अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पाकिस्तान भर में महिलाओं द्वारा अपनी शिकायतों को सुनने और नारीत्व का जश्न मनाने के लिए हर साल आयोजित की जाने वाली औरत मार्च बुधवार को हिंसक हो गई. जियो न्यूज ने बताया कि औरत मार्च रैली में विभिन्न क्षेत्रों से महिलाएं और ट्रांसजेंडर शामिल हुए. रैली में ट्रांसजेंडर की बड़ी संख्या पर पुलिस के सवाल उठाने पर रैली में भाग लेने वालों और पुलिस के बीच बहस हो गई. थोड़ी देर बाद प्रेस क्लब के बाहर मार्च करने वालों और पुलिस के बीच बहस एक हिंसक लड़ाई में तब्दील हो गई.
संघीय जलवायु परिवर्तन भी शामिल हुईं
मार्च में शामिल महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने "रैली को रोकने की बहुत कोशिश की." एक महिला रिपोर्टर और एक स्थानीय न्यूज चैनल के कैमरामैन को भी चोटें आईं हैं. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने भी रैली में भाग लिया और भड़की हिंसा की कड़ी निंदा की. अपने ट्विटर हैंडल पर रहमान ने कहा, "औरत आज़ादी मार्च के मित्र सही में परेशान हैं. इस्लामाबाद पुलिसको एक छोटे से शांतिपूर्ण जुलूस पर लाठीचार्ज करने का कोई हक नहीं था. दुखद. जांच की मांग करेंगे." उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'मैं इस हिंसा की कड़ी निंदा करती हूं और घटना की जांच की मांग की है. इसके लिए कोई बहाना नहीं है. गृह मंत्री के संज्ञान में लाया गया है."
एचआरसीपी ने की निंदा
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस विवाद के बाद, कई लोगों और संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई और क्रूरता की निंदा की. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने ट्वीट किया, "इस्लामाबाद पुलिस द्वारा औरत आजादी मार्च में नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग की एचआरसीपी निंदा करता है. हम उन रिपोर्टों से भी चिंतित हैं कि धार्मिक संगठनों ने महिलाओं को मार्च में भाग लेने से रोकने की कोशिश की है." किसी भी अन्य नागरिक की तरह महिलाओं को भी शांतिपूर्ण सभा का उतना ही अधिकार है." औरत मार्च का आयोजन घोटकी में भी किया गया था, जहां मार्च करने वालों ने नारा लगाया, "जब तक महिलाएं मारी जा रही हैं, हम लड़ते रहेंगे."
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