इजरायली सैनिकों ने शुक्रवार को तीन बंधकों को गलती से खतरा समझकर गोली मारकर हत्या कर दी. बंधकों की मौत की खबर के बाद इज़राइल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और बातचीत पर लौटने की अपील की जा रही है. इस बीच इजरायली पीएम का बड़ा बयान सामने आया है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि हमास पर सैन्य दबाव बनाए रखना जरुरी है. इस घटना को नेतन्याहू ने "असहनीय त्रासदी" करार दिया है.
पीएम नेतन्याहू ने कहा, "इसने मेरा दिल तोड़ दिया. इसने पूरे देश का दिल तोड़ दिया". उन्होंने आगे कहा कि गहरे दुख के साथ, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि बंधकों की वापसी और हमारे दुश्मनों पर जीत हासिल करने के लिए सैन्य दबाव आवश्यक है.
इज़रायली सेना ने पहले खुलासा किया था कि तीन बंधकों के पास व्हाइट फ्लैग था और वे हिब्रू में मदद के लिए चिल्ला रहे थे, तभी गलती से इज़रायली सैनिकों ने उन पर गोली चला दी. उनकी मौत की खबर ने इज़राइल में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, शेष बंधकों के रिश्तेदारों ने चिंता व्यक्त की. उन्होंने नेतन्याहू से बातचीत की राह पर लौटने का आग्रह किया.
बंधक हैम पेरी की बेटी नोम पेरी ने तेल अवीव में होस्टेजेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "हमें बार-बार मृत बंधक ही मिलते हैं." उन्होंने आगे कहा, "हमारी मांग (सरकार के साथ) लड़ाई नहीं है. यह एक ऐसा कॉल है जिसे कोई भी ले सकता है. हमें ध्यान में रखें और अभी (बातचीत के लिए) एक योजना बनाएं."
हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर एक बड़ा हमला किया था. इस हमले के दौरान फिलिस्तीनी हमास ग्रुप द्वारा पकड़े गए 250 इजरायलियों और विदेशियों में से 100 से अधिक को पिछले महीने एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान 240 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में रिहा कर दिया गया था.
बाकि बचे 129 बंदियों में शामिल 19 वर्षीय सैनिक इताई के पिता रूबी चेन ने कहा, "हमें ऐसा लगता है जैसे हम रूसी रूलेट गेम में हैं (यह पता लगा रहे हैं) कि अपने प्रियजन की मौत के बारे में बताने के लिए कतार में अगला कौन होगा.
इज़राइल ने पहले कहा था कि आठ अन्य बंधकों की मौत हो गई है. लेकिन नेतन्याहू इस बात पर अड़े थे कि किसी भी नई वार्ता को सफल बनाने के लिए सैन्य बल की आवश्यकता है.
हमास ने शनिवार को कहा कि वह "जब तक हमारे लोगों के खिलाफ आक्रामकता पूरी तरह से बंद नहीं हो जाती, कैदियों की अदला-बदली के लिए कोई बातचीत नहीं शुरू करेगा". हमास के 7 अक्टूबर के हमलों के बाद, जिसमें 1,139 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, इज़राइल ने हमास को नष्ट करने और हॉस्टेस को वापस लाने की कसम खाते हुए गाजा पर लगातार बमबारी और जमीनी आक्रमण किया.
ये भी पढ़ें- "असहनीय त्रासदी": इजराइली सेना द्वारा गलती से 3 बंधकों को गोली लगने पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)