दुनिया के समृद्ध देशों, यानी जहां प्रति व्यक्ति आय अधिक है, में लोकतांत्रिक व्यवस्था (Democratic system) के प्रति लोगों में संतोष के भाव में कमी आई है. अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) की ओर से किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है. यह सर्वे दुनिया के 27 देशों में वहां के लोगों में लोकतंत्र (Democracy) के काम करने के तरीके के प्रति संतोष और असंतोष की स्थिति दिखाता है. इस सर्वे में खुलासा हुआ है कि दुनिया के तीन देश सिंगापुर, भारत और स्वीडन में लोकतंत्र के प्रति लोगों की सबसे अधिक आस्था है. इन तीनों देशों के 70 प्रतिशत से अधिक लोगों में लोकतंत्र के प्रति संतोष का भाव है.
दुनिया भर के देशों में दक्षिण अमेरिका का पेरू एक ऐसा देश है जहां के लोग लोकतंत्र से सबसे अधिक असंतुष्ट हैं. दक्षिण अमेरिका में इसके बाद कोलंबिया और चिले का नंबर आता है. उत्तर अमेरिकी देशों में दुनिया भर में सबसे ताकतवर समझे जाने वाले देश अमेरिका में 68 प्रतिशत लोग लोकतंत्र से असंतुष्ट हैं.
यूरोप के देशों में ग्रीस के लोगों में लोकतंत्र को लेकर सबसे अधिक असंतोष है. इसके बाद स्पेन, इटली और फ्रांस हैं. एशिया में जापान के लोग लोकतंत्र से सबसे अधिक असंतुष्ट हैं. इसके पश्चात साउथ कोरिया और श्रीलंका हैं.
यूरोप के स्वीडन में स्थिति बेहतर
इस सर्वेक्षण में लोकतंत्र से सबसे अधिक संतुष्ट दुनिया के सभी देशों में पहले नंबर पर सिंगापुर और दूसरे नंबर पर भारत है. यह दोनों देश इसी क्रम में एशिया के देशों में भी हैं. उत्तर अमेरिका के देशों में कनाडा में लोग लोकतंत्र से सबसे अधिक संतुष्ट हैं. यहां मेक्सिको में देश के आधे लोग लोकतंत्र के प्रति संतुष्ट हैं. यूरोप के देशों में स्वीडन के लोग लोकतंत्र से सबसे अधिक संतुष्ट हैं. दूसरे नंबर पर नीदरलैंड्स है. इसके बाद तीसरे नंबर पर जर्मनी है. ऑस्ट्रेलिया में लोकतंत्र को लेकर 60 फीसदी लोग संतुष्ट हैं.
देश लोकतंत्र से संतुष्ट लोकतंत्र से असंतुष्ट
कनाडा 52 46
अमेरिका 31 68
मेक्सिको 50 50
ब्राजील 44 54
अर्जेंटीना 44 55
चिले 30 66
कोलंबिया 21 77
पेरु 11 89
स्वीडन 75 24
नीदरलैंड्स 58 41
पोलैंड 57 39
जर्मनी 55 45
हंगरी 49 50
ब्रिटेन 39 60
फ्रांस 35 65
इटली 30 67
स्पेन 30 68
ग्रीस 22 78
सिंगापुर 80 19
भारत 77 20
थाईलैंड 64 35
फिलीपींस 57 42
मलेशिया 51 49
श्रीलंका 38 58
दक्षिण कोरिया 36 63
जापान 31 67
ऑस्ट्रेलिया 60 39
यह सर्वेक्षण 2024 में किया गया है. इसमें प्यू रिसर्च सेंटर ने प्रत्येक देश में टेलीफोन पर या आमने-सामने बैठकर 900 से अधिक इंटरव्यू किए. सर्वेक्षण में शामिल लोगों से पूछा गया कि, "आप (सर्वेक्षण में शामिल उनका देश) में लोकतंत्र के काम करने के तरीके से कितने संतुष्ट हैं - बहुत संतुष्ट, कुछ हद तक संतुष्ट, बहुत संतुष्ट नहीं, या फिर बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं?" इस सवाल का जिन लोगों ने जवाब नहीं दिया, उन्हें इस सर्वे से बाहर रखा गया है. इसमें राउंडिंग के कारण प्रतिशत का योग 100 फीसदी नहीं है.
सर्वेक्षण में सामने आए प्रमुख तथ्य
दुनिया भर में बहुत से लोग लोकतंत्र के काम करने के तरीके से असंतुष्ट हैं. हाल के वर्षों में उच्च आय वाले देशों में लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि में कमी आई है. यूरोप में 75% स्वीडिश अपने लोकतंत्र से संतुष्ट हैं, जबकि ग्रीस में यह आंकड़ा केवल 22% है. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तीन-चौथाई से अधिक भारतीय और सिंगापुरवासी संतुष्ट हैं, जबकि केवल 31% जापानी अपने लोकतंत्र के काम करने के तरीके से संतुष्ट हैं.
अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में स्थित प्यू रिसर्च सेंटर एक गैर पक्षपाती अमेरिकी थिंक टैंक है. प्यू रिसर्च सेंटर दुनिया को आकार देने वाले मुद्दों, दृष्टिकोणों और रुझानों के बारे में जनता को बताता है. यह सेंटर जनमत सर्वेक्षण, डेमोग्राफिक रिसर्च, कंटेंट एनालिसिस सहित अन्य डेटा-ड्रिवन सोशल साइंस रिसर्च करता है.
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