- PM नरेंद्र मोदी को चीन दौरे पर होंगकी कार उपलब्ध कराई गई, जो चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की आधिकारिक कार है.
- होंगकी ब्रैंड का स्थापना 1958 में हुई थी और इसे चीन की सरकारी कंपनी FAW ग्रुप इसका निर्माण करती है.
- होंगकी गाड़ियां चीनी राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक हैं और प्रमुख नेताओं के लिए विशेष रूप से कस्टम बनाई जाती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब चीन पहुंचे, तो वहां की जिनपिंग सरकार ने उनके सफर के लिए एक खास गाड़ी का इंतजाम किया, जिसका नाम है होंगकी (उच्चारण: होंग-ची). यह कोई मामूली कार नहीं है. यह वही लग्जरी लिमोज़ीन है जिसका इस्तेमाल खुद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने आधिकारिक दौरों पर करते हैं. चीन के लिए होंगकी सिर्फ एक गाड़ी नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय गौरव और 'मेड इन चाइना' के सपने का एक चलता-फिरता प्रतीक है.
लंबाई- 18 फीट, वजन 3.1 टन, कीमत करीब 7 करोड़ रुपये. यह चीन का सबसे पुराना लग्जरी कार ब्रांड है, जिसकी स्थापना 1958 में हुई थी. इसे चीन की सबसे बड़ी सरकारी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक, FAW ग्रुप (फर्स्ट ऑटोमोबाइल वर्क्स) बनाती है.
होंगकी इतनी खास क्यों है?
- राष्ट्रीय गौरव का प्रोजेक्ट: होंगकी कारें शुरू में सिर्फ चीन के टॉप लीडर्स के लिए बनाई गई थीं, खासकर माओ जेडोंग और कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे अधिकारियों के लिए.
- हाथ से बनी हुई लग्जरी: मास-प्रोडक्शन वाली कारों से अलग, होंगकी गाड़ियां कस्टम-निर्मित होती थीं, जो चीनी कारीगरी को दर्शाती थीं.
- कूटनीतिक महत्व: ये कारें परेड, शिखर सम्मेलनों और आधिकारिक समारोहों में एक तरह से चीनी शक्ति का प्रतीक बन गईं.
- शी जिनपिंग ने दिया महत्व: हाल के वर्षों में, इस ब्रांड को आधुनिक बनाया गया है और इसे मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और रोल्स-रॉयस के जवाब के तौर पर दोबारा लॉन्च किया गया है और शी जिनपिंग ने इसे आधिकारिक सरकारी कार बना दिया है.
पीएम मोदी का कार में बैठना अहम संदेश
प्रधानमंत्री मोदी को होंगकी लिमोजीन देकर बीजिंग ने एक कूटनीतिक संदेश दिया है. ये सम्मान सिर्फ सबसे खास मेहमानों को दिया जाता है, जो सम्मान का प्रतीक है. यह होंगकी को चीन की आत्मनिर्भरता के रूप में भी बढ़ावा देता है. यह दुनिया को याद दिलाता है कि चीन, जो कभी लग्जरी के लिए पश्चिमी कारों पर निर्भर था, अब अपनी खुद की विश्वस्तरीय गाड़ियां बनाता है.
होंगकी और 'मेड इन चाइना' का सपना
ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका के पास कैडिलैक या ब्रिटेन के पास रोल्स-रॉयस है, चीन अपनी होंगकी को अपने राष्ट्रीय प्रतिष्ठा से जुडा ब्रैंड के रूप में स्थापित कर रहा है. ये कार चीन की एक बड़ी महत्वाकांक्षा दर्शाती है. वो अब सिर्फ सस्ते सामानों की दुनिया की फैक्ट्री के रूप में नहीं, बल्कि अत्याधुनिक और लग्जरी उत्पादों को बनाने वाले के रूप में भी जाना जाना चाहता है. 1960 के दशक में माओ की परेड कार से लेकर शी जिनपिंग की आधिकारिक सवारी बनने तक, होंगकी चीनी इनोवेशन और आत्मविश्वास का एक जीता-जागता प्रतीक बन गई है.