95 दिन समुद्र में फंसा! खाया कॉकरोच और पीया कछुए का खून, इस मछुवारे की सर्वाइवल स्टोरी सुनिए

जब बात सर्वाइवल पर आ गई हो तो इंसान क्या नहीं कर गुजरता. गातोन की असली ताकत उसकी उम्मीद थी. उसने कहा, 'मैंने भगवान से बात की.  मैंने कहा, मेरी मां, मेरा भाई, मेरे बच्चे - ये मेरे लिए सबकुछ हैं." पढ़िए सिद्धार्थ प्रकाश की रिपोर्ट...

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समुद्र में फंसे मछुवारे की सर्वाइवल स्टोरी.

ज़रा सोचिए… आप एक छोटी सी बोट पर अकेले समुद्र (Peru Fisherman Stuck In Sea) के बीचों-बीच हैं… न कोई किनारा दिख रहा, न कोई मदद. खाने-पीने को कुछ नहीं बचाऔर दिन पे दिन उम्मीद भी खत्म होती जा रही है. आपके पास सिर्फ दो ही रास्ते हैं. पहला या तो हालात से हार मान लें या फिर खुद को ज़िंदा रखने के लिए कुछ ऐसा करें, जो आपने कभी सपने में भी नहीं सोचा था! कुछ ऐसा ही हुआ पेरू के मछुआरे मैक्सिमो नापा कास्त्रो के साथ, जो 95 दिन तक समंदर में फंसा रहा. उसे जब बचने की कोई उम्मीद नहीं दिखी, तो उसने कॉकरोच, मछलियां, समुद्री कछुए का खून और चिड़ियों तक को खाना शुरू कर दिया.

 अगर आपको Bear Grylls का Man vs Wild शो पसंद है, तो समझ लीजिए कि ये असली वाला Survival Mode था, वो भी बिना किसी कैमरे और बिना किसी टीम के. तो कैसे उसने इस जानलेवा हालात में 95 दिन गुज़ारे? कैसे उसकी भूख और प्यास ने उसे वो सब खाने पर मजबूर कर दिया, जिसे सोचकर ही लोग घबरा जाएं. और आखिर उसकी जान कैसे बची? आइए, इस पूरी कहानी को डीटेल में समझते हैं.

95 दिन तक समुद्र में फंसा मछुवारा

मैक्सिमो नापा कास्त्रो, एक 61 साल का मछुआरा है, जिसे लोग प्यार से 'गातोन' बुलाते हैं.  7 दिसंबर को वो पेरू के मार्कोना तट से अपनी छोटी सी नाव लेकर निकला था. उसका प्लान बस 2 हफ्ते का था. लह मछली पकड़कर घर लौटने वाला था. उसके पास 30 दिन का खाना-पानी था. लेकिन किसे पता था कि ये आम ट्रिप उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा टेस्ट बनने वाली है. 10 दिन बाद, एक भयानक तूफान ने उसकी नाव को बहा दिया. मोटर खराब हो गई. गातोन ने बार-बार कोशिश की, लेकिन मोटर स्टार्ट ही नहीं हुई. अब वह समुद्र के बीचों-बीच था. न किनारा दिख रहा था, न कोई मदद. सोचिए आप होते तो क्या करते?

न खाना और न पानी, खाए कीड़े-मकोड़े

 30 दिन तक तो गातोन अपने राशन से काम चलाते रहे. लेकिन फिर खाना और पानी खत्म हो गया. अब बात सिर्फ भूख की नहीं थी. बात थी ज़िंदा रहने की. और तब शुरू हुआ असली Man vs Wild मोमेंट.  उसने सबसे पहले नाव में मौजूद कॉकरोच और छोटे कीड़े खाने शुरू किए. ये सुनने में भले ही घिनौना लगे, लेकिन सर्वाइवल एक्सपर्ट मानते हैं कि ये प्रोटीन का अच्छा सोर्स होते हैं. आपको याद होगा जब Bear Grylls ने जंगल में कीड़े-मकोड़े खाए थे? वो कैमरे के लिए कर रहे थे, लेकिन यहां, गातोन के पास कोई और चॉइस नहीं थी.

समुद्र में फंसे नाविक ने कैसे किया सर्वाइव ?

 गातोन ने थोड़े दिन बाद, मछलियां पकड़नी शुरू कर दीं, जो कभी-कभी खुद ही नाव में कूद जाती थीं. लेकिन सबसे मुश्किल काम था चिड़ियों का शिकार करना. रात के 1-2 बजे जब चिड़ियां नाव पर बैठकर सो जाती थीं, तब वो धीरे-धीरे उनके पास जाता और एक डंडे से वार कर देता. गातोन ने बाद में बताया, "मुझे बुरा तो बहुत लगा… लेकिन या तो वो मरतीं, या मैं." यही सोचकर उसने खुद को समझाया.

टूट गया लेकिन जिंदगी से हार नहीं मानी

खाने का तो इंतज़ाम हो गया लेकिन पानी के लिए गातोन ने क्या किया? समुद्र का खारा पानी नहीं पी सकता था, इसलिए उसने एक दिन कछुए का शिकार किया, वो भी सिर्फ उसका खून पीने के लिए. यह सुनकर तो अजीब लगता है, लेकिन जब बात सर्वाइवल पर आ गई हो तो इंसान क्या नहीं कर गुजरता. गातोन की असली ताकत उसकी उम्मीद थी. उसने कहा, 'मैंने भगवान से बात की.  मैंने कहा, मेरी मां, मेरा भाई, मेरे बच्चे - ये मेरे लिए सबकुछ हैं.' कई बार तो वो इतना टूट गया कि तीन बार चाकू उठाया, सोचा सब खत्म कर दूं. लेकिन हर बार खुद को समझाया, 'गातोन, रुक जा, तू ये कर सकता है.' और सच में, ये उसकी हिम्मत ही थी जिसने उसे जिंदा रखा. 

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95 दिन बाद कैसे निकला समुद्र से बाहर ?

95 दिन बाद, एक रात जब गातोन अपनी नाव में सोने की कोशिश कर रहा था, अचानक उसे अपना नाम पुकारती एक आवाज सुनाई दी. ये एक हेलिकॉप्टर था. गातोन ने बताया, 'मैंने भगवान से कहा - तूने कर दिखाया!' हेलिकॉप्टर वालों ने इशारा किया कि जल्दी ही एक नाव आएगी. और सच में, एक घंटे बाद, रात के अंधेरे में उसे दूर से नाव की रोशनी दिखी. वो पल उसके लिए किसी सपने से कम नहीं था. 12 मार्च को इक्वाडोर की एक टूना बोट ने उसे देखा और बचा लिया.  680 मील दूर, पेरू के तट से, गातोन को जिंदा निकाल लिया गया. देखा जाए तो ये कहानी Man vs Wild से भी आगे की है, क्योंकि ये रियल थी, जिसकी कोई स्क्रिप्ट नहीं थी. 

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 इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

  • सर्वाइवल इंसान की सबसे बड़ी ताकत है! जब भी हालात मुश्किल हों, तो दिमाग से काम लो और लड़ो!
  • कभी भी उम्मीद मत छोड़ो! क्योंकि जब सबकुछ खत्म लगता है, तभी सबसे बड़ी मदद आ सकती है!
  • आज वह ज़िंदा है और कहता है कि—"अब मुझे ज़िंदगी की हर छोटी चीज़ की कद्र है!"