स्कोप्जे में प्रदूषण के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का लगा है धब्बा

स्कोप्जे में वायु प्रदूषण के खिलाफ हजारों लोग ने विरोध प्रदर्शन किया मैसेडोनिया जो अक्सर यूरोप के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है.

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स्कोप्जे में प्रदूषण के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का लगा है धब्बा

दुनिया भर के कई देश इस समय प्रदूषण के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं. प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने लोगों की सेहत और पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. प्रदूषण ने जीवन की जीवन सीमा को घटा दिया है, जबकि कई देशों की सरकार इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की कोशिश कर रही हैं. प्रदूषण के खिलाफ स्कोप्जे में हजारों लोग सड़क पर उतर आए.

उत्तर मैसेडोनिया की राजधानी स्कोप्जे में वायु प्रदूषण के खिलाफ हजारों लोग ने विरोध प्रदर्शन किया. बता दें कि मैसेडोनिया जो अक्सर यूरोप के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है. स्कोप्जे में एक महीने से भी कम समय में यह दूसरा ऐसा प्रदर्शन था, जब लोग प्रदूषण के खिलाफ सड़कों पर निकलें.

स्कोप्जे शहर में 'कम आउट फॉर क्लीन एयर' मार्च में भाग लेने वालों ने प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों से इस मुद्दे पर तत्काल उपाय करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों के बैनर में लिखा था, 'हमारी हवा जहरीली है, हमारी सरकार बहरी है, धुंध से भविष्य नहीं देखा जा सकता.' इस मार्च का आयोजन कई पर्यावरण समूहों और नागरिकों की पहल द्वारा किया गया था.

इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ के अनुसार, उत्तरी मैसेडोनिया में हर साल लगभग 4,000 लोग PM2.5 कणों के संपर्क में आने के कारण मरते हैं. प्रदूषण के कारण यहां के लोगों को सांस संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ता है. यह मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे खतरनाक हैं.

2019 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार बाल्कन शहरों में 20 प्रतिशत असामयिक मौतों का कारण वायु प्रदूषण है. इस क्षेत्र में रहने वाले लोग वायु प्रदूषण के कारण औसतन अपने जीवन के 1.3 वर्ष तक खो देते हैं. 


 

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