'रूस ने पाकिस्तान को JF-17 फाइटर जेट का इंजन बेचा भी तो भारत को होगा फायदा': रूसी एक्सपर्ट्स

कांग्रेस ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमान JF-17 के लिए रूस द्वारा इंजन की आपूर्ति किए जाने संबंधी मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए शनिवार को कहा था कि यह मोदी सरकार की कूटनीति की विफलता है

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रूस 2000 के दशक की शुरुआत से पूरी तरह असेंबल RD-93 इंजन की आपूर्ति कर रहा
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  • रूसी रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि पाकिस्तान को RD-93 इंजन की बिक्री वास्तव में भारत के लिए लाभकारी हो सकती है
  • RD-93 इंजन की बिक्री से यह साबित होगा कि चीन और पाकिस्तान रूसी इंजन को रिप्लेस करने में सफल नहीं हुए हैं
  • भारत ने JF-17 के संचालन को देखा है और RD-93 इंजन के कारण यह विमान भारत के लिए परिचित होगा
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रूसी रक्षा विशेषज्ञों ने रविवार, 5 अक्टूबर को कहा कि JF-17 फाइटर में इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को RD-93 इंजन की कथित बिक्री वास्तव में दिल्ली को लाभ पहुंचाएगी. विशेषज्ञों ने इसकी दो वजहें बताते हुए इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा भारत सरकार की आलोचना को अनुचित बताया है.

मॉस्को स्थित प्रतिष्ठित प्रिमाकोव इंस्टीट्यूट में दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में नयी चुनौतियों पर अनुभाग के प्रमुख प्योत्र तोपीचकानोव ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, 'मुझे नहीं लगता कि यहां आलोचना उचित है. अगर रूस द्वारा JF-17 के लिए इंजन उपलब्ध कराने की खबरें सही हैं, तो इससे भारत को वास्तव में दो तरह से लाभ होगा.''

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले, यह दर्शाता है कि चीन और पाकिस्तान अभी तक रूसी इंजन को बदलने में कामयाब नहीं हुए हैं. दूसरे, नया विमान भारत के लिए परिचित और अनुमानित होगा, खासकर इसलिए क्योंकि दोनों एक ही इंजन साझा करते हैं और भारत ने मई 2025 के संकट (ऑपरेशन सिंदूर) के दौरान JF-17 के परिचालन उपयोग (ऑपरेशन में काम करते) को देखा है.''

तोपीचकानोव ने याद दिलाया कि चीन ने रूस से अपने FC-17 जेट के लिए अस्थायी उपाय के तौर पर RD-93 इंजन की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया था तथा इसके पाकिस्तान को हस्तांतरण की संभावना के मुद्दे को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह के समय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की तत्कालीन सरकारों द्वारा उठाया गया था.

हालांकि, एक अन्य विशेषज्ञ ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर हुई बातचीत धुंधली-सी याद है, उन्होंने कहा, ‘‘मास्को ने नयी दिल्ली को यह विश्वास दिलाया कि RD-93 डील बिना किसी तकनीकी हस्तांतरण (टीओटी) के पूरी तरह से व्यावसायिक है, जबकि भारत को तकनीकी हस्तांतरण (टीओटी) के तहत कहीं बेहतर RD-33 इंजन का लाइसेंस दिया गया है.''

क्लिमोव संयंत्र द्वारा उत्पादित RD-93, अपने मूल RD-33 की तुलना में, अधिक ‘थ्रस्ट' देता है, लेकिन इसकी सेवा अवधि कम है. RD-93 की सेवा अवधि 2,200 घंटे है, जबकि RD-33 की 4,000 घंटे.

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रूस-चीन-पाकिस्तान के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते के तहत, रूस 2000 के दशक की शुरुआत से पूरी तरह से असेंबल किए गए RD-93 इंजन की आपूर्ति कर रहा है. पाकिस्तान अब एक संशोधित संस्करण (वर्जन) चाह रहा है, जो अभी तक विकसित नहीं हुआ है. बिक्री के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

कांग्रेस ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमान JF-17 के लिए रूस द्वारा इंजन की आपूर्ति किए जाने संबंधी मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए शनिवार को कहा था कि यह मोदी सरकार की कूटनीति की विफलता है और उसे देश को यह बताना चाहिए कि भारत का एक भरोसेमंद साथी रूस, पाकिस्तान को सैन्य सहयोग क्यों दे रहा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उन खबरों का हवाला दिया था, जिनमें कहा गया है कि रूस JF-17 लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत RD-93MA इंजन की आपूर्ति कर रहा है.

बीजेपी ने पाकिस्तान को JF-17 जेट इंजन की आपूर्ति पर रूस के आगे बढ़ने की खबरों को रविवार को ‘‘गैरजिम्मेदाराना सूचना युद्ध'' करार दिया और इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाने के लिए कांग्रेस की आलोचना की. बीजेपी ने कांग्रेस पर भारत के बजाय ‘‘दुश्मन का पक्ष लेने'' का आरोप लगाया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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