VIDEO : गिरफ्तारी से बचने के लिए दौड़कर कोर्ट में घुसे पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी

टीवी फुटेज में चौधरी को वाहन से बाहर निकलकर अदालत भवन के प्रवेश द्वार की ओर दौड़ते हुए देखा गया.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी मंगलवार को दोबारा गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी जान की बाजी लगाते हुए यहां उच्च न्यायालय की इमारत में घुस गए.

पिछले सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी के समर्थकों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव के तहत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता चौधरी को हिरासत में लिया गया था, और उन्होंने इस मामले में रिहा किए जाने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ( आईएचसी) में याचिका दायर की थी.

न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब की अदालत में सुनवाई के दौरान चौधरी ने हलफनामा दिया कि वह किसी भी हिंसक विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगे, इसके बाद अदालत ने उन्हें रिहा करने का आदेश दिया. इससे उत्साहित चौधरी अदालत की ओर से लिखित आदेश जारी होने से पहले ही वहां से जाने लगे. इसके बाद जब वह अपनी कार में बैठकर घर जाने लगे तो उन्हें लगा कि पुलिस अधिकारी उनका पीछा कर रहे हैं.

टीवी फुटेज में चौधरी को वाहन से बाहर निकलकर अदालत भवन के प्रवेश द्वार की ओर दौड़ते हुए देखा गया. जब एक वकील उनकी मदद के लिए आया तो उन्हें झुकते और हांफते देखा गया. पीछे से किसी को “उनके लिए पानी लाओ” कहते हुए सुना गया. इसी बीच कोई दूसरा व्यक्ति कहता है “मरने वाले हैं.”

चौधरी की पत्नी हिबा ने ट्वीट किया, “उन्होंने एक बार फिर गिरफ्तार करने की कोशिश की. ”

बाद में चौधरी ने न्यायमूर्ति औरंगजेब को बताया कि अदालत से जमानत मिलने के बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की. बाद में न्यायाधीश ने उन्हें दिलासा दिया.

Advertisement

न्यायाधीश ने कहा, “आप तो खुद एक वकील हैं, लिहाजा आपको तो लिखित आदेश का इंतजार करना चाहिए था.”

इसके बाद न्यायाधीश ने चौधरी को किसी भी मामले में गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी, जिसके बाद उन्होंने राहत की सांस ली.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Prashant Kishor Exclusive: BJP और Nitish Kumar के बारे में ये क्या बोल गए प्रशांत? | Bihar Elections
Topics mentioned in this article