पाकिस्तानी संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) ने रविवार को संसद में हुए अविश्वास प्रस्ताव वोट (No Trust Vote) में अपनी सरकार खो दी. प्रस्ताव के पक्ष में 174 वोट डाले गए और विरोध में एक भी नहीं पड़ा. एक हफ्ते पहले वो वोटिंग से बच निकले थे, उनके खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बता दिया और फिर से अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने की मंजूरी दी.
इस पूरे मामले में इमरान खान के बाद शहबाज शरीफ पर ही सबकी नज़रें हैं. माना जा रहा है कि इमरान खान सरकार गिरने के बाद पीएमएल (नवाज) के नेता शहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री बन सकते हैं. शहबाज़ शरीफ़, पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ के भाई हैं. अगर वो पीएम बनते हैं तो नवाज़ शरीफ पाकिस्तान लौट सकते हैं.
शहबाज़ शरीफ़ के बारे में कुछ खास बातें, कौन हैं ये?
इमरान खान के खिलाफ विपक्ष की मुहिम चला रहे प्रमुख चेहरा शहबाज़ शरीफ तीन बार पाक़िस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज़ शरीफ के भाई हैं. शहबाज़ शरीफ़ पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे हैं और अबी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के अध्यक्ष हैं. शहबाज के नाम सबसे लंबे समय तक पंजाब के सीएम रहने का गौरव प्राप्त है. वे तीन बार यह पद संभाल चुके हैं. वे पहली बार 1997 में पंजाब प्रोविंस के सीएम बने थे. 1999 के परवेज मुशर्रफ के तख्तापलट के बाद उन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था और आठ साल निर्वासन के सऊदी अरब में गुजारने पड़े थे.
शहबाज और उनके भाई वर्ष 2007 में पाकिस्तान लौटे और 2008 के चुनावों में पार्टी की जीत के बाद वे फिर (शहबाज ) फिर पंजाब 2007 में पंजाब के सीएम बने थे. पंजाब के तीसरी बार सीएम के तौर पर शाहबाज का कार्यकाल 2013 में शुरू हुआ था और 2018 में पीएमएल-एन की हार तक उन्होंने पूरा कार्यकाल संभाला था. 2018 के चुनाव के बाद उन्हें विपक्ष का नेता मनोनीत किया गया था.
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इन्हें सख़्त प्रशासक के तौर पर देखा जाता है और कहा जाता है कि वो हमेशा काम में डूबे रहने वाले शख्स हैं. सेना से इनके रिश्ते अपने भाई के मुक़ाबले कहीं बेहतर माने जाते हैं. शरीफ का तख्तापलट सेना ने ही किया था. शहबाज़ शरीफ़ अपनी कई शादियों और लंदन, दुबई में जुटाई प्रॉपर्टीज़ के बावजूद आम लोगों में लोकप्रिय हैं.
दिसंबर 2019 में नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB)ने मनी लांड्रिंग का आरोप लगाते हुए शहबाज और उनके बेटे हमजा की 23 संपत्तियों को फ्रीज कर दिया था. उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार किया गया. अप्रैल 2021 में लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें मनी लांड्रिंग मामले में जमानत पर रिहा किया था.
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