमार्केट में भारतीय खाना उपलब्ध.
ट्रांसपोर्ट: दोहा मेट्रो, बसें (करवा), टैक्सी (उबर, करवा) और सस्ता पेट्रोल.
त्योहार: रमजान, ईद अल-फित्र, ईद अल-अधा प्रमुख. भारतीय समुदाय दीवाली, होली और ओणम निजी तौर पर मनाता है.

लोग, क्राइम, शासक, अजीब रीति-रिवाज:

  • लोग: कतर के लोग मेहमाननवाज होते हैं और इस्लामिक परंपराओं का पालन करते हैं. प्रवासी समुदाय (88%) के कारण बहु सांस्कृतिक माहौल.
  • साफ-सफाई: कतर बहुत साफ-सुथरा, विशेषकर दोहा. सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने पर जुर्माना.
  • क्राइम: बहुत कम, हिंसक अपराध दुर्लभ (4.91/100,000), संपत्ति अपराध भी कम (10.83/100,000).
  • शासक: अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी (2013 से). 
  • अजीब रीति-रिवाज: केवल दाहिने हाथ से खाना/हाथ मिलाना. गैर-मुस्लिमों के लिए सिविल मैरिज का अभाव; शादी के लिए दूतावास/चर्च की जरूरत. रमजान में बच्चों के लिए गरंगाओ (मिठाई बांटने की परंपरा).

कैसे रहते हैं भारतीय

कतर में करीब 8 लाख भारतीय रहते हैं, लेकिन यहां की जिंदगी इतनी अलग है कि आपको पता भी नहीं चलेगा. पहली बात महिलाओं को हिजाब पहनना जरूरी नहीं है और वो आराम से गाड़ी चला सकती हैं. लेकिन सार्वजनिक जगह पर शराब पीना या रमजान में दिन में धूम्रपान करना बिलकुल मना है. भारत के सौ रुपए यहां सिर्फ साढ़े चार रियाल के बराबर हैं . दोहा में सौक वाकिफ और कॉर्निश बहुत फेमस है. अठारहवीं सदी का अल जुबारा किला भी घूमने लायक है. भारतीयों के साथ यहां अच्छा व्यवहार होता है और बड़ा कम्युनिटी सेंटर भी है. मचबूस और हरिस यहां का पसंदीदा खाना है. मेट्रो और बस से ट्रांसपोर्ट आसान है. रमजान और ईद के अलावा भारतीय दीवाली और होली भी मनाते हैं .  

कतर और भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं. वहीं अमेरिकी आर्मी का बेस भी कतर में है, जहां पिछले दिनों ईरान ने भी यूएस बेस पर हमला किया था. साथ ही कतर में ही 2022 का फीफा वर्ल्‍ड कप भी हुआ था यानी कतर सेफ्टी से लेकर मनोरंजन तक घूमने की एक अच्छी जगह है, जहां की आबादी का एक चौथाई हिस्‍सा भारतीय हैं.

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