पाकिस्तान में आम चुनाव के बीच जमकर हिंसा हुई. गुरुवार को आम चुनाव के लिए मतदान के बीच हुए 51 आतंकवादी हमलों में दस सुरक्षाकर्मियों सहित कम से कम 12 लोग मारे गए और 39 अन्य घायल हो गए. पाकिस्तान के द न्यूज इंटरनेशनल ने यह जानकारी दी है. पाकिस्तान स्थित दैनिक ने सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के हवाले से बताया, "51 कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों के बावजूद, चुनाव शांतिपूर्ण रहा. इन हमलों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को बाधित करना था, लेकिन सैनिक डटे रहे और पूरे पाकिस्तान में प्रभावी ढंग से सुरक्षा और शांति सुनिश्चित की. ज्यादातर हमले केपी और बलूचिस्तान में हुए.
क्यों हो रही पाक चुनाव के परिणाम घोषित करने में देरी?
पाकिस्तान में मतदान के बाद वोटों की गिनती और नतीजों के ऐलान का काम जारी है. हालांकि, इमरान खान की पार्टी पीटीआई का आरोप है कि इस काम में जानबूझकर देरी की जा रही है. शुरुआती रुझानों में और पीटीआई के आज़ाद उम्मीदवारों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. लेकिन उसका आरोप है कि चुनाव नतीजे बदले जा रहे हैं. इस चुनाव में पहले नवाज़ शरीफ़ की पार्टी पीएमएल की जीत की बड़ी संभावना व्यक्त की जा रही थी, लेकिन शुरुआती रुझानों में नतीजे उस हिसाब से नहीं आए हैं. हालांकि नतीजों की आधिकारिक घोषणा अभी बाक़ी है और पीटीआई उसमें धांधली का आरोप लगा रही है.
5 आतंकवादी भी हुए ढेर
रिपोर्ट में कहा गया है, "एक्टिव खुफिया फोर्स और त्वरित कार्रवाई से कई संभावित खतरों को बेअसर कर दिया गया, जो हमारे नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए हमारी सुरक्षा एजेंसियों की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. विभिन्न ऑपरेशनों के दौरान पांच आतंकवादी भी मारे गए." एक बयान में, आईएसपीआर ने कहा कि इन हमलों में सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के 10 कर्मियों सहित 12 लोग मारे गए और 39 अन्य घायल हो गए.
Pak Election में 137,000 सेना के जवानों ने संभाला मोर्चा
इसके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 6,000 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर 137,000 सेना के जवानों और नागरिक सशस्त्र बलों को तैनात किया गया था और हिंसा को रोकने के लिए 7,800 से अधिक क्विक रिस्पॉन्स फोर्स की टीमें (क्यूआरएफ) भी जमीन पर थीं. आईएसपीआर ने कहा, "सशस्त्र बलों के साथ-साथ अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सुरक्षित चुनावी प्रक्रिया के संचालन के दौरान सुरक्षा प्रदान करने, नागरिक शक्ति की सहायता करने और पाकिस्तान के संविधान के अनुसार महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर गर्व है."
हिंसा के बीच इंटरनेट सेवाओं को करना पड़ा बंद
आईएसपीआर ने आगे कहा, "सशस्त्र बल देश में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए समर्पित हैं और हमारे राज्य की लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा में अटूट समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार हैं." डॉन की गुरुवार की रिपोर्ट के अनुसार, धांधली के आरोपों और सेल्युलर और इंटरनेट सेवाओं के बंद होने के बीच पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया.
मतदान को स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं माना जा रहा
मतदान प्रक्रिया सुबह 8 बजे शुरू हुई और शाम 5 बजे तक जारी रही. पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पहले कहा था कि केवल मतदान केंद्र के अंदर पहले से मौजूद लोगों को समय के बाद भी मतदान करने दिया जाएगा. हालांकि, मतदान को स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं माना जा रहा है, क्योंकि इसमें धांधली और लोगों को मतदान से रोकने को लेकर कई आरोप लगाए गए थे. एक बड़े घटनाक्रम में संघीय आंतरिक मंत्रालय ने गुरुवार को आम चुनावों के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पूरे पाकिस्तान में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया. इंटरनेट मॉनिटर नेटब्लॉक्स ने यह भी कहा कि वास्तविक समय के आंकड़ों से पता चलता है कि "मोबाइल नेटवर्क व्यवधानों के अलावा पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में" इंटरनेट ब्लैकआउट प्रभावी था, जैसा कि डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है.
महिलाओं को वोट देने से रोका गया...
पाकिस्तान चुनाव में हिंसा और इंटरनेट बंद करने की घटना की प्रमुख राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने देश भर में मोबाइल फोन सेवाओं की तत्काल बहाली की मांग की है. एआरवाई न्यूज ने गुरुवार को बताया कि स्वाबी जिले के एनए-20 गांव में महिला मतदाताओं पर वोट डालने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. स्वाबी जिले के अदीना गांव में स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर महिलाओं को वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने से रोक दिया. खबरों के मुताबिक, चुनाव कर्मचारी मतदान केंद्र पर मौजूद थे, जबकि कुछ महिला मतदाता नजर आईं. एआरवाई न्यूज के अनुसार, एक अन्य घटना में, वाशबूड पंजगुर में एक मतदान केंद्र के पास विस्फोट में कम से कम दो बच्चे मारे गए.
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