भारत के चंद्रयान-3 मिशन को पाकिस्तान ने बताया महान वैज्ञानिक उपलब्धि

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच का कहना है कि पाकिस्तान भी एक महत्वपूर्ण विकासशील देश है, जिसने दक्षिण के देशों के बीच शांति, एकजुटता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं

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ब्रिक्स में शामिल होने के लिए कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया- पाकिस्तान
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने शुक्रवार को कहा कि देश ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि देश हालिया घटनाओं का जायजा लेगा और ब्रिक्स के साथ अपने भविष्य को लेकर निर्णय करेगा. पाकिस्‍तान ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन को लेकर कहा कि इसके लिए इसरो के वैज्ञानिक सराहना के पात्र हैं.

वैश्विक शांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
बलूच ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "पाकिस्तान ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया है. हम मौजूदा हालात का जायजा करेंगे और ब्रिक्स के साथ अपने भविष्य के जुड़ाव के बारे में निर्णय लेंगे. पाकिस्तान बहुपक्षवाद का एक प्रबल समर्थक है और कई बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य के रूप में यह हमेशा से रहा है और वैश्विक शांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है."

इसरो वैज्ञानिक सराहना के पात्र
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी एक महत्वपूर्ण विकासशील देश है, जिसने दक्षिण के देशों के बीच शांति, एकजुटता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं. उन्होंने कहा, "हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भावना को बढ़ावा देने और समावेशी बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने प्रयास जारी रखेंगे."
भारत के चंद्रयान-3 मिशन पर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "मैं केवल इतना कह सकती हूं कि यह एक महान वैज्ञानिक उपलब्धि है, जिसके लिए इसरो वैज्ञानिक सराहना के पात्र हैं."

ब्रिक्स में शामिल हो रहे नए देश 
ब्रिक्स देशों के समूह ने गुरुवार को छह नए सदस्यों- अर्जेंटीना, इथियोपिया, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब और यूएई को शामिल करने का फैसला किया. नई सदस्यता 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के नेताओं ने समूह के विस्तार का समर्थन किया, 2010 के बाद इस तरह का पहला विस्तार जब दक्षिण अफ्रीका को समूह में शामिल किया गया था.

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि विस्तार के पहले चरण के हिस्से के रूप में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. इस विस्तार के साथ, दुनिया के नौ सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से छह अब ब्रिक्स का हिस्सा हैं. रामफोसा ने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की जोहान्सबर्ग घोषणा जारी करते हुए यह घोषणा की.

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