पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की जेल से रिहाई को लेकर विरोध-प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. इमरान खान ने रविवार को जेल से इस विरोध प्रदर्शन की अपील की थी. उन्होंने PTI कार्यकर्ताओं से 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने या पार्टी छोड़ने के लिए कहा था. इमरान खान ने अपनी रिहाई के लिए इस प्रदर्शन (Pakistan Protest)को 'फाइनल कॉल' नाम दिया है. उनकी अपील के बाद इस्लामाबाद के डी-चौक पर PTI के समर्थकों ने मार्च करना जारी रखा है. डी-चौक कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और सुप्रीम कोर्ट के करीब स्थित है.
तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ हिंसक झड़पों में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई है. ऐसे में देश के आंतरिक मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत सेना को तैनात किया है. पाकिस्तान (Pakistan Army) की आर्मी ने प्रदर्शनकारियों को शूट एट साइट के आदेश दिए हैं.
आइए जानते हैं पाकिस्तान में इमरान खान ने ऐसे विरोध प्रदर्शन की अपील क्यों की? पाकिस्तानी फौज क्या कर रही है? शहबाज शरीफ की सरकार का क्या स्टैंड है:-
कब से जेल में बंद हैं इमरान खान?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (72) पिछले साल अगस्त से अडियाला जेल में हैं. इमरान खान ने कथित तौर पर चोरी किये गये जनादेश, लोगों की गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की थी. उन्होंने 13 नवंबर को 24 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करने की अपील की थी.
इमरान खान पर कितने केस दर्ज?
इमरान खान पर 100 से ज्यादा केस हैं. इस्लामाबाद के लोकल कोर्ट ने उन्हें 5 अगस्त 2023 को तोशाखाना केस में दोषी करार दिया था. इसके बाद उन्हें इस्लामाबाद के जमान पार्क स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. फिर उन्हें 2 और मामलों में दोषी करार दिया गया.
PTI समर्थकों को क्या दिया था मैसेज?
इमरान खान ने अपनी रिहाई के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शन को आजादी की लड़ाई के रूप में पेश किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "24 नवंबर गुलामी से आजाद होने का दिन है. मुल्क को यह तय करना होगा कि बहादुर शाह जफर की तरह गुलामी का जुआ पहनना है या टीपू सुल्तान की तरह आजादी का ताज पहनना है." अपने पोस्ट में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि उन्हें जेल में डालना उन्हें सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए एक राजनीतिक चाल है. उनकी पार्टी नए चुनावों की मांग कर रही है, उनका दावा है कि पिछले चुनावों में धांधली हुई थी.
प्रदर्शनकारियों की क्या हैं मांगें?
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और समर्थक 3 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि इमरान खान और PTI कार्यकर्ताओं की जल्द रिहाई की जाए. दूसरी मांग है कि 2024 में हुए चुनाव के नतीजों को माना जाए. इस चुनाव में PTI को जबरदस्त समर्थन मिला था. PTI की तीसरी मांग है कि पाकिस्तानी संसद में पास अदालतों की ताकत कम करने वाले 26वें संविधान संशोधन एक्ट को वापस लिया जाए.
इस्लामाबाद में अभी मौजूदा हालात कैसे हैं?
पाकिस्तान में इस वक्त हालात खराब हैं. इमरान खान के हजारों समर्थक इस्लामाबाद की सड़कों पर उतरकर उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं. कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है. इस हिंसक प्रदर्शन में पाकिस्तानी फौज के 4 रेंजरों समेत 9 लोगों की मौत हो गई है. 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं. इस्लामाबाद में भी 18 नवंबर से धारा 144 लागू है. इमरान खान के समर्थकों ने इस्लामाबाद में सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन का उल्लंघन किया. इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने इस्लामाबाद में शूट एट साइट का आदेश जारी किया है.
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हिंसक घटनाओं में अब तक कितनी गिरफ्तारी?
हिंसक घटनाओं के बाद करीब 200 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है. PTI के 1200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में रखा गया है. विरोध-प्रदर्शन की वजह से पाकिस्तान के कई शहरों में इंटरनेट और मोबाइल सर्विस सस्पेंड कर दी गई हैं. स्कूल-कॉलेज बंद हैं. मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ है.
विरोध प्रदर्शन में बुशरा बीबी का क्या रोल?
इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे तभी D-चौक से जाएं, जब इमरान खान खुद आकर अगली कार्रवाई के बारे में बताएं. हालांकि, बुशरा बीबी ने पहले घोषणा की थी कि वह विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगी. लेकिन, रविवार को उन्होंने अपनी कार से रास्ते में समर्थकों को संबोधित भी किया और देरी को लेकर निराशा भी जाहिर की. बुशरा ने कहा, "समय बर्बाद हो रहा है. अपनी गाड़ियों में ही रहें, ताकि हम जल्दी से वहां पहुंच सकें."
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शहबाज सरकार क्या कर रही?
पाकिस्तान में शहबाज सरकार का दावा है कि इमरान खान के समर्थकों के हमले में पाकिस्तान रेंजर्स के 4 जवानों की मौत हो गई है. इस्लामाबाद प्रशासन के मुताबिक, इमरान खान के समर्थकों ने इन पाकिस्तानी रेंजर्स को गाड़ियों से कुचल दिया. पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस्लामाबाद के IG को आदेश दिया है कि हालात को चाहे जैसे भी हो, नियंत्रित किया जाए.
PM शहबाज शरीफ ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रदर्शनकारियों द्वारा रेंजर्स और पुलिस कर्मियों पर हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे घटना में शामिल लोगों की तुरंत पहचान करें और यह सुनिश्चित करें. आरोपियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए. शहबाज शरीफ ने कहा, "तथाकथित शांतिपूर्ण विरोध की आड़ में पुलिस और रेंजर्स पर हमले निंदनीय हैं. अराजकतावादी समूह खूनखराबा चाहते हैं. यह शांतिपूर्ण विरोध नहीं है, बल्कि उग्रवाद है."
क्या है पाकिस्तानी फौज का स्टैंड?
अगर इमरान खान जेल से बाहर आते हैं, तो वो पाकिस्तान में दोबारा चुनाव की मांग कर सकते हैं. इमरान खान के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) अकाउंट पर 5 जुलाई को हुई एक पोस्ट में इस साल 8 फरवरी को हुए आम चुनावों को फर्जी बताया गया था. ऐसे में शहबाज सरकार या फौज नहीं चाहेगी कि इमरान खान किसी भी कीमत पर रिहा हों.
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श्रीलंका की ‘ए'ने बीच में छोड़ी सीरीज
पाकिस्तान में जारी राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन के बीच श्रीलंका की ‘A' टीम पाकिस्तान शाहीन (ए टीम) के खिलाफ चल रही सीरीज के बीच से ही स्वदेश लौट जाएगी. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मंगलवार को पुष्टि की कि श्रीलंका क्रिकेट (SLC) के साथ सलाह-मशविरे के बाद उसने पाकिस्तान शाहीन और श्रीलंका ए के बीच होने वाले आखिरी दो 50 ओवर के मैच को स्थगित कर दिया है.
प्रदर्शन को मिल रहा इंटरनेशनल रिस्पॉन्स
पाकिस्तान में इमरान खान के लिए चल रहे विरोध प्रदर्शन को दुनियाभर से सपोर्ट मिल रहा है. दुनियाभर के 60 से ज्यादा शहरों में PTI समर्थक इमरान खान की रिहाई के लिए मांग कर रहे हैं. PTI ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन के कई शहरों से प्रदर्शन की तस्वीरें भी शेयर की हैं.
अमेरिका ने की मानवाधिकारों के आदर की अपील
इस बीच इमरान खान की रिहाई के लिए रैली निकाले जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान के अधिकारियों से मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का आदर करने की अपील की है. अमेरिका में विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को अपनी डेली ब्रीफिंग में कहा, "पाकिस्तान समेत दुनिया भर में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा और संगठन का समर्थन करते हैं. हम प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने और हिंसा से दूर रहने का आह्वान करते हैं."
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