पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापे के बाद वहां स्थानीय लोगों ने डकैती डाल दी. जिनके हाथ जो भी लगा वे उसे ले गए. पाकिस्तना की फेडरल जांच एजेंसी ने इस्लामाबाद के सेक्टर एफ-11 में चीनी नागरिकों द्वारा संचालित सपोर्ट हब पर छापा मारा था और उसके तुरंत बाद लोगों ने अपना ‘कार्यक्रम' चालू कर दिया. लूट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार यह कॉल सेंटर कथित तौर पर धोखाधड़ी से जुड़ी गतिविधियों में शामिल था और अवैध रूप से चलाया जा रहा था. जैसे ही यहां अधिकारी परिसर में घुसे, उनके पीछे स्थानीय लोग भी अंदर आ गए.
"रमजान के पवित्र महीने..."
वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं जिनमें क्या जवान और क्या बुजुर्ग- लैपटॉप, डेस्कटॉप, मॉनिटर, कीबोर्ड, एक्सटेंशन और जो कुछ भी वे ले जा सकते थे, लूटकर ले गए. कुछ ने तो फर्नीचर और कटलरी सेट भी उठा लिए जैसे कि यह सब के लिए मुफ्त की सेल लगी हो.
एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा: "पाकिस्तानियों ने इस्लामाबाद में चीनियों द्वारा संचालित एक कॉल सेंटर को लूट लिया है; रमजान के पवित्र महीने के दौरान फर्नीचर और कटलरी के साथ सैकड़ों लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी हो गए."
वीडियो तेजी से वायरल हो गया, और कहने की जरूरत नहीं कि लोगों ने एक से बढ़कर एक कमेंट किए. एक व्यक्ति ने कहा, "पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जहां बिजनेस खोलना क्रिप्टो में निवेश करने से ज्यादा जोखिम भरा है."
एक यूजर ने लिखा, "ऐसा लगता है कि उन्होंने कॉल सेंटर को चैरिटी ड्राइव समझ लिया: लैपटॉप से लेकर कटलरी तक सब कुछ चला गया!"
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फर्जी गतिविधियों को अंजाम देने और दुनिया भर के लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में जांच के दायरे में आने के बाद कॉल सेंटर पर छापा मारा गया था. कुछ चीनी नागरिकों सहित विदेशियों का एक समूह कथित तौर पर यहां रैकेट चलाने में शामिल था. छापेमारी में कुछ विदेशियों सहित 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, कुछ भागने में सफल रहे.